ग्वालियर : जेएएच में दो घंटे ओपीडी का आदेश दिखावा ?
डाक्टर साहब.. ओपीडी में दो घंटे का समय तो दे दिया करो
कहने को मरीजों की सुविधा के लिए जयारोग्य अस्पताल प्रशासन ने सोमवार को दो घंटे की ओपीडी चलाई। लेकिन दो घंटे की ओपीडी में अधिकांश विभागों से सीनियर कंसल्टेंट गायब रहे। ऐसे में जूनियर डाक्टर मरीजों को देखते नजर आए। इधर पुराने जेएएच में पर्चा बनवाने के लिए सेन्ट्रल विण्डो पर मरीजों की लाइन लगी थी।
- जेएएच में दो घंटे ओपीडी का आदेश दिखावा, सीनियर डाक्टरों ने मनाई छुट्टी
- पर्चे बनवाने के लिए लाइन में लगे रहे मरीज, ओपीडी का समय हो गया खत्म
- कई विभागों में सीनियर डाक्टर एक घंटे के लिए भी नहीं आए
सीन: एक विभाग: अस्थि रोग
सुबह 10 बजकर 20 मिनट ओपीडी के परामर्श कक्ष नम्बर चार पर मरीजों की कतार लगी थी। कक्ष के अंदर जूनियर डाक्टर मरीजों का परीक्षण कर रहे थे। सीनियर कंसल्टेंट नहीं थे। ऐसे में मरीज जूनियर डाक्टरों को अपना मर्ज बताकर चले गए। विभाग के बाहर महिला कर्मचारी पंजीयन के लिए जरुरी बैठी थी। इसके अलावा प्लास्ट रूम में भी कर्मचारी मौजूद थे।
सीन: दो विभाग: सर्जरी
सुबह 10 बजकर 24 मिनट पर सर्जरी विभाग की ओपीडी के परामर्श कक्ष एस-3 व 4 में सीनियर कंसल्टेंट नहीं बैठे थे। कक्ष चार का तो ताला तक नहीं खुला था। कक्ष तीन में जूनियर डाक्टर बैठे थे। महज एक चिकित्सक डा. दरबार कक्ष में बैठे थे। विभाग में कर्मचारी रजिस्टर लिए अवश्य बैठा था और उसने मरीजों के पर्चे भी चढ़ाए।
सीन: तीन विभाग: ईएनटी
सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर विभाग में सीनियर कंसल्टेंट मौजूद नहीं थे। विभाग के एक हाल में जूनियर डाक्टर उपचार के लिए आने मरीजोें का परीक्षण कर रहे थे। जूनियर डाक्टर ही मरीजों को दवाएं लिखकर परामर्श दे रहे थे। हालांकि छ्ट्टी का दिन होने के कारण काफी कम संख्या में मरीज पहुंचे, लेकिन सीनियर डाक्टर न होने के कारण मरीज निराश हुए।
सीन: चार विभाग: मेडिसिन
सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर विभाग के कमरा नम्बर दो में सीनियर कंसल्टेंट डा.राकेश गहरवार बैठे थे। वहीं कमरा नम्बर दो में जूनियर डाक्टर मरीजों का परीक्षण कर रहे थे। विभाग के अन्य कक्षों में सीनियर कंसल्टेंट मौजूद नहीं थे। ऐेसे में मरीजों को जूनियर डाक्टरों को अपना मर्ज दिखाकर वापस लौटना पड़ा।
सीन: पांच विभाग: न्यूरोसर्जरी व न्यूरोलाजी
सुबह 10 बजकर 51 मिनट पर विभाग की ओपीडी में कोई भी सीनियर कंसल्टेंट मौजूद नहीं था। जूनियर डाक्टर मरीजों को परामर्श दे रहे थे। करीब 10 बजकर 53 मिनट पर सीनियर कंसल्टेंट डा. आनंद शर्मा ओपीडी में आए गैलरी में बैठे एक बच्चे को देखा और चले गए। न्यूरोलाजी ओपीडी में कोई भी सीनियर कंसल्टेंट नहीं था।
विभागाध्यक्षों से चर्चा कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि चिकित्सक समय पर ओपीडी आएं। इसके साथ ही मैं स्वयं निरीक्षण कर ओपीडी की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के प्रयास करूंगा। सोमवार को निगरानी के लिए एक चिकित्सक को लगाया था।
डा. सुधीर सक्सेना, संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक, जेएएच