नोएडा : फ्लैट के 60% मतदाता बदल सकते है चुनावी समीकरण

फ्लैट के 60% मतदाता बदल सकते है चुनावी समीकरण
40% है स्थानीय लोग; पक्ष ने रिझाया, विपक्ष कर रहा कैलकुलेशन, प्रत्याशी पर सस्पें

लोकसभा चुनाव-2024 का औपचारिक ऐलान होने वाला है। ऐसे में पूरे देश के साथ ही साथ नोएडा (गौतमबुद्धनगर) की लोकसभा सीट पर भी खूब राजनीति हो रही है। नोएडा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशी का नाम पहले ही घोषित कर दिया है।

अब सभी यह इंतजार कर रहे हैं कि नोएडा (गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट) सीट से विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) तथा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का प्रत्याशी कौन होगा? हालांकि यहां जीत का मंत्र स्थानीय वर्सेज बाहरी में छिपा है।

यदि आंकड़ों की बात करे तो वर्ष 2019 में सांसद डॉ. महेश शर्मा को पांचों विधानसभा क्षेत्रों में नोएडा 31.35%, दादरी 23.37%, जेवर 13.03%, सिकंदरा बाद 15.30% और खुर्जा 16.61 प्रतिशत वोट मिले थे। सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत नोएडा से मिला था। यही छिपा है बाहरी वर्सेज स्थानीय का राज।

नोएडा का 60 प्रतिशत मतदाता इन्ही सोसाइटी में रहता है।
नोएडा का 60 प्रतिशत मतदाता इन्ही सोसाइटी में रहता है।

मतलब नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रहने वाली आबादी का 60 प्रतिशत ऐसे है जो बाहर से यहां आकर निवासी हो गए। ये मतदाता सेक्टर सोसाइटी के बने फ्लैट में रह रहे है। इसके अलावा ग्रामीण आबादी में मतदाता सिर्फ 40 प्रतिशत है।

नोएडा में कहा जाता है कि जिस प्रत्याशी की मजबूत पकड़ सोसाइटी और सेक्टरों में है। वो यहां हर बार जीत दर्ज कर सकता है। लोकसभा चुनाव 2019 में ऐसा ही देखने को मिला। 2024 लोकसभा चुनाव में भी शायद यही देखकर डॉक्टर महेश शर्मा को तीसरी बार प्रत्याशी घोषित किया गया। वहीं सपा-कांग्रेस गठबंधन इन मतदाता को रिझाना का प्रयास करेगी।

बाहरी वोटर को मिली सौगात कैसे, इसे समझे
नोएडा में 60 फीसद मतदाता बाहरी है। ये लोग सोसाइटी में रहते है। लेकिन इनको फ्लैट का मालिकाना हक पिछले कई सालों ने नहीं मिला। लोकसभा या विधानसभा चुनाव हर बार यही मुद्दा सबसे ज्यादा प्रभावी रहा। इसको भुनाने का काम बीजेपी ने किया और उसमे सफल रही।

प्रदेश सरकार ने अमिताभ कांत की सिफारिश लागू की। बिल्डरों के साथ बैठक की गई और एक मार्च से नोएडा-ग्रेटरनोएडा में रजिस्ट्री शुरू हो गई। दावा किया गया कि तीन से चार महीने में लोगों को मालिकाना हक दिया जाएगा।

यहीं हाल ही में अवस्थापन एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि सीएम खुद 7 ये 10 तारीख के बीच नोएडा आएंगे। उस दिन कई हजार लोगों की एक साथ रजिस्ट्री कर उनको सौगात दी जाएगी। साफ है कि पूर्व के शासन काल में बायर्स को जो नहीं मिला या मिल जाना चाहिए था उसे चुनाव के ठीक पहले बीजेपी ने बायर्स की झोली में डाल दिया।

गौतमबुद्ध नगर प्रवेश द्वार।
गौतमबुद्ध नगर प्रवेश द्वार।

दूसरा फैक्ट जातिगत समीकरण भी है इसे समझे
दूसरा फैक्ट नोएडा में ब्राह्मण वोटर का है। डॉक्टर महेश शर्मा ब्राह्मण चेहरा भी है। अकेले नोएडा में 1.4 लाख के आसपास ब्राह्मण है। वहीं बनिया करीब 1.20 लाख के आसपास है। मुस्लिम 80 हजार और यादव व गुर्जर 40 और 40 हजार के आसपास है। इसलिए ब्राह्मण और बनिया ही निर्णायक होते है। ये दोनों ही सेक्टर और सोसाइटी के फ्लैटों में रहते है। ऐसे में विपक्षी ऐसे चेहरे को लाना चाहता है जो इनके बीच का हो या फिर बनिया और ब्राह्मण दोनों को साध सके।

सपा-कांग्रेस में कई नामों पर हो रही चर्चा गठबंधन में ये सीट सपा के खाते में है। इसलिए सपा के उम्मीदवार को ही कांग्रेस कार्यकर्ता समर्थन करेंगे। यहां करीब आधा दर्जन से लोग टिकट की दावेदारी कर रहे है। जिसमें नोएडा व ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में सक्रिय सपा के नेता फकीर चंद नागर, डा. महेन्द्र सिंह नागर, पीताम्बर शर्मा, रामशरण नागर एडवोकेट, सुनील चौधरी और जगदीश शर्मा समेत अनेक नेता नोएडा सीट पर सपा के टिकट की दावेदारी कर रहे हैं।

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