2027 का चुनाव जीतना है लक्ष्य ?
अखिलेश यादव बोले: 2027 का चुनाव जीतना है लक्ष्य, संसद से ना रहें गैरहाजिर, जनता के दुख में खड़े हों
शनिवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव नवनिर्वाचित सांसदों से मिले। उन्होंने सांसदों से स्पष्ट कहा कि लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। 2027 का विधानसभा चुनाव जीतना प्रमुख लक्ष्य है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नवनिर्वाचित सांसदों को शनिवार को आगे की रणनीति समझाई। उन्होंने कहा कि अब 2027 का विधानसभा चुनाव जीतना लक्ष्य है। मछली की आंख की तरह इस लक्ष्य पर नजर गढ़ाए रखें। उन्होंने कहा कि सपा सदस्य संसद से गैरहाजिर न रहें। सदन में अनुभवी सांसदों को सुनकर सीख लें। उन्होंने नवनिर्वाचित सांसदों को अपने-अपने क्षेत्रों से हमेशा जुड़े रहने की नसीहत भी दी।
अखिलेश ने कहा कि हमने जनता के मुद्दे उठाए और जनता ने हमें समझा। आज समाजवादी पार्टी यूपी में सबसे ज्यादा सीट जीतकर देश की तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है। पार्टी को बड़े पैमाने पर जनता का समर्थन मिलने से हमारी जिम्मेदारी बहुत बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि समाजवादियों का संघर्ष सड़क से संसद तक जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि लोकसभा के चुनाव परिणामों ने सांप्रदायिकता को सदैव के लिए महत्वहीन कर दिया है। भाजपा की मनमर्जी के खिलाफ जनता की मर्जी की जीत हुई है। अब हमें 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी करनी होगी।
अखिलेश ने कहा कि सपा का पीडीए वास्तविक एजेंडा है, जिसमें सामाजिक न्याय की अवधारणा है। समाजवादी व्यवस्था परिवर्तन के रास्ते पर चलने के लिए संकल्पित हैं। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा का लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति कोई विश्वास नहीं है। भाजपा विपक्ष से नफरत करती है और उसके नेताओं का उपहास उड़ाती है। उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाती है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा एक संगठित गैंग है, जिसका जनसरोकारों से कोई लेना-देना नहीं है। प्रदेश मुख्यालय पर हुई नवनिर्वाचित सांसदों की बैठक में पूर्व सांसद उदय प्रताप सिंह, राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव, राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव, सांसद डिंपल यादव, आरके चौधरी, नरेश उत्तम पटेल, रुचि वीरा, राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी और सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल भी मौजूद रहे।
अखिलेश का सपा संसदीय दल का नेता चुना जाना तय
नवनिर्वाचित सांसदों को उम्मीद थी कि शनिवार को हुई बैठक में लोकसभा में सपा दल के नेता को लेकर कोई बात हो सकती है, लेकिन इस पर नेतृत्व ने कोई बात नहीं की। सपा सूत्रों के मुताबिक, इस मुद्दे पर दिल्ली में सपा संसदीय बोर्ड की बैठक में कोई निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, अखिलेश यादव का सपा संसदीय दल के नेता पद पर चुना जाना तय माना जा रहा है।