कूड़ा प्रबंधन भविष्य का सिरदर्द बनने जा रहा है!

मुझे नहीं पता कि हमारे पूर्वज उन दिनों में कचरे का निष्पादन कैसे करते थे, लेकिन भविष्य में हमें अपने घर में कई सारी डस्टबिन के लिए जगह बनानी पड़ सकती है- शायद 10 से 20 तक। यह मायने नहीं रखेगा कि आपका घर कितना बड़ा है या छोटा।

दुनिया के अधिकांश हिस्सों में यह सबके लिए अनिवार्य हो जाएगा। अगर मेरी बात पर भरोसा नहीं तो इंग्लैंड में कुछ सबसे अच्छी तरह व्यवस्थित म्यूनिसिपैलिटी में आपका स्वागत है, जहां नियम है कि आपको घर पर 11 डस्टबिन रखनी होंगी।

इनमें 1. सामान्य कूड़ा 2. प्लास्टिक के अलावा रिसाइकल होने वाली सूखी चीजें 3. फूड वेस्ट 4. पेपर और कार्ड बोर्ड 5. बगीचे का कूड़ा 6. कांच का सामान 7. प्लास्टिक की चीजें 8. बैटरी 9. टेक्सटाइल 10. इलेक्ट्रिकल वेस्ट 11. कॉफी पॉड्स और टी डस्ट के लिए बिन हैं।

टैक्सपेयर संगठन, ऐसे शासकीय और अर्ध-शासकीय संगठनों की कार्य-संस्कृति पर अफसोस जताते हुए कहते हैं- जो कि टैक्स देने वालों से चल रही हैं- पूरे ब्रिटेन में काउंसिल इस तरह से कूड़ा अलग-अलग करके रखने की जटिल प्रणाली से घरों पर भारी बोझ डाल रही हैं।

उनका कहना है कि टैक्सपेयर जो पैसा देते हैं, उससे जुड़ी सेवाओं में कूड़ा इकट्ठा करना मुख्य है, फिर भी देश के अधिकांश हिस्से के रहवासी खुद काउंसिल कर्मचारी का काम कर रहे हैं। इस बढ़ती नाराजगी के बीच, कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार ने ऐसा कानून नहीं लाने का फैसला किया है, जिसमें घर में कम से कम सात डस्टबिन रखना पड़े, हालांकि सरकार ने चुपचाप यह स्थानीय अधिकारियों पर छोड़ दिया है कि वे तय करें कि अपने शहर या इलाके को स्वच्छ बनाए रखने के लिए कितनी डस्टबिन उपयुक्त हैं।

11 बिन रखने के बाद, मुझे नहीं लगता कचरा रोज इकट्ठा होता होगा। चूंकि हर घर में कूड़ा 11 बिन में अलग-अलग रखा जाता है, ऐसे में ब्रिटेन में निगम कूड़ा जमा करने की प्रक्रिया को चार हफ्तों तक टाल रहे हैं! हां, जब लोगों ने बदबू मारते कचरे पर अपनी गंभीर आपत्ति जताई, तो उन्होंने सार्वजनिक रूप से “अत्यधिक देरी” के लिए माफी मांगी।

ये नियम कूड़े को संभालने में बढ़ती कठिनाई का परिणाम हैं। एक वैश्विक अध्ययन का आकलन है कि हर कोई प्रतिदिन 1 से 1.5 किलो कूड़ा उत्पन्न करता है। दुनिया की आठ अरब आबादी में अब आप रोज निकलने वाले कू़ड़े की कल्पना कर सकते हैं।

अभी तक हमारे घरों में सिर्फ एक डस्टबिन हुआ करती थी, जबकि व्यवस्थित म्यूनिसिपल इलाकों में दो और सार्वजनिक स्थानों जैसे स्टेशन और एयरपोर्ट आदि पर तीन बिन देख सकते हैं। कम से कम अभी तक कोई भी कल्पना नहीं कर सकता कि चप्पल फेंकने के लिए एक बिन हो (क्योंकि यह रबर या चमड़े की है), या बुरी तरह से गंदे रूमाल या मोजे के लिए एक बिन (क्योंकि यह कपड़ा है और सार्वजनिक स्थान पर जाने पर जल निकासी प्रणालियों को चोक कर सकता है), या उन ईयर प्लग के तारों को फेंकने के लिए एक और बिन, जो गलती से कट गया या क्षतिग्रस्त हो गया (क्योंकि यह इलेक्ट्रॉनिक है)।

पर लेकिन अब इसका सामना करें : अपशिष्ट प्रबंधन वास्तव में एक ग्लैमरस विषय नहीं है। वास्तव में, जलवायु और विकास पर अंतर्राष्ट्रीय परिचर्चाओं में भी कचरे पर बात करना, एजेंडे में नहीं रहा है। बढ़ते शहरीकरण, तेजी से औद्योगीकरण और लगातार बढ़ती खपत के साथ, ठोस अपशिष्ट का स्तर चौंका देने वाली स्थिति तक पहुंच गया है।

इसका दूसरा पहलू यह है कि यह एक ठीक करने योग्य समस्या है। लेकिन इससे जुड़ी परिचर्चा को आगे बढ़ाने, कार्रवाई आगे बढ़ाने और अधिक निवेश को गति देने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र, सरकारें, नियामक संस्थाएं, निवेशक, अंतरराष्ट्रीय विकास संस्थाएं, जलवायु कार्यकर्ता और सिविल सोसायटी को मिलकर साथ आना होगा।

फंडा यह है कि अगर समाज का हर वर्ग मिलकर साथ आता है, तो साफ, हरे-भरे और सेहतमंद भविष्य के सपने को साकार करने के लिए हमारे पास बेहतर नजरिया होगा। क्या 11 डस्टबिन एक समाधान है? देखने में डरावना लगता है लेकिन यह सच्चाई बनती दिख रही है।

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