शिवराज सिंह चौहान बोले- प्रदेश लुट रहा है, बच्चे मर रहे हैं ,सरकार सो रही है
भोपाल: झाबुआ,रतलाम,खंडवा में बच्चों की मौत के चौकाने वाले आंकड़े सांमने आये हैं. झाबुआ जिले के सरकारी अस्पतालों में अप्रेल 2018 से फरवरी 2019 के बीच 714 बच्चों की मौत हुई हैं, कुछ इस तरह के आंकड़े रतलाम,खंडवा और प्रदेश के अन्य जिलो से भी सामने आए हैं. नौनिहाल और नवजातों की असमय मौत के आंकड़े प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं और स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं पर कई सवाल खड़े करते हैं.
सरकार राइट टू हेल्थ की बात करती है लेकिन नवनिहालों की मौत के यह आंकड़े बताते हैं कि आदिवासी बाहुल्य जिलों में आज भी स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल हैं. बच्चों की मौत के यह आंकड़े पूर्व सरकारों और राज्य सरकारों के लिए सियासत का मुद्दा बन गए हैं, बच्चों की मौत के आकड़ों पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार को घेरते हुए कहा मप्र में बच्चों की मौत दिल दहला देती है. रतलाम, झाबुआ में बच्चे असमय काल कवलित हो गए मौत के मुँह में समा गए देख के रोंगटे खड़े हो जाते हैं.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बच्चों की मौत का क्रम जारी है, मुख्यमंत्री और सरकार सो रही है, इन्हें फुरसत नही है. रेत का धंधा चल रहा है, शराब का धंधा चल रहा है. तबादला करने में व्यस्त है. प्रदेश लुट रहा है. बच्चे मर रहे हैं और सरकार सो रही है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है और मैं इस मामले में मुख्यमंत्री से बात करूंगा और उन्हे इस मामले में तत्काल स्थिति को ठीक करना चाहिए, तुरंत आवश्यक कदम उठाने चाहिए और बच्चों का सही इलाज कराना चाहिए ताकि बच्चों की मौत का यह सिलसिला रुक सके.
वहीं बच्चों की मौत के आकड़ों पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ सरकार को घेरे में लिया और कहा, मध्यप्रदेश बच्चों की किलकारी की कब्रगाह बन गया है, बच्चों की मौत पीड़ादायक है, यह ह्रदयविदारक घटनाएं हैं, लेकिन सरकार के मुखिया से लेकर किसी मंत्री तक को चिंता नही है. डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा हम जो मप्र छोड़कर गए थे वो अब नही रहा, हमारी सरकार में प्रदेश के जिलों में SNCU अस्पताल खोले गए थे और आज वहां ऑक्सीजन की सुविधा व वेंटिलेटर की सुविधा नही है. उनका कहना है कि 11 महीनें में इस सरकार ने प्रदेश की कोई चिंता नही की, जिसका परिणाम है यह प्रदेश किलकारियों का कब्रगाह बन गया है. उन्होनें मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने संज्ञान नही लिया जो की बहुत ही ज्यादा पीडा दायक बात है, और साथ ही उन्होने मुख्यमंत्री कमल नाथ का इस्तीफा भी मांगा.