J&K में 370 हटाने के बाद लगी पाबंदियों के खिलाफ दायर अर्जियों पर SC का फैसला आज

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने के बाद लगाई गई पाबंदियों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को फैसला सुनाएगा. जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाएगी. दरअसल, पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया था. आपको बता दें कि कांग्रेस नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद और कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन सहित कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर लगाई गई पाबंदियों को चुनौती दी थी.

70 लाख लोगों को इस तरह बंद करके नहीं रखा जा सकता- सिब्‍बल
सुनवाई के दौरान गुलाम नबी आजाद की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने नियंत्रण का विरोध करते हुए कहा था कि वह ये समझते हैं कि वहां राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है, लेकिन 70 लाख लोगों को इस तरह बंद करके नहीं रखा जा सकता. यह जीवन के अधिकार का उल्लंघन है. राष्ट्रीय सुरक्षा और जीवन के अधिकार के बीच संतुलन होना चाहिए.कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन की ओर से पेश वकील वृन्दा ग्रोवर ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में जारी पाबंदियां असंवैधानिक हैं.ऐसे मामलों में संतुलन का ध्यान रखा जाना चाहिए.

तुषार मेहता ने इंटरनेट सेवा पर लगी रोक को जायज ठहराया
जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने गत मंगलवार को अनुच्छेद 370 हटने के बाद से राज्य में इंटरनेट सेवा पर लगी रोक को जायज ठहराते हुए कहा था कि ऐसा न होने से अलगाववादी, आतंकी और पाकिस्तानी सेना सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जिहाद के नाम पर भड़का सकती है.मेहता ने कहा था कि यहां सिर्फ अंदरूनी शत्रुओं से ही नहीं लड़ना है, बल्कि सीमा पार के दुश्मनों से भी लड़ना है और उन्होंने इस संबंध में कई उदाहरण भी दिए थे.

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