ग्लोबल ऑयल मार्केट्स में भारत की भूमिका सबसे बड़ी रहने वाली है.
तेज आर्थिक विकास और समृद्ध मिडिल क्लास के चलते 2030 तक भारत में सबसे ज्यादा रहेगी ऑयल डिमांड!
India Economic Growth: भारतीय अर्थव्यवस्था में जोरदार तेजी, जनसंख्या और डेमोग्राफिक्स में बदलाव के चलते ग्लोबल ऑयल मार्केट्स में भारत की भूमिका सबसे बड़ी रहने वाली है.
India Oil Demand: तेज आर्थिक विकास के चलते 2030 तक पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा क्रूड ऑयल की डिमांड भारत में देखने को मिलेगी. शहरीकरण, औद्योगिकरण और समृद्ध हो रहे मध्यम वर्ग के चलते भारत में सबसे ज्यादा ऑयल डिमांड रहने वाली है. इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (International Energy Agency) ने अपनी रिपोर्ट में ये बातें कही गई है.
इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) ने इंडियन ऑयल मार्केट आउटलुक टू 2030 (Indian Oil Market Outlook to 2030) नाम से गोवा में चल रहे इंडियन एनर्जी वीक 2024 (India Energy Week 2024 ) में ये लेटेस्ट रिपोर्ट जारी किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा समय से लेकर 2030 तक भारत में सबसे ज्यादा ऑयल डिमांड में ग्रोथ देखने को मिलेगी. वहीं विकसित अर्थव्यवस्था और चीन में ऑयल डिमांड की रफ्तार धीमी पड़ने वाली है.
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था में जोरदार तेजी, जनसंख्या और डेमोग्राफिक्स में बदलाव के चलते इस दशक में बचे हुए समय में ग्लोबल ऑयल मार्केट्स में भारत की भूमिका सबसे बड़ी रहने वाली है. इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी के मुताबिक भारत में बढ़ते शहरीकरण, औद्योगिकरण के साथ मोबिलिटी और टूरिज्म के लिए उभरते हुए उत्सुक अमीर मिडिल क्लास के साथ ही खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन की अधिक मांग से चलते ऑयल डिमांड में तेजी देखने को मिल सकती है.
भारत प्रति दिन 1.2 मिलियन बैरल की ऑयल डिमांड की की राह पर है, जो कि वैश्विक डिमांड 3.2 मिलियन बैरल प्रति दिन के एक तिहाई के बराबर है जो 2030 तक बढ़कर 6.6 मिलियन बैरल तक जा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक बड़े पैमाने पर औद्योगिक विस्तार के चलते का डीजल गैसऑयल की तेज डिमांड के चलते ऑयल डिमांड का सबसे प्रमुख स्रोत रहने वाला है जो देश ऑयल डिमांड में लगभग आधी वृद्धि और 2030 तक कुल वैश्विक ऑयल डिमांद में बढ़ोतरी का छठा हिस्सा रह सकता है.
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की तेल कंपनियां घरेलू डिमांड में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए रिफाइनिंग क्षमता में भारी भरकम निवेश करने वाली हैं. अगले 7 वर्षों में प्रति दिन 1 मिलियन बैरल नई रिफाइनिंग क्षमता ये कंपनियां जोड़ने वाली हैं.