आईसीसी अध्यक्ष तक का सफर नहीं रहा आसान
सुधार पर केंद्रित रहा है जय शाह का ध्यान, जीसीए से लेकर आईसीसी अध्यक्ष तक का सफर नहीं रहा आसान
जय शाह को हाल ही में क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था आईसीसी का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है। वह इसका विधिवत कार्यभार एक दिसंबर, 2024 को संभालेंगे। वह इस पद पर पहुंचने वाले पांचवें भारतीय होंगे।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह को हाल ही में निर्विरोध अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट समिति (आईसीसी) का चेयरमैन चुना गया। क्रिकेट की वैश्विक संस्था को चलाने वाले वह अब तक के सबसे युवा अध्यक्ष होंगे। जय शाह पर कई बार सोशल मीडिया पर मीम्स बने और उन पर आरोप भी लगाए गए, लेकिन अहमदाबाद से लेकर आईसीसी प्रमुख बनने तक का सफर उनके लिए बड़ा दिलचस्प रहा। शाह की शखिसयत सुधार करने वाले प्रशासक के तौर पर स्पष्ट दिखती है, जो उन्होंने अपने कार्यकाल में किए। कुशल क्रिकेट प्रशासक, कामयाब व्यवसायी, हनुमान जी के भक्त और अनुशासित जीवन जीने वाले शाह ने अपने ही ढंग से अपनी छाप छोड़ी है।
भारतीय क्रिकेट में दो तारीखें बड़ी महत्वपूर्ण हैं। एक 27 अक्तूबर, 2022, जब भारतीय महिला क्रिकेटरों को पुरुषों के समान फीस देने का एलान हुआ और दूसरी, 28 जनवरी, 2023, जब महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) के लिए खिलाड़ियों की बोली लगी। आईपीएल ने अगर विश्व क्रिकेट का परिदृश्य बदला, तो पुरुषों के बराबर फीस और डब्ल्यूपीएल ने महिला क्रिकेट में नई क्रांति ला दी, जिसका श्रेय जाता है, बीसीसीआई के मौजूदा सचिव जय अमित भाई शाह को। इससे पहले महिला क्रिकेटरों को बीसीसीआई में खास महत्व नहीं मिलता था, लेकिन जय शाह ने 27 अक्तूबर, 2022 को एलान किया, ‘भेदभाव मिटाने की दिशा में बीसीसीआई ने पहला कदम उठाया है। हम बोर्ड से अनुबंधित महिला क्रिकेटरों के लिए समान वेतन की नीति लागू कर रहे हैं। इसके जरिये हम क्रिकेट में लैंगिक समानता के एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं।’ जय शाह को हाल ही में क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था आईसीसी का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है। वह इसका विधिवत कार्यभार एक दिसंबर, 2024 को संभालेंगे। वह इस पद पर पहुंचने वाले पांचवें भारतीय होंगे। उनसे पहले जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर आईसीसी के अध्यक्ष रह चुके हैं।