CBI के बजाए न्यायिक जांच कराई जाए .. उप नेता प्रतिपक्ष बोले

गिरफ्तार CBI अफसर फोन पर किससे बात कर रहे थे?
उप नेता प्रतिपक्ष बोले-CBI के बजाए न्यायिक जांच कराई जाए, मंत्री ने सवाल पर साधी चुप्पी

मप्र के बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई के अफसरों के रिश्वत लेते पकड़े जाने के मामले पर कांग्रेस हमलावर है। कांग्रेस ने नर्सिंग घोटाले की जांच सीबीआई के बजाए न्यायिक जांच कराने की मांग की है। कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।

भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि विधानसभा के आगामी सत्र में इस मामले को ताकत के साथ कांग्रेस उठाएगी।

मंत्री गौर ने साधी चुप्पी
कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों पर मप्र की पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री कृष्णा गौर से जब पत्रकारों ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा वो सिर्फ पश्चिम बंगाल में ओबीसी को गलत तरीके से दिए गए आरक्षण के मुद्दे पर ही जवाब दे पाएंगी। इस मामले पर कुछ नहीं बोल पाएंगी।

सीबीआई ने जिन्हें गिरफ्तार किया वे मोबाइल कैसे यूज कर रहे थे
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा- बीजेपी के पार्षद खुद कॉलेज का संचालन कर रहे थे। जिनके नाम से वह कॉलेज चल रहा था वहीं स्कूल चल रहा था वहीं नर्सिंग कॉलेज चल रहा है वहीं दूसरा कॉलेज चल रहा है।

सीबीआई अपनी पीठ थपथपा रही है। उन्हीं के अधिकारी पकड़े जा रहे हैं और गिरफ्त में होने के बाद सीबीआई के लोग कोर्ट में वे फोन से बात कर रहे हैं। क्या वे हिस्सेदारी दिल्ली देने की बात कर रहे थे? सामान्य तौर पर मैंने देखा है कि अगर छोटे से अपराध में भी पुलिस किसी को पकड़ती है तो सबसे पहले फोन सीज कर लिए जाते हैं। लेकिन, यहां पर उनको बात करने की पूरी छूट थी। क्या बातें हो रही थी क्यों इस प्रकार की छूट मिल रही थी यह सोचने का विषय है।

हाईकोर्ट स्टूडेंट्स के फ्यूचर को ध्यान में रखते हुए निर्णय करे
उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने पूछा इस मामले में जो स्टूडेंट सफर कर रहे हैं। 2 साल से न तो उनकी परीक्षाएं हो रही है और न ही उनकाे प्रवेश मिल रहा है। एक स्टूडेंट 2 साल से घर बैठा है। उसका भविष्य किस दिशा में जा रहा है। इसलिए हमें सबको स्टूडेंट के भविष्य की चिंता करनी चाहिए। और हाई कोर्ट के निर्देश पर जो भी कदम उठाए जाएं उसमें सबसे पहले छात्रों की भविष्य की चिंता की जानी चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक और नर्सिंग घोटाले के व्हिसलब्लोअर रवि परमार ने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक और नर्सिंग घोटाले के व्हिसलब्लोअर रवि परमार ने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

विधानसभा में मामला उठाएगी कांग्रेस
कटारे ने कहा- जिन कॉलेज को सुटेबल घोषित किया गया है। उन पर हमारी मांग है कि उन कॉलेजों की फिर से जांच की जानी चाहिए। हो सकता है कि उनमें से कुछ कॉलेज सही हों। लेकिन, ज्यादातर कॉलेजों में रिश्वतखोरी करके गलत तरीके से सुटेबल बनाया गया है। अगले विधानसभा सत्र में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और कांग्रेस विधायकों के साथ इस मुद्दे को उठाएंगे।

छात्रों का भविष्य हो रहा बर्बाद
नर्सिंग घोटाले के व्हिसिल ब्लोअर और एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि सीबीआई के अधिकारी और नर्सिंग कॉलेजों के संचालकों की गिरफ्तारी के बाद मप्र नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने बीते दिनों 2022-23 सत्र के 132 नर्सिंग कॉलेजों की छात्रों के नामांकन के लिए सूची जारी की, जिसमें उन कॉलेजों के नाम शामिल हैं, जिनके कॉलेज संचालकों की गिरफ्तारी हो चुकी है और जिनके प्राचार्य रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गये है। नर्सिंग फर्जीवाड़े के चलते मप्र के नर्सिंग छात्र-छात्राओं की पिछले चार साल से परीक्षाऐं नहीं हुई, जिससे उनका भविष्य बर्बाद किया जा रहा है। कॉलेजों की इतनी धज्जियां उड़ने और बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आने पर अब उच्च न्यायालय के आदेश पर विगत 15 मई से परीक्षाएं आयोजित कराने का निर्णय लिया गया है।

नर्सिंग कॉलेज के व्हिसिल ब्लोअर रवि परमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये फोटो दिखाई, परमार ने कहा जनवरी में उनकी शादी के 11 दिन बाद उन्होंने नर्सिंग घोटाले के विरोध में प्रदर्शन किया था। पुलिस ने उन्हें हथकड़ी लगाकर अपराधियों की तरह शहर में घुमाया था।
नर्सिंग कॉलेज के व्हिसिल ब्लोअर रवि परमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये फोटो दिखाई, परमार ने कहा जनवरी में उनकी शादी के 11 दिन बाद उन्होंने नर्सिंग घोटाले के विरोध में प्रदर्शन किया था। पुलिस ने उन्हें हथकड़ी लगाकर अपराधियों की तरह शहर में घुमाया था।

हाईकोर्ट ने जिन जिम्मेदारों पर टिप्पणी की वे पद पर बैठे
रवि परमार ने कहा कि ग्वालियर हाईकोर्ट की गंभीर टिप्पणियों के बावजूद मप्र आयुविज्ञान विश्वविद्यालय में परीक्षा नियंत्रक डॉ. सचिन कुचिया उसी पद पर वर्तमान में भी कार्यरत हैं। परीक्षा नियंत्रक को लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट ने कहा था कि तुम चपरासी बनने लायक भी नहीं, किसने परीक्षा नियंत्रक बना दिया, लोगों को मारने वाला बूचड़खाना चला रहे हो। एक अन्य टिप्पणी में यह भी कहा कि किसने अधिकार दिया आपको परीक्षा की घोषणा करने का? यह यूनिवर्सिटी है या जोकर है? इतना ही नहीं कोर्ट ने सुनवाई के दौरान काउंसिल के वकील से यह तक कह दिया कि परीक्षा नियंत्रक को हटाओ नहीं तो ये व्यक्ति जेल जाएगा, ये बहुत बड़ा घोटाला है।

जिन कॉलेजों में गड़बड़ी मिली उन्हीं में अफसरों ने शुरु कराए एडमिशन
रवि परमार ने कहा कि अशोक खंडेलवाल नये कुलपति और पुष्पराज सिंह बघेल रजिस्ट्रार बने, कॉलेज खुलने के अचानक तीन साल बाद उन्होंने मान्यता दे दी और वे आज तक अपने पद पर बने हुये हैं। 2020-21 सत्र के कॉलेजों को फरवरी 2023 में मान्यता जारी कर दी, वहीं फरवरी में ही उन कॉलेजों के नामांकन एवं परीक्षा के फार्म भरवाना भी शुरू कर दिये, जिससे तीन साल तक जिन छात्रों ने कॉलेजों में पढ़ाई नहीं की उनको कॉलेजों में प्रवेश दिलाकर परीक्षा करवाने की तैयारी कर चुके थे, लेकिन ग्वालियर हाईकोर्ट ने 27 फरवरी 2023 को परीक्षा पर रोक लगा दी, वहीं ग्वालियर हाईकोर्ट ने फर्जी नर्सिंग कॉलेजों की जांच करने के लिए सीबीआई को आदेश जारी किये।

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