भारत में लगातार बढ़ रहे हैं हिट एंड रन और इससे हुई मौतों के आंकड़े !
भारत में लगातार बढ़ रहे हैं हिट एंड रन और इससे हुई मौतों के आंकड़े, जानिए वजह
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2013 में भारत में लगभग 49,576 हिट-एंड-रन मामले दर्ज किए गए थे, जो कि साल 2018 में बढ़कर 69,822 पर पहुंच गया था.
डेटा के अनुसार, 2022 में हिट एंड रन की कुल 67,387 घटनाएं हुईं थी, जिसमें लगभग 30,486 लोगों ने अपनी जान गवाई है. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 का ये डेटा पिछले दस वर्षों में सबसे ज्यादा है.
हिट-एंड-रन मामलों को उन घटनाओं के रूप में परिभाषित किया जाता है जहां अपराधी अधिकारियों को घटना की रिपोर्ट किए बिना या पीड़ितों की मदद किए बिना घटनास्थल से भाग जाते हैं. पिछले एक दशक में ये मामले लगातार बढ़ रहे हैं.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2013 में भारत में लगभग 49,576 हिट-एंड-रन मामले दर्ज किए गए थे, जो कि साल 2018 में बढ़कर 69,822 पर पहुंच गया था. वहीं COVID-19 में प्रतिबंधों के कारण, इसमें कमी आई और साल 2020 में हिट एंड रन के 52,448 मामले सामने आए थे. हालांकि, कोरोना के प्रतिबंध के हटने के साथ ही ऐसे मामलों की संख्या एक बार फिर से बढ़ने लगी और 2022 में ये मामले बढ़कर 67,387 तक पहुंच गया.
क्या है हिट एंड रन
हिट एंड रन (Hit and Run) मामला तब होता है जब कोई व्यक्ति गाड़ी चलाते वक्त किसी अन्य व्यक्ति, वाहन या संपत्ति से टकराता है और बिना रुके या सहायता प्रदान किए घटनास्थल से भाग जाता है. इस तरह की घटनाएं कानून के अंतर्गत अपराध मानी जाती हैं और इसमें शामिल व्यक्ति पर कानूनी कार्यवाही की जाती है.
हिट एंड रन मामलों में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
टक्कर: हिट एंड रन घटना में सबसे पहले टक्कर होती है जिसमें वाहन किसी व्यक्ति, गाड़ी या संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है.
भाग जाना: टक्कर के बाद वाहन चालक का बिना रुके और बिना सहायता प्रदान किए घटनास्थल से भाग जाना.
कानूनी परिणाम: हिट एंड रन मामले में शामिल व्यक्ति पर कानूनी कार्यवाही की जाती है, जिसमें भारी जुर्माना, ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन और यहां तक कि जेल की सजा भी हो सकती है.
हमारे देश में हिट एंड रन मामले बढ़ने के पीछे क्या है कारण
हाल ही में केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने एक आंकड़ा जारी किया था जिसके अनुसार साल 2021 की तुलना में 2022 में हिट एंड रन के मामलो में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस रिपोर्ट की मानें तो हिट एंड रन मामले में मौत भी पिछले साल से 17 प्रतिशत से ज्यादा लोगों की हुई है. जबकि घायलों की संख्या भी 20 फीसदी बढ़ी है.
आंकड़े के अनुसार भारत में साल 2005 से लगातार हर साल करीब साढ़े चार लाख सड़क हादसे हो रहे हैं. बस 2020 में ये आंकड़ा चार लाख के नीचे गया था जब देशव्यापी लॉकडाउन लगा था. तब देश में 3 लाख 72 हजार 181 हादसे हुए थे, जिनमें 1,38,383 लोगों की जान गई थी.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
पटना हाईकोर्ट के वकील नंनद मिश्रा ने भारत में बढ़ रहे हिट एंड रन के मामलों का कारण बताते हुए कहा कि, ‘ भारत में इस तरह के मामले बढ़ने के कई कारण है, हालांकि उन कारणों में ट्रैफिक व्यवस्था और सड़क की स्थिति सबसे मानी जाती है. सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन न करना, खराब सड़कें और यातायात का अनुचित प्रबंधन दुर्घटनाओं का कारण बनता है.
उन्होंने कहा कि यातायात नियमों का कठोरता से पालन न करवाना और कानून के उल्लंघन के लिए सख्त दंड न होना भी हिट एंड रन के मामलों में वृद्धि का एक प्रमुख कारण है. इसके अलावा कई वाहन चालक तेज गति, शराब पीकर गाड़ी चलाने, और अन्य लापरवाही भरे व्यवहारों के कारण दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं और घटना के बाद भाग जाते हैं.
नंदन मिश्र आगे कहते हैं कि हमारे देश में ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया में भी कई कमियां हैं जिससे अयोग्य लोग भी वाहन चलाने के लिए लाइसेंस प्राप्त कर लेते हैं. इसके अलावा दुर्घटना के बाद कानूनी कार्यवाही से बचने की मानसिकता, विशेषकर गरीब या कम शिक्षित लोगों के बीच, जो उन्हें भागने के लिए प्रेरित करती है. समय पर मेडिकल और पुलिस सहायता की अनुपलब्धता भी हिट एंड रन मामलों को बढ़ावा देती है, क्योंकि लोग डरते हैं कि उन्हें समय पर सहायता नहीं मिलेगी.
सड़क दुर्घटना हो जाए तो क्या करना चाहिये
वकील नंदन मिश्र ने इस सवाल के जवाब में कहा कि ज्यादातर लोग डर जाते हैं और घटनास्थल से भाग जाते हैं. लेकिन एक वकील होने के नाते मैं सलाह दुंगा की भविष्य में अगर आपसे किसी गाड़ी या व्यक्ति का एक्सिडेंट हो गया है तो आपको दुर्घटना के बाद तुरंत वाहन रोकना चाहिये और घटना स्थल को नहीं चाहिये. ऐसे मामलों में दुर्घटना स्थल को छोड़ना एक आपराधिक कृत्य माना जाता हैय
इसके अलावा अगर दुर्घटना में कोई घायल होता है, तो उनकी मदद करें. आपातकालीन सेवाओं (जैसे एम्बुलेंस) को बुलाएं और प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने की कोशिश करें. निकटतम पुलिस स्टेशन को इस दुर्घटना की सूचना दें. ऐसे मामलों में दुर्घटना की जानकारी देना और पुलिस रिपोर्ट दर्ज करवाना कानूनी रूप से आवश्यक है.
भारत में हिट एंड रन को लेकर क्या है कानून
साल 2024 की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद से पारित किए गए तीन नए आपराधिक न्याय विधेयकों को मंजूरी दी. इनमें से भारतीय न्याय संहिता के एक प्रावधान ‘हिट एंड रन’ का विरोध किया जा रहा है. पहले पुराने कानून के अनुसार, हिट एंड रन मामले में लापरवाही से गाड़ी चलाने, लापरवाही के कारण किसी की मौत हो जाने या किसी की जान खतरे में डालने पर धारा 279, 304A, 338 के तहत कार्रवाई होती थी जिसमें अधिकतम दो साल की जेल का प्रावधान है. यही नहीं, आरोपी व्यक्ति को तुरंत जमानत भी मिल जाती है.
वहीं नए कानून यानी भारतीय न्याय संहिता की धारा 104(2) के तहत हिट एंड रन मामले में आरोपी के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. अगर लापरवाही या तेज गाड़ी चलाने के कारण किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है और आरोपी ड्राइवर बिना पुलिस को सूचित किए मौके पर फरार हो जाता है तो उसे 10 साल तक की सजा मिल सकती है.
इसके अलावा आरोपी को 7 लाख रुपये का जुर्माना भी देना पड़ सकता है. अगर आरोपी ड्राइवर दुर्घटनास्थल से भागता नहीं है तो भी उसे पांच साल तक की सजा हो सकती है. दोनों ही मामले गैर-जमानती हैं और सबसे बड़ी बात आरोपी ड्राइवर को थाने से जमानत नहीं मिलेगी.
अमेरिका, जापान जैसे विकसित देशों में क्या है कानून
अमेरिका और जापान जैसे विकसित देशों में भी हिट एंड रन के मामले होते हैं. अमेरिकी लॉ फर्म justia के एक आर्टिकल की मानें तो अमेरिका में सड़क दुर्घटना के बाद किसी भी स्थिति में दुर्घटनास्थल को छोड़ना संगीन अपराध है. यहां अलग-अलग राज्यों के कानून अलग-अलग होते हैं. दुर्घटना के बाद पुलिस को बिना सूचित किए वहां से चले जाने पर लाइसेंस रद्द, जेल की सजा और 20 हजार डॉलर तक जुर्माना लग सकता है.
NHTSA के अनुसार, अमेरिका में साल 2012 से 2021 तक घातक हिट-एंड-रन मामलों में 89.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. वहीं साल 2012 में 1469 से 89.4% बढ़कर मामले 2021 में 2783 हो गए. हालांकि इस देश में हिंट एंड रन मामले में लोगों की मौत का आंकड़ा काफी कम है. अमेरिका में साल 2016 में हिट एंड रन से सबसे ज्यादा यानी 2049 लोगों की मौत हुई थी. हालांकि यहां सारे छोटे बड़े हिट-एंड-रन के मामले देखें जाएं तो आंकड़ा भारत से काफी ज्यादा है. एवरेज हर साल सात लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए जाते हैं.