मिलावटी मिठाइयों से सावधान …. ऐसे करें असली-नकली की पहचान !

रक्षाबंधन पर मिलावटी मिठाइयों से सावधान:इससे हार्ट और लिवर को खतरा, ऐसे करें असली-नकली की पहचान

देश भर में भाई-बहन का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इस त्योहार की कल्पना मिठाई के बिना नहीं की जा सकती।

त्योहार का सीजन आते ही बाजार में मिठाइयों की डिमांड बढ़ जाती है। ऐसे में मिलावटखोर भी सक्रिय हो जाते हैं।

मुनाफा कमाने के चक्कर में मिलावटखोर नकली और केमिकल से बने रंगों वाली मिठाइयां बेचते हैं, जिन्हें खाने से पेट में इन्फेक्शन के साथ कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा मिलावटी मिठाइयां लिवर, किडनी और हार्ट के लिए भी खतरनाक हैं।

 त्योहार पर मिलावटी मिठाइयों की पहचान कैसे करें? 

  • मिलावटी मिठाई खाने से किस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं?
  • मिठाई खरीदने से पहले किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए?

सवाल- मिठाइयों में किस तरह की मिलावट की जाती है?
जवाब-
 फूड एनालिस्ट चतुर्भुज मीणा बताते हैं कि ज्यादातर मिठाइयां बनाने में दूध, मावा और घी की जरूरत होती है। त्योहार के सीजन में मिठाइयों की डिमांड कई गुना बढ़ जाती है। इसे पूरा करने के लिए मिलावटखोर दूध में डिटर्जेंट, यूरिया, रिफाइंड ऑयल जैसी खतरनाक चीजें मिलाते हैं। इससे मावा तैयार किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है।

वहीं नकली घी बनाने में पॉम ऑयल, एनिमल फैट और हाइड्रोजेनेटेड ऑयल सहित कई केमिकल मिलाए जाते हैं।

इसके अलावा मिठाइयों को चमकीला और आकर्षक बनाने के लिए चांदी के वरक का इस्तेमाल होता है। लेकिन मिलावटी मिठाइयों में एल्यूमीनियम केमिकल से बने वरक का इस्तेमाल होता है, जो सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है।

सवाल- मिलावटी मिठाई खाने से किस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं?
जवाब-
 डॉ. हरि प्रसाद यादव बताते हैं कि मिलावटी मिठाइयां खाने से हमारी आंतों में मौजूद गुड बैक्टीरिया खत्म होने लगते हैं, जिससे इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है। आमतौर पर मिलावटी मिठाइयां खाने से होने वाली हेल्थ प्रॉब्लम्स के लक्षण 12 से 24 घंटे बाद दिखाई देते हैं। ऐसे में पीड़ित को तुरंत उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाना चाहिए।

नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि मिलावटी मिठाइयां खाने से किस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।

सवाल- क्या मिलावटी मिठाइयों से हार्ट, किडनी या लिवर को नुकसान पहुंच सकता है?
जवाब-
 डॉ. हरि प्रसाद यादव बताते हैं कि आमतौर पर मिलावटी मिठाइयां खाने से इस तरह की समस्याएं नहीं होती हैं। लेकिन अगर कोई लंबे समय तक इनका सेवन करे तो हार्ट डिजीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

इसके अलावा लिवर और किडनी को नुकसान पहुंच सकता है क्योंकि मिलावटी मिठाइयों में यूरिया, पॉम ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है, जो शरीर के लिए नुकसानदायक है।

सवाल- शुद्ध मिठाई की पहचान कैसे कर सकते हैं?
जवाब-
 मावा से बनी असली मिठाइयों को सूंघने पर दूध की महक आती है। असली मिठाई को हथेली पर रगड़ने से केमिकल की गंध नहीं आती है।

इसके अलावा पीला आयोडिन टिंचर मिलाने पर मावे का रंग पीला होने की बजाय काला हो तो समझ लें कि मावा नकली है।

नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि मिलावटी मिठाइयों की पहचान कैसे कर सकते हैं।

सवाल- मिठाई खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
जवाब-
 त्योहार के अवसर पर रंग-बिरंगी मिठाइयां खरीदने से बचना चाहिए क्योंकि अधिकांश मिठाइयों को आर्टिफिशियल रंग मिलाकर रंगीन किया जाता है।

इसके अलावा पैकेज्ड मिठाई पर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के सर्टिफिकेशन की जांच जरूरी करनी चाहिए। FSSAI सर्टिफिकेशन यह सुनिश्चित करता है कि प्रोडक्ट खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता के मानकों को पूरा करता है।

नीचे दिए ग्राफिक से समझिए।

सवाल- मिलावट की आशंका होने पर कहां शिकायत कर सकते हैं?
जवाब-
 फूड एनालिस्ट चतुर्भुज मीणा बताते हैं कि अगर कोई दुकानदार नकली मिठाई बेचता है तो आप इसकी शिकायत FSSAI से कर सकते हैं। इसके लिए टोल फ्री नंबर 1800112100 पर शिकायत करें।

ऑनलाइन शिकायत करने के लिए FSSAI के शिकायत पोर्टल या ‘फूड सेफ्टी कनेक्ट’ ऐप पर जाकर अपनी शिकायत कर सकते हैं। खाने के सैंपल का टेस्ट कराने पर ग्राहक के ही पैसे खर्च होते हैं। अगर जांच में दावा सही पाया गया तो ग्राहक के पैसे वापस कर दिए जाते हैं।

खाद्य पदार्थों में मिलावट पर कई राज्यों में 10 लाख तक का जुर्माना और आजीवन कारावास तक का प्रावधान है।

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