NCRB की रिपोर्ट: अपराध के मामले में दिल्ली टॉप पर, हिट एंड रन के मामले भी बढ़े

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट ‘क्राइम इन इंडिया-2018′ के अनुसार सभी मेट्रो शहरों में अपराध के मामले में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली शीर्ष स्थान पर है। एनसीआरबी द्वारा गुरुवार को जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में 2,37,660 जमानती मामलों के साथ दिल्ली 18 मेट्रो शहरों में अपराध के मामले में शीर्ष पर रही। इस श्रेणी के समग्र आंकड़ों में दिल्ली का हिस्सा 29.6 प्रतिशत है, जिसमें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और विशेष व स्थानीय कानून (एसएलएल) शामिल हैं।

2016 के बाद से तीन सालों में दिल्ली ने अपराधों में वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2017 में आईपीसी के 2,24,346 मामले दर्ज हुए थे। वर्ष 2016 में यह आंकड़ा 2,06,135 था। चेन्नई इस सूची में दूसरे स्थान पर है। वर्ष 2018 में यहां दर्ज किए गए अपराधों की कुल संख्या 85,027 थी। यह 2017 में दर्ज 41,573 मामलों से कहीं अधिक था। इस सूची में गुजरात का सूरत और महाराष्ट्र का शहर मुंबई क्रमश: तीसरे और चौथे स्थान पर रहा।

दस हजार किसानों ने आत्महत्या की एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018 में कृषि क्षेत्र में काम करने वाले 10,349 लोगों ने आत्महत्या की। यह देश में इस अवधि में हुए खुदकुशी के मामलों का सात फीसदी है। वर्ष 2018 में कुल 1,34,516 लोगों ने आत्महत्या की। आत्महत्या के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र (17,972) में दर्ज किए गए है। दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर क्रमश: तमिलनाडु (13,896), पश्चिम बंगाल (13,255), मध्य प्रदेश (11,775) और कर्नाटक (11,561) है। उत्तर प्रदेश में कुल खुदकुशी में से केवल 3.6% मामले ही दर्ज किए।

सड़क दुर्घटनाओं में मौत में सुधार नहीं वर्ष 2018 के दौरान लापरवाही के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में 1,35,051 मौतें हुईं। आंकड़े बताते हैं कि इस दिशा में पिछले दो वर्षों की तुलना में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। देशभर में 2017 में कुल 1,34,803 मौत की घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि 2016 में यह आंकड़ा 1,35,656 था। ‘हिट एंड रन’ मामलों में पिछले साल की तुलना में बड़ी वृद्धि देखने को मिली है।

– 2016 में  2,06,135 मामले दर्ज हुए आईपीसी के तहत

– 2017 में  2,24,346 मामले दर्ज किए गए

– देश में रोजाना औसतन 80 हत्याएं, 289 अपहरण तथा 91 दुष्कर्म की घटनाएं हुईं एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार

मध्य प्रदेश बलात्कार के मामलों में वर्ष 2018 में भी फिर देश में पहले नंबर पर रहा। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में देश में रेप की कुल 33,356 घटनाएं हुईं। इनमें से 5,433 घटनाएं (करीब 16 प्रतिशत) मध्य प्रदेश में हुईं, जिनमें पीड़िताओं में छह साल से कम उम्र की 54 बच्चियां भी शामिल हैं। 2018 में रेप के मामलों में मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान 4,335 घटनाओं के साथ दूसरे और उत्तर प्रदेश इस तरह की 3,946 घृणित घटनाओं के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *