आग से बचाव के उपाय न करने वाले पांच मैरिज गार्डन व दो कोचिंग सील ?
आग से बचाव के उपाय न करने वाले पांच मैरिज गार्डन व दो कोचिंग सील …
शहर में संचालित 300 मैरिज गार्डनों में से अधिकांश के पास आग लगने की घटनाओं से बचाव के कोई इंतजाम ही नहीं हैं। रंगमहल में हुई आगजनी के बाद नगर निगम प्रशासन की अब नींद खुली है, जिसको लेकर मैरिज गार्डनों का निरीक्षण किया जा रहा है।
- रंगमहल में हुई आगजनी के बाद नगर निगम प्रशासन की अब नींद खुली है …
निगम अमला रेजोनेंस कोचिंग सिटी सेंटर व ज्ञानदा अकादमी पहुंचा तो वहां पर भी आगजनी से बचाव के कोई उपाय नहीं मिले। यहां तक कि फायर इक्विपमेंट तक नहीं रखे थे। ऐसे में आगजनी की घटना हो तो उसपर काबू नहीं पाया जा सकता है। इन हालातों को देखते हुए दोनों कोचिंग सेंटर पर कार्रवाई की गई।
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भीषण अग्निकांड के बाद बता रहे-संगम वाटिका में हाइड्रेंट था न सुरक्षा उपकरण
संगम वाटिका और रंगमहल गार्डन में भीषण अग्निकांड के बाद अब जिम्मेदार अफसरों की आंखें खुलीं और जांच में कमियां उजागर कर रहे हैं। हकीकत में इस अग्निकांड के लिए गार्डन संचालक से लेकर सभी अफसर बराबर के जिम्मेदार हैं।
- छह नोटिस के बाद भी सोते रहे अफसर, नहीं की कार्रवाई
- भीषण अग्निकांड के बाद अब जिम्मेदार अफसरों की आंखें खुलीं और जांच में कमियां उजागर कर रहे हैं
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- एसडीएम विनोद सिंह के नेतृत्व में जांच दल के सदस्य विश्वविद्यालय सर्किल की सीएसपी हिना खान, कनिष्ठ आपूर्ति नियंत्रक महावीर राठौर, फायर आफिसर अतिबल सिंह यादव, असिस्टेंट इंजीनियर इलेक्ट्रिकल सेफ्टी आरएस वैश्य ने जांच की। फायर आफिसर अतिबल सिंह ने जांच के दौरान यह खामियां बताईं।
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- संगम वाटिका व रंग महल में फायर हाइड्रेंट सिस्टम लगा नहीं मिला।
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- संगम वाटिका में आग पर काबू पाने के लिए फायर सेफ्टी के छोटे सिलेंडर भी नहीं मिले।
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- विद्युत सुरक्षा प्रमाण पत्र भी नहीं दिखा सके।
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- गार्डन संचालन की वैद्य अनुमति भी संचालक नहीं दिखा सके।
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- जांच दल को रसोई गैस के उपयोग होने के प्रमाण मिले हैं।
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- विद्युत सुरक्षा हेतु पुख्ता इंतजाम नहीं मिले।
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- आगजनी का कारण जांच दल एसी का कंप्रेशर पटना बता रहा है।
- फायर फाइटिंग सिस्टम को आपरेट करने वाला प्रशिक्षित स्टाफ नहीं मिला।
“आग” इन्होंने भी लगाई: पिछले वर्ष भी लगी थी आग, फिर भी सिर्फ नोटिस ही देते रहे
फयर अफसर डा. अतिबल सिंह
नगर निगम के फायर आफिसर डा. अतिबल सिंह यादव जिन्होंने गार्डन में आगजनी से बचाव के उपाय न होने पर कोई कार्रवाई नहीं की। कार्रवाई के नाम पर वह नोटिस पर नोटिस देकर खानापूर्ति करते रहे। जबकि उन्हें गार्डन में फायर सेफ्टी के इंतजाम न होने पर पहले ही सील कर देना था। उनकी आंखों के सामने गार्डन संचालित होता रहा और हादसा हो गया। जबकि संगम वाटिका में व रंग महल में पिछले वर्ष लगी आग की उन्हें जानकारी भी थी।
गार्डन संचालक नरेश खंडेलवाल
संगम वाटिका और रंग महल गार्डन के संचालक नरेश खंडेलवाल ने गार्डन में फायर सेफ्टी के कोई इंतजाम नहीं कर रखे थे। गार्डन में होने वाले आयोजन में हजारों की संख्या में भीड़ पहुंचती है। शनिवार को भी संगम वाटिका में सगाई का आयोजन था जिसमें 300 लोग शामिल हुए थे जिन्हें खतरे में डाला।
विद्युत सुरक्षा आयोग के असिस्टेंट इंजीनियर
मध्य प्रदेश विद्युत सुरक्षा आयोग द्वारा गार्डन में विद्युत सुरक्षा प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। मध्य प्रदेश विद्युत सुरक्षा आयोग ग्वालियर संभाग के असिस्टेंट इंजीनियर आरएस वैश्य ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। न ही कभी गार्डन का निरीक्षण कर वहां पर विद्युत सुरक्षा के मापदंडों की जांच की । यदि जांच की होती तो शार्ट सर्किट या एसी के कंप्रेशर फटने की बात जो सामने आ रही है उस पर लगाम लगाई जा सकती थी।