साइबर ठगों ने बैंक कर्मचारी की मदद से मजदूरों के नाम पर खुलवाए खाते, इनसे हुआ 168 करोड़ का ट्रांजेक्शन
साइबर ठगों ने बैंक कर्मचारी की मदद से मजदूरों के नाम पर खुलवाए खाते, इनसे हुआ 168 करोड़ का ट्रांजेक्शन
मध्य प्रदेश साइबर सेल पुलिस ने ठगी के मामले में पिछले दिनों बैंक के कर्मचारी को गिरफ्तार किया था। यहीं साइबर ठगों के लिए मजदूरों, दुकानदार और डिलीवरी ब्वॉय के नाम पर बैंक खाते खुलवाता था। इंडसइंड बैंक के 15 खातों की जांच की गई तो इनमें 138 करोड़ और यूको बैंक के चार खातों की जांच में 30 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन सामने आया है।
- दुबई में बैठे ठग के इशारे पर बैंक का कर्मचारी खुलवाता था बैंक खाते।
- सभी खाते इंदौर, नीमच, सेंधवा और धार के नाम व पतों पर खोले गए थे।
- आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को ढूंढकर उनके नाम से खाते खुलवाकर सभी एटीएम और चेकबुक ठगों को दे देता था।
इंदौर। साइबर अपराधियों को बैंक खातों की सप्लाई करने वाले बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है। इंडसइंड बैंक के 15 खातों में 138 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन मिला है, जो साइबर अपराधियों ने विभिन्न राज्यों से ठगी कर जमा करवाया था। इसी तरह यूको बैंक के चार खातों में 30 करोड़ से ज्यादा की राशि का लेनदेन उजागर हुआ है। यह राशि ऑनलाइन बैटिंग की है, जो विदेशों से जमा हुई है।
एसपी (साइबर) जितेंद्रसिंह के मुताबिक उक्त जानकारी इंडसइंड बैंक के विस्तार मैनेजर मोहम्मद जाबाज से हुई पूछताछ में सामने आई है। साइबर अपराधियों के नेटवर्क से जुड़े जाबाज को साइबर सेल ने कारोबारी धीरज जायसवाल के साथ हुई 85 लाख की धोखाधड़ी में गिरफ्तार किया था। पूछताछ में बताया उसके दो साथी हितेश और संदीप दुबई में बैठे ठग से टेलीग्राम के माध्यम से जुड़े थे।
ठग से लाखों रुपये कमीशन लेकर गरीब-दुकानदार, मजदूर और डिलीवरी ब्वॉय के नाम से फर्जी कंपनियां बनाईं और उनके करंट अकाउंट खुलवा दिए। पुलिस ने जब सियागंज, एयरपोर्ट रोड और साउथ तुकोगंज की शाखा से जानकारी मांगी तो पता चला पिछले पांच महीने में 15 खातों में करीब 138 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। संजय कमोडिटी के नाम से खुले एक खाते में तो 58 करोड़ रुपये जमा हुए हैं।
सभी खाते इंदौर, नीमच, सेंधवा और धार के नाम व पतों पर खोले गए थे। आरोपितों ने बाकायदा कंपनी, गुमाश्ता लाइसेंस बनाकर खाते खुलवाए थे। धोखाधड़ी में शामिल इन खातों को ओडिशा, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु की पुलिस फ्रीज करवा चुकी है। एसपी के मुताबिक जाबाज, संदीप और हितेश ने यूं तो 35 खाते खुलवाए हैं। 20 खातों की अभी जांच करना शेष है।
बैंक अफसरों ने ही फर्जी कंपनियां बनाकर खोले खाते
जांच में यह बात भी सामने आई कि बैंक अफसर ही साइबर अपराधियों से जुड़ गए थे। उन्हें ठगी के लिए करंट अकाउंट्स की सप्लाई शुरू कर दी। अफसरों ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को ढूंढा और उनके नाम से कंपनी रजिस्टर्ड करवाई। जरूरी दस्तावेज भी खुद ही बनवाए और खाते खुलवाकर चेकबुक, पासबुक, एटीएम, पासवर्ड चैनल के माध्यम से ठगों को सौंप दिए।
यूको बैंक के चार खातों में 30 करोड़ का लेनदेन
इंडसइंड बैंक की जांच के दौरान यूको बैंक (पिपल्याहाना) की जानकारी सामने आई। यहां खुले चार खातों में भी पांच माह के अंदर 30 करोड़ रुपये जमा हो चुका है। तेलंगाना, महाराष्ट्र और गुजरात की पुलिस इन खातों की जांच में जुटी है। हैरानी की बात तो यह कि खातों और ट्रांजेक्शन को लेकर एनपीसीआइ बैंक को पत्र लिखकर आगाह कर चुका है। एनपीसीआइ ने कहा कि खातों में जमा रुपया विदेशों से आन लाइन बैटिंग का है। इसमें फेफ्टा का उल्लंघन हुआ है।