योगी सरकार में अब तक 11 परीक्षाएं रद्द ? 100-100 रुपए में बिका पेपर …
परीक्षा 3 बजे…पेपर 8 बजे ही वॉट्सऐप पर आ गया
टेलीग्राम पर 100-100 रुपए में बिका पेपर; 7 साल में 11 भर्तियां रद्द
5 साल के लंबे इंतजार के बाद यूपी सरकार ने पुलिस भर्ती निकालकर युवाओं को खुश होने का मौका दिया। उम्र में छूट दी, तो ओवरएज हो चुके युवाओं में भी खुशी छा गई। उन्हें एक उम्मीद मिल गई। करीब 50 लाख युवाओं ने 4-4 सौ रुपए देकर फॉर्म भर दिया। ट्रेन-बस, टैक्सी, जैसे भी पहुंच सकते थे परीक्षा केंद्र पर पहुंचे और परीक्षा दी। बाहर निकले और वॉट्सऐप पर सॉल्व पेपर को देखा, तो ऐसा लगा जैसे सब कुछ किसी ने छीन लिया हो। पैर के नीचे से जमीन खिसक गई।
भर्ती बोर्ड यह मानने को तैयार नहीं कि परीक्षा में धांधली हुई। युवाओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। भर्ती बोर्ड ने सबूत मांगे, तो मेल भेजकर उनका इनबॉक्स भर दिया। मामला सीएम योगी तक पहुंचा। उन्होंने शनिवार को मीटिंग बुलाई। कहा- छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। इसके बाद परीक्षा को कैंसिल कर दिया गया।
आखिरकार सरकार ने माना कि धांधली हुई। परीक्षा से पहले पेपर वायरल हुए। इसलिए रद्द कर दी। लेकिन यह आसान नहीं था।
5 साल बाद भर्ती आई, विरोध हुआ तो उम्र में छूट मिली
23 दिसंबर 2023…5 साल के लंबे इंतजार के बाद यूपी पुलिस एवं प्रोन्नति बोर्ड ने 60 हजार 244 पदों पर भर्ती का ऐलान किया। शुरुआती नोटिफिकेशन में उम्र में छूट नहीं दी गई। लेकिन युवाओं के विरोध के बाद सरकार ने सभी वर्ग के अभ्यर्थियों को 3-3 साल की छूट दे दी। 50 लाख 15 हजार अभ्यर्थियों ने फॉर्म भर दिए। 400-400 रुपए फीस भरी। सुबह उठकर कोचिंग जाने लगे। कुछ ने तो 5 किलोमीटर की दौड़ भी लगानी शुरू कर दी। 17 और 18 फरवरी को 2-2 पालियों में परीक्षा होनी थी।
16 फरवरी 2024…रात के 10 बजे। रेलवे स्टेशनों पर हजारों की भीड़। बसों, ट्रेनों में धक्के खाकर स्टूडेंट्स किसी तरह एग्जाम सेंटर पर पहुंचने की जद्दोजहद में थे। अगली सुबह भटक-भटक कर सेंटर ढूंढे। सुबह किसी तरह सेंटर पहुंच गए। 12 बजकर 5 मिनट तक पहले चरण का पेपर हुआ। अब तक सब ठीक था। इसी दिन दोपहर 3 बजे से दूसरे चरण का पेपर होना था। पेपर हो गया, लेकिन सोशल मीडिया पर हलचल हुई कि पुलिस भर्ती का पेपर लीक हो गया। कोई मजबूत तथ्य नहीं थे, इसलिए किसी बड़े अफसर या विभाग की तरफ से ध्यान नहीं दिया। हलचल थम गई।
18 फरवरी 2024… 10 बजे से तीसरे चरण का एग्जाम होना था। 9 बजकर 16 मिनट पर एक क्वेश्चन पेपर वायरल हुआ। अरुण सर रीजनिंग नाम के एक टेलीग्राम चैनल पर यह पेपर भेजा गया। दरअसल, अरुण पुलिस भर्ती की तैयारी करवाते हैं। वो रीजनिंग के शिक्षक हैं। उन्होंने परीक्षा से पहले ही यह पेपर अपने चैनल पर भेजा और लिखा कि यह पेपर वायरल हो रहा है। अगर परीक्षा में यही पेपर आता है, इसका मतलब कि पेपर लीक हो गया है। अगर ऐसा हुआ, तो हम स्टूडेंट्स के साथ मिलकर उन्हें न्याय दिलाएंगे।
12 बजकर 5 मिनट। एग्जाम खत्म हुआ। जो पेपर वायरल हुआ था, वो असली पेपर से मैच नहीं हुआ। टेलीग्राम ग्रुप पर अरुण ने फिर मैसेज किया कि “ये पेपर नहीं आया। इसका मतलब पेपर लीक नहीं हुआ है।” इस मैसेज के बाद पेपर लीक की अफवाहें शांत हो गईं। 3 बज गए। अब चौथे यानी आखिरी चरण का एग्जाम होना था।
एग्जाम खत्म हुआ। स्टूडेंट्स बाहर आए। जब क्वेश्चन पेपर देखा गया तो पता चला कि यह वही पेपर है, जो सुबह टेलीग्राम ग्रुप पर आया था। हल्ला मच गया कि पेपर लीक हो गया है। एक-एक करके हर जगह से पेपर लीक की खबरें आने लगीं।
पहले हम दो चर्चित केस समझते हैं, जिसकी वजह से सरकार ने माना कि फर्जीवाड़ा हुआ। एक मामला लखनऊ, दूसरा मैनपुरी का है।
147 सही जवाबों का उत्तर लेकर क्लास में बैठा था युवक
18 फरवरी को तमाम कॉलेजों की तरह लखनऊ के सिटी मॉडर्न एकेडमी अलीनगर में भी परीक्षा थी। यहां बिहार के सारण जिले से सत्य कृष्ण कुमार परीक्षा देने आया था। 3 बजे से परीक्षा होनी थी। अमन के दोस्त नीरज ने 12 बजकर 56 मिनट पर एक सॉल्व पेपर भेज दिया। कहा कि इसे देख लो और पास होने के बाद पैसा देना। अमन ने देखा और फिर उसकी चिट बना ली। पुलिस की जांच से निकलकर वह क्लास में पहुंच गया।
क्लास में उसकी एक्टिविटी संदिग्ध लगी, तो उसकी जांच की गई। उसके पास चिट मिली, जिससे मिलान करने पर पता चला कि पेपर से 147 सवाल मिल रहे थे। तीन सवालों के जवाब स्पष्ट नहीं थे। ड्यूटी में लगे यूपी पुलिस के निरीक्षक रामबाबू सिंह ने कृष्णानगर थाने में अमन कुमार और पेपर भेजने वाले नीरज के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। जो FIR लिखवाई, उसमें बकायदा सवालों का भी जिक्र किया।
मैनपुरी में 114 सही सवालों का जवाब लेकर बैठा था युवक
मैनपुरी में 18 फरवरी को किरन सौजिया एकेडमी में परीक्षा थी। यहां बिहार के भोजपुर जिले का रवि प्रकाश सिंह परीक्षा दे रहा था। उसके पास एक चिट मिली। उसमें 114 सवालों के जवाब लिखे थे। उसे तुरंत हिरासत में लिया गया। उससे पूछताछ में पता चला कि उसे पेपर बाहर वॉट्सऐप पर मिला। जिसकी उसने दो चिट बना ली। परीक्षा से ठीक पहले वॉट्सऐप पर आए सारे डेटा को डिलीट कर दिया। पुलिस ने रवि का मोबाइल कब्जे में लिया और उसे जेल भेज दिया।
इन दो FIR के बाद इस बात की पुष्टि होती है कि पेपर पहले उनके पास पहुंचा और उससे चिट तैयार की गई। युवाओं ने इसे ही मुद्दा बनाया और अंजाम तक पहुंचे।
23 फरवरी को ईको गार्डन में जोरदार प्रदर्शन हुआ। हम वहां पहुंचे। जो दिखा वह हैरान करता है। आइए जानते हैं…
अभ्यर्थी का दावा- 9 घंटे पहले पेपर वॉट्सऐप पर आया
लखनऊ के ईको गार्डन में 23 फरवरी को करीब 10 हजार युवा इकट्ठा हुए। उन सबकी मांग यही थी कि परीक्षा को निरस्त किया जाए और दोबारा करवाई जाए। हमें हाथों में कागज लिए कौशांबी से आए भीम मिले। भीम ने 17 फरवरी की सेकंड पाली में पुलिस भर्ती की परीक्षा दी थी। वह कागज दिखाते हुए कहते हैं, मेरे पास वॉट्सऐप के जरिए सुबह 8 बजकर 17 मिनट पर सॉल्व कॉपी आ गई। जबकि परीक्षा 3 बजे तक होनी थी। भीम आगे कहते हैं कि हमने परीक्षा दी और शाम को वॉट्सऐप पर मिली सॉल्व कॉपी से पेपर को मिलाया तो 117 सवाल सेम मिले।
भीम जिस सॉल्व कॉपी को दिखा रहे थे, वह बहुत सलीके से लिखी हुई थी। हमने पूछा कि यह सॉल्व कॉपी कितनी देर में तैयार की जा सकती है। भीम कहते हैं कि जिस हिसाब से इसमें चित्र वगैरह बनाए गए हैं, उससे यही लगता है कि इसे तैयार करने में 2 से 3 घंटे तो लगे ही होंगे। हमारे पास तो 8 बजे आया, लेकिन यह 6 बजे से पहले ही जालसाजों के पास पहुंच गया होगा।
- अब बात भर्ती बोर्ड और प्रशासन की। उनके बयानों, आदेशों और कार्रवाई की…
भर्ती बोर्ड ने कहा- टेलीग्राम की एडिट सुविधा से भ्रम फैलाया
18 फरवरी को जब पहली पाली की परीक्षा पूरी हो गई और सोशल मीडिया पर पेपर लीक होने का मुद्दा बना, तब यूपी पुलिस रिक्रूटमेंट एवं प्रमोशन बोर्ड ने पोस्ट करते हुए लिखा- टेलीग्राम की एडिट सुविधा का प्रयोग करके सोशल मीडिया पर पेपर लीक संबंधी भ्रम फैलाया जा रहा है। परीक्षा सुरक्षित एवं सुचारू रूप से जारी है। शाम को जब दूसरी पाली का भी पेपर हो गया, तब लीक की बातें तेजी से फैली। क्योंकि कुछ लोगों को पुलिस ने ही चिट के साथ गिरफ्तार किया और मामला दर्ज किया था।
भर्ती बोर्ड ने रात 11 बजे ट्वीट करते हुए लिखा कि परीक्षा सकुशल संपन्न करवाई गई। जो खबरें चल रही हैं, उसकी जांच की जाएगी, अभ्यर्थी आश्वस्त रहें। दूसरी तरफ छात्रों का हंगामा जारी रहा। अगले दिन यानी 19 फरवरी को एक जांच टीम बना दी गई। 22 फरवरी को विभाग ने परीक्षा देने वाले युवाओं से ही परीक्षा लीक के प्रमाण मांगे। कहा कि 23 फरवरी तक आपके पास जो भी प्रमाण हैं, उसे मेल कर दें। लड़कों ने मेल कर दिया। 24 फरवरी को इन मेलों की जांच हुई। जांच में युवाओं द्वारा भेजे गए सबूत सही मिले और सरकार ने परीक्षा को रद्द करने का आदेश दे दिया।
अब तक 287 लोगों को गिरफ्तार किया गया
यूपी पुलिस और एसटीएफ ने 15 फरवरी से अब तक 287 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें 80% लोगों को परीक्षा हाल से उठाया गया है। किसी के पास चिट मिली, किसी के पास इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस। पुलिस ने इन सबसे पूछताछ की। कई चीजें निकलकर बाहर आईं। सबसे बड़ी यही कि पेपर पहले ही मिल गया था, इसलिए उसके जवाबों की चिट बनाकर अंदर ले गए। कुछ ने जवाब दिया कि टेलीग्राम पर 100-100 रुपए में पेपर मिल गया।
परीक्षा रद्द करने के अपने आदेश में सीएम योगी ने कहा कि भर्ती में जिसने भी लापरवाही बरती उसके खिलाफ मामला दर्ज करके कार्रवाई की जाए। इस पूरे मामले की जांच एसटीएफ से कराए जाने का निर्णय लिया गया है। 6 महीने के अंदर दोबारा परीक्षा करवाई जाएगी। उस परीक्षा के लिए यूपी परिवहन निगम की सेवा अभ्यर्थियों के लिए फ्री रहेगी।
योगी सरकार में अब तक 11 परीक्षाएं रद्द
2017 में योगी आदित्यनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। उस साल दरोगा भर्ती परीक्षा हुई थी, जो लीक हो गई। 2018 में यूपीपीसीएल, UPSSSC लोअर सबार्डिनेट, UPSSSC ट्यूबवेल ऑपरेटर का पेपर लीक हो गया। यूपी आरक्षी नागरिक पुलिस परीक्षा में गलत पेपर बंट गया। ग्राम विकास अधिकारी में जमकर धांधली हुई। प्राइमरी स्कूल सहायक शिक्षक भर्ती के रिजल्ट में जमकर धांधली हुई। आज तक रिजल्ट फंसे हुए हैं।
2021 में UPSSSC पेट परीक्षा का पेपर लीक हो गया। इसी साल यूपी टीईटी का भी पेपर लीक हुआ। फॉरेस्ट गार्ड की परीक्षा को रद्द कर दिया गया। सहायता प्राप्त स्कूल शिक्षक/प्रधानाचार्य परीक्षा में भी धांधली सामने आई। अब यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया गया। इसी 11 फरवरी को यूपी लोकसेवा आयोग की तरफ से आरओ-एआरओ की परीक्षा करवाई गई थी, उसे लेकर भी छात्रों का प्रदर्शन पिछले 10 दिनों से जारी है। सरकार ने उसकी जांच शासन स्तर पर करवाने की बात कही है।
फिलहाल परीक्षा रद्द होने के बाद छात्रों ने राहत की सांस ली। अब वह चाहते हैं कि दावे के अनुसार 6 महीने के अंदर परीक्षा हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि इस बार पूर्ण पारदर्शिता बरती जाए।