मादक पदार्थ की तस्करी में बढ़ रही महिलाओं की सक्रियता !

पुलिस नहीं करती महिलाओं पर शक:मादक पदार्थ की तस्करी में बढ़ रही महिलाओं की सक्रियता

राजधानी में मादक पदार्थों की तस्करी में महिलाओं की सक्रियता बढ़ती जा रही है। महिलाएं बराबरी से पुरुषों के साथ मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त हैं। महिलाओं के तस्करी में लिप्त होने की सबसे बड़ी वजह पुलिस उन पर शक नहीं करती और ट्रेन में सफर के दौरान पुलिस आमतौर पर उनके सामान की चैकिंग नहीं करती है। यही कारण हैं महिलाएं तेलंगाना और ओडिशा से गांजे की तस्करी आसानी से कर लेती हैं। पकड़ने जाने के बाद जेल से रिहा होकर दोबारा तस्करी में लग जाती हैं।

पिछले पांच साल में क्राइम ब्रांच द्वारा 18 महिलाओं को गांजा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इस साल चार महीनों में क्राइम ब्रांच 3 महिलाओं और 13 युवकों को मादक पदार्थ की तस्करी के आरोप में पकड़ चुकी है।

जेल से रिहा होने के बाद दोबारा तस्करी में लग गई
राजधानी भोपाल में एक विशेष समुदाय की महिलाओं द्वारा गांजे की तस्करी की जा रही है। क्राइम ब्रांच ने 10 अप्रैल को श्याम नगर मल्टी, हबीबगंज निवासी रीना उईके और कौशल्या बाई अहिरवार को गिरफ्तार किया था। यह महिलाएं विशाखापट्टनम से तस्करी करके गांजा भोपाल आईं थी। उनके कब्जे से 3:30 लाख रुपए कीमत 16 किलो 500 ग्राम गांजा बरामद किया गया था। रीना को जनवरी में भी क्राइम ब्रांच ने गांजे की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। जेल से रिहा होने के बाद दोबारा वह तस्करी में लग गई।

ओडिशा से नागपुर और वहां से भोपाल लाते थे गांजा
क्राइम ब्रांच ने 20 मई को सीहोर निवासी सुरेश गौर, चैन सिंह अहिरवार और प्रियंका नगर कोलार निवासी सत्यम त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था। उनके बैग में पैकेटों में रखा 4.40 लाख रुपए कीमत का 18 किलो 15 ग्राम गांजा मिला था। आरोपी ओडिशा से गांजा लेकर ट्रेन से नागपुर और वहां से बस द्वारा भोपाल पहुंचे थे। इसी तरह क्राइम ब्रांच ने 21 मई 2023 को मुर्गी बाजार सुलभ कॉम्प्लेक्स के पास जहांगीराबाद से सुभाष वार्ड, खुरई जिला सागर निवासी संजय घोसी को 8 ग्राम ब्राउन शुगर एवं 1 किलो 250 ग्राम गांजे के साथ गिरफ्तार किया था।

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