यूपी में रोड रेज …. पीट पीट कर हत्या कर देना! यूपी में ही सबसे ज्यादा क्यों?
सड़क पर गुस्सा आना, फिर पीट पीट कर हत्या कर देना! ऐसी घटनाएं यूपी में ही सबसे ज्यादा क्यों?
सड़क पर गुस्सा करने के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है. यह दावा हम नहीं कह रहे, बल्कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है. पढ़िए खास स्पेशल स्टोरी
कभी-कभी किसी व्यक्ति पर गुस्सा इस कदर हावी हो जाता है कि वह भूल जाता है कि उसने सड़क पर चल रहे दूसरे शख्स को कितना और किस हद तक नुकसान पहुंचा दिया. ऐसी रोड रेज की घटनाओं में कई बार बेकसूर लोगों की जान तक चली जाती है.
ऐसा ही मामला अब राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में देखने को मिला है. यहां एक कार चालक को मामूली सी टक्कर के बाद इतना गुस्सा आया कि पीड़िता को अपनी कार के बोनट पर तीन किलोमीटर तक घसीटता रहा.
पुलिस के मुताबिक, रमेश सिंह और तरंग जैन की कार एकदूसरे से टकरा गई थी. इसके बाद रमेश सिंह गाड़ी से निकले और तरंग जैन को भागने से रोकने के लिए उनकी गाड़ी के सामने जाकर खड़े हो गए. लेकिन तरंग जैन ने रमेश सिंह को टक्कर मार दी और अपनी जान बचाने के लिए रमेश कूदकर उसकी कार के बोनट पर चढ़ गए.
रमेश सिंह कार की बोनट पर लटके हैं ये देखकर भी आरोपी ने गाड़ी रोकी नहीं. किसी तरह आसपास राहगीरों ने चालक को रोका और पीड़ित को बचाया. इसके बाद आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया गया. सवाल ये है कि आखिर ये नशा किस चीज का होता कि लोग ऐसा करते हैं? यहां स्पेशल स्टोरी में हम आपको इस बारें में विस्तार से बताते हैं.
पहले आसान भाषा में समझिए रोड रोज होता क्या है
गाड़ी के साथ गुस्सा दिखाने वाली ऐसी रोड रेज की घटनाएं भारत में आम होती जा रही हैं. रोड रेज का मतलब सड़क पर मामूली विवाद या घटना के कारण आने वाले गुस्से से है. गुस्से इस कदर हावी हो जाता है कि वह जानबूझकर किसी दूसरे शख्स को नुकसान पहुंचा देता है.
सड़क पर गाड़ी चलाते समय किसी व्यक्ति को कई कारणों से गुस्सा आ सकता है. जैसे कि घंटों लगा ट्रैफिक जाम, धीमा ट्रैफिक, गलत लेन में गाड़ी चलाना, ओवरटेक करना या सिग्नल तोड़ना दूसरों को गुस्सा दिला सकता है. इसके अलावा तनाव, चिंता या अवसाद जैसी समस्याएं भी लोगों को ज्यादा आक्रामक बना सकती हैं.
यूपी में सबसे गुस्सैल लोग!
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, सड़क पर गुस्सा करने के मामले में यूपी सबसे आगे है. NCRB के सालाना अपराध आंकड़ों के अनुसार, 2016 में यूपी में कुल 4889 हत्याएं हुईं, जिनमें से करीब 10% यानी 489 हत्याएं सड़क पर गुस्से के कारण हुईं.
दिलचस्प बात ये है कि पूरे देश में 29 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में सड़क पर गुस्से के चलते हुईं हत्याओं की कुल संख्या 513 थी, जिनमें से 95% अकेले यूपी में हुईं. यानी, सड़क पर गुस्सा होना अब यूपी के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है. इससे न सिर्फ लोगों की जानें जा रही हैं, बल्कि राज्य की छवि भी खराब हो रही है.
SUV से कुचलकर 22 साल के मजदूर की हत्या
बीती 18 फरवरी को गाजियाबाद में ही एक 22 साल के लड़के की एसयूवी से कुचलकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने SUV में सवार 7 लोगों में से एक को पकड़ लिया है. बाकी की तलाश जारी है. प्रदीप कुमार नाम का ये लड़का मजदूरी करता था.
प्रदीप रविवार रात करीब 8:30 बजे रिक्शे में सवार होकर अपने गांव सारा जा रहा था. रास्ते में, रिक्शे वाले का SUV वालों से झगड़ा हो गया क्योंकि रिक्शे वाला उन्हें रास्ता नहीं दे पाया. हालांकि प्रदीप के कजिन सोनू के मुताबिक, SUV वाले रास्ता रोककर खड़े थे और गाड़ी के बाहर शराब पी रहे थे. सोनू का कहना है छोटी सी कहासुनी झगड़े में बदल गई. इसके बाद सात आरोपियों ने रिक्शे वाले और तीनों सवारियों को मारा.
जब आसपास के लोग बीच-बचाव करने आए तो प्रदीप किसी तरह रिक्शे से उतरकर सड़क किनारे खड़ा हो गया. इसके बाद आरोपियों ने अपनी एसयूवी कार सीधे प्रदीप के ऊपर चढ़ा दी, जिस कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
टोल पर गाड़ी छू जाने पर ड्राइवर को पीटा
इसी साल 14 फरवरी को गुरुग्राम में एक 30 साल के ड्राइवर को तीन लोगों ने पीट दिया. ये सब टोल प्लाजा तब हुआ जब अनजाने में उनकी गाड़ी आरोपी की कार से छू गई थी. पुलिस के मुताबिक, सतीश आईजीआई एयरपोर्ट जा रहे थे. घामरोल टोल पर उनकी गाड़ी का फास्टैग काम नहीं कर रहा था. स्टाफ ने उन्हें गाड़ी पीछे लेकर दोबारा कोशिश करने के लिए कहा था.
जब वह अपनी कार वापस ले रहे थे, तो उनकी गाड़ी पीछे वाली गाड़ी से थोड़ी सी छू गई. पीछे वाली गाड़ी वाले जोर-जोर से हॉर्न बजाने लगे और आगे बढ़ने के लिए कहने लगे. इसके बाद पीछे वाली गाड़ी में बैठे तीनों आरोपी बाहर उतरे और ड्राइवर सतीश को पीटने लगे. सतीश का कहना है कि तीनों लोग नशे में लग रहे थे. पहले उन्होंने गाली दी, फिर कॉलर पकड़कर मारना-पीटना शुरू कर दिया. उनसे बचने के लिए जब सतीश अपनी गाड़ी में घुस गए तो तीनों ने गेट का हैंडल तोड़ दिया. मारपीट के बाद तीनों आरोपी अपनी गाड़ी से गुरुग्राम की तरफ भाग गए.
महराजगंज में मामूली टक्कर के बाद युवक पीट-पीट मार डाला
उत्तर प्रदेश के महराजगंज में 26 नवंबर 2023 की रात 28 साल के युवक सलमान को तीन लोगों ने लाठी-डंडों से पीट-पीटकर मार डाला. ये पूरा झगड़ा सड़क पर गुस्से (रोड रेज) की वजह से हुआ. पुलिस के मुताबिक, सलमान अपनी मोटरसाइकिल से जा रहे थे, तभी उनकी नारायणपुर गांव के पास एक साइकिल सवार से टक्कर हो गई.
इसके बाद आरोपी विश्राम ने गुस्से में आकर अपने दो बेटों को बुला लिया और तीनों ने मिलकर सलमान को लाठी-डंडों से इतना मारा कि उनकी मौत हो गई. पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
मेरठ में ट्रैक्टर-ट्रॉली से टक्कर के बाद बाइक सवार ने कर दी गोली मारकर हत्या
मेरठ के एक गांव में 23 साल के आमिर नाम के लड़के की उसके घर में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई. ये घटना 23 अप्रैल 2023 की है. दरअसल, जब आमिर अपने पिता के साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली से घर लौट रहा था. तब रास्ते में उनकी ट्रैक्टर-ट्रॉली आफाक और हुमैयूं की बाइक से टकरा गई थी.
इस हादसे के बाद दोनों तरफ से बहस होने लगी. गांव के लोगों ने बीच-बचाव किया और मामला शांत करवा दिया. मगर, कुछ देर बाद आफाक और हुमैयूं कुछ और लोगों के साथ आमिर के घर पहुंचे और उसे गोली मार दी. गोली की आवाज सुनकर गांव के लोग दौड़ते हुए आए और घायल आमिर को अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस घटना में आमिर के छोटे भाई मोहसिन को भी गोली लगने से चोटें आई थी.
56 साल के टैक्सी चालक की सड़क पर पीट पीटकर हत्या
17 दिसंबर 2023 रविवार को दिल्ली में टैक्सी चलाने वाले 56 साल के रविंदर सिंह की दो लड़कों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. बताया जा रहा है कि रविंदर अपनी वैगनआर चला रहे थे, उसी वक्त दूसरी गाड़ी पर सवार दो लड़के बगल में तेज रफ्तार में आए और रविंदर की गाड़ी को टक्कर मारने के करीब आ रहे थे. रविंदर ने उन्हें ध्यान से गाड़ी चलाने के लिए कहा.
इस बात पर गुस्से से आकर दोनों लड़के गाड़ी से निकले. फिर रविंदर, उनके भतीज नूर और बेटे तरनजोत को पीटना शुरू कर दिया. नूर का कहना है कि वो लोग नशे में लग रहे थे. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से दोनों लड़कों को पकड़ लिया. उनकी उम्र 21 साल है. वो कबाड़ी का काम करते हैं. रविंदर के भतीजे और बेटे का कहना है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि गाड़ी में कितने लोग थे क्योंकि पीछे की खिड़की का शीशा काला था.
रोड रेज की घटना होने से कैसे बचा जाए?
रोड रेज से बचने के लिए सड़क पर गाड़ी चलाते समय कुछ सावधानियां रखना जरूरी है. सबसे पहले धैर्य रखिए. अगर आप किसी बात से परेशान हैं या काम का ज्यादा बोझ या रिश्तों का तनाव ज्यादा है तो उसका आपकी ड्राइविंग पर निगेटिव असर पड़ सकता है. इसलिए गाड़ी चलाते समय अपना दिमाग शांत रखें.
यदि कोई व्यक्ति गलती करता है, तो उसे माफ कर दें. सभी चालकों का सम्मान करें. सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें. अगर कोई आपको गुस्सा दिलाता है, तो शांत रहने की कोशिश करें. अगर आपको लगता है कि आप खतरे में हैं, तो तुरंत पुलिस को जानकारी दें. भारत में रोड रेज एक गंभीर समस्या है. इससे जान-माल का नुकसान हो सकता है.