JNU हिंसा: क्राइम ब्रांच की जांच के दायरे में 25 छात्र, पांच की पहचान वीडियो के आधार पर

जेएनयू हिंसा को लेकर अलग-अलग तीन एफआईआर दर्ज करने वाली दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच के दायरे में कुल 25 छात्र हैं। इनमें से दो एफआईआर में 20 छात्रों को दोनों ओर से नामजद किया गया है। इसके अलावा पांच अन्य छात्र ऐसे हैं जिनकी पहचान वीडियो के आधार पर की गई है। जांच में जुटी पुलिस अब इनकी उपस्थिति को साबित करने के लिए वैज्ञानिक आधार पर सबूत एकत्र कर रही है और उनके मोबाइल की लोकेशन हासिल करने में जुट गई है।

मोबाइल लोकेशन पर आगे की कार्रवाई : इसके लिए मोबाइल सेवा प्रदाता से घटना वाले दिन जेएनयू में एक्टिव रहे मोबाइल नंबरों की जांच की डिटेल मांगी गई है। पुलिस के मुताबिक एक कंपनी से जानकारी मिल भी चुकी है, जबकि अन्य की तरफ से यह जल्द ही मिलने वाली है। जांच के दायरे में आने वाले छात्रों के फोन की लोकेशन घटनास्थल की आती है तो उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी।

सीसीटीवी की भी जांच : क्राइम ब्रांच की एक टीम जेएनयू परिसर में लगे सभी सीसीटीवी फुटेज की जांच में जुटी है। यह टीम फिलहाल जेएनयू परिसर में मौजूद है और फुटेज खंगालने में जुटी है। इस टीम के पुलिसकर्मी कैंपस के सभी गेट के पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को कब्जे में ले रही है। हालांकि सर्वर रूप ठप किए जाने और उसमें तोड़फोड़ करने के कारण इसका एडमिन ब्लॉक में लगे सीसीटीवी में घटना की फुटेज नहीं मिली है।

लोगों से मांगा वीडियो : क्राइम ब्रांच वायरल हुए वीडियो भी लोगों से मांग रही है। दूसरी तरफ लोगों से यह अपील की जा रही है कि अगर उनके पास कोई वीडियो या फोटो हैं तो उसे जांच टीम को सात दिनों के भीतर सौंप दें, ताकि इसकी मदद से जांच को आगे बढ़ाया जा सके और आरोपियों की पहचान की जा सके।

धरपकड़ में जुटी टीम : उधर, पुलिस टीम आरोपियों की धर-पकड़ की कार्रवाई में जुटी है। मामले की जांच में जुटी पुलिस आरोप-प्रत्यारोप लगाने वाले छात्रों, मौके पर मौजूद लोगों अन्य सहित दर्जनों के बयान भी ले चुकी है। इसमें पीड़ितों के अलावा सुरक्षा कर्मी, पीड़ित छात्र, कर्मचारी और शिक्षक भी शामिल हैं। जांच में जुटी क्राइम ब्रांच की टीमें ये भी पता लगा रही हैं कि कहीं यह घटना पूर्व नियोजित तो नहीं थी या फिर किसी ने मैसेज कर आरोपियों को बुलाया तो नहीं था। वहीं उन व्हाट्सएप ग्रुप की भी जांच की जा रही है, जिनके बारे में यह पता चला है कि इनका इस्तेमाल लोगों को एकत्र करने के लिए किया गया है।

अपील
* क्राइम ब्रांच ने आम लोगों से फोटो-वीडियो भेजने को कहा।
वीडियो होने पर जांच टीम को सात दिनों के भीतर सौंप दें।

घटनाक्रम के कड़ियों को जोड़ने की हो रही कोशिश
घटना की जांच को लेकर ज्वाइंट कमिश्नर की अगुवाई में बनाई गई टीम मंगलवार (7 जनवरी) को जांच के लिए जेएनयू पहुंची। वहां छात्रों, पीड़ितों, शिक्षकों, सुरक्षा गार्ड और प्रशासन से जुड़े लोगों से बातचीत की। उन्होंने घटनाक्रम से जुड़े साक्ष्यों को एकत्र करने की दिशा में अपनी जांच आगे बढ़ाई। ज्वाइंट कमिश्नर शालिनी सिंह ने कहा कि टीम सभी पहलुओं से घटनाक्रम की कड़ियों को जोड़तेे हुए आगे बढ़ रही है। हम घटनाक्रम से जुड़े पहलू की जांच कर रहे हैं, जबकि क्राइम ब्रांच पूरे मामले की जांच कर रही है। वहीं, सोमवार को दिल्ली पुलिस के पीआरओ एम. एस. रंधावा ने छात्रों और शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की थी।

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