UP के डीजीपी ओपी सिंह को नहीं मिलेगा सेवा विस्तार, शासन ने केंद्र को भेजे 7 नाम

लखनऊ: प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह को सेवा विस्तार नहीं मिलेगा. सिंह 31 जनवरी को रिटायर होंगे. ओपी सिंह ने डीजीपी सुलखान सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद 31 दिसंबर 2017 को यह पद संभाला था. ओपी सिंह 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वह डीजी सीआईएसएफ के पद पर भी रह चुके हैं. इसी के साथ, उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी को लेकर गृह विभाग से कवायद शुरू हो गई है. शासन ने डीजीपी के लिए 7 नाम लोक सेवा आयोग को भेजे हैं. डीजीपी विजिलेंस एच सी अवस्थी और डीजीपी जेल आनंद कुमार का भी नाम लिस्ट में होने की संभावना है.

1988 बैच के आईपीएस डीजी जेल, आनंद कुमार लंबे समय तक एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पद पर तैनात रहे हैं. कुमार के पास डीजी जेल के साथ डीजी होमगार्ड डिपार्टमेंट का अतिरिक्त प्रभार भी है. उनका नाम भी डीजीपी की चर्चा में है.

डीजीपी की रेस में सबसे आगे 1985 बैच के आईपीएस हितेश चंद्र अवस्थी का नाम चल रहा है. हितेश चंद्र अवस्थी वर्तमान में सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक पद पर कार्यरत हैं. वह जून 2021 में रिटायर होंगे. 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी अरुण कुमार भी इस दौड़ में शामिल हैं. फिलहाल अरुण कुमार डीजी आरपीएफ के पद पर तैनात हैं. अरुण कुमार समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर रह चुके हैं. यूपी में एसटीएफ के गठन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि, 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के बाद तत्कालीन अखिलेश सरकार ने उन्हें पद से हटा दिया था.

1987 बैच के आईपीएस अफसर राजेंद्र पाल सिंह का नाम भी यूपी के डीजीपी बनने की दौड़ में है. वर्तमान में सिंह उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (डीजी इकनॉमिक ऑफेंसेज विंग) के महानिदेशक पद पर तैनात हैं और फरवरी 2023 में रिटायर होंगे. आरपी सिंह के पास वर्तमान में ईओडब्ल्यू के अलावा एसआईटी का भी चार्ज है. आरके विश्वकर्मा का नाम भी डीजीपी की चर्चा में है. 1988 बैच के आरके विश्वकर्मा उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड के डीजी पद पर तैनात हैं.

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