प्रयागराज ….. कोर्ट पहुंचा फर्जी एनकाउंटर केस, पुलिसवालों पर FIR का आदेश !
कोर्ट पहुंचा फर्जी एनकाउंटर केस, पुलिसवालों पर FIR का आदेश …
प्रयागराज से युवक का अपहरण कर कौशांबी ले गए, गोली लगने से हुई मौत
प्रयागराज के एक युवक को कौशांबी पुलिस ने मुठभेड़ में गोली मार दी। बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इस मुठभेड़ कांड पर सवाल खड़े हो गए। पुलिस पर घर से अपहरण कर ले जाने, फिर फर्जी मुठभेड़ में गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगा।
कोर्ट ने कौशांबी के चरवा थाने की पुलिस, SOG प्रभारी और उनकी टीम पर अपहरण कर हत्या करने की FIR दर्ज करने का आदेश दिया है।
कोर्ट का स्टेटमेंट पढ़िए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शशि कुमार ने मारे गए युवक की मां की याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा- जो दस्तावेज हमारे सामने रखे गए हैं। उससे ऐसा लगता है कि कौशांबी पुलिस की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध है। इसलिए संबंधित थानाध्यक्ष को आदेश दिया जाता है कि FIR दर्ज कर मामले की सही जांच की जाए।
2 गाड़ियों में पुलिस आई, विजय को ले गई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कहा- दस्तावेज के मुताबिक, घटना 10 सितंबर, 2023 को सुबह 7 बजे हुई। थाना चरवा कौशांबी की पुलिस अचानक अंजू देवी के घर पहुंची, जोकि प्रयागराज के कोरांव में है। अंजू के बेटे विजय कुमार सोनी को मारने-पीटने लगे। कहा कि लूट के बारे में जानकारी के लिए चरवा थाना चलो। घर पर दो गाड़ियों में करीब 1 दर्जन पुलिस वाले पहुंचे थे। चरवा थाने की पुलिस के साथ SOG प्रभारी व उनकी टीम मौजूद थी। टीम विजय का अपहरण करके ले गई।
2 दिन बाद विजय को गोली मारी दरअसल, थाना चरवा इलाके में 8 सितंबर, 2023 को सोनार के साथ एक लूट की घटना हुई थी। उसी संबंध में विजय से फर्जी बरामदगी दिखाई गई। विजय को 12 सितंबर, 2023 को 1.33 बजे मुठभेड़ दिखाकर गोली मार दी गई। विजय के दाहिने कंधे में गोली लगी थी।
गोली मारने वाली टीम में थाना चरवा प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार सिंह, SOG प्रभारी सिद्धार्थ सिंह और उनकी टीम शामिल थी। 21 सितंबर, 2023 को विजय की मौत हो गई। उसका पोस्टमॉर्टम 22 सितंबर, 2023 को स्वरूपरानी मेडिकल कालेज प्रयागराज में कराया गया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कहा- कोर्ट ये मान रहा है कि विजय कुमार सोनी को जान से मारने की नीयत से गोली चलाई गई।
इन पुलिसवालों पर पर दर्ज होगा केस
- विनोद कुमार सिंह, प्रभारी निरीक्षक थाना चरवा
- सिद्धार्थ, एसओजी प्रभारी कौशांबी
- सुनील कुमार यादव, दरोगा
- अनिल यादव, कांस्टेबल
- भानु प्रताप सिंह, कांस्टेबल
- रामजी पटेल, कांस्टेबल
- अयोध्या कुमार, दरोगा
- आशीष तिवारी, कांस्टेबल
- शिवन गौतम, कांस्टेबल
- रवि शंकर यादव, दरोगा
- राधेश्याम, कांस्टेबल
- रवि शंकर, कांस्टेबल
अधिकारियों के दफ्तर में सुनवाई नहीं, तब अंजू देवी कोर्ट पहुंची विजय की मां अंजू देवी की ओर से धारा 156 (3) के तहत शपथपत्र भी दिया गया। आरोप लगाया गया कि विजय की अपहरण के बाद हत्या की गई। अंजू ने कहा कि मैंने पुलिस आयुक्त प्रयागराज, यूपी के गृह सचिव को रजिस्टर्ड डाक से शिकायत भेजी, मगर कहीं सुनवाई नहीं हुई।
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ये एनकाउंटर फेक है…बेटे की मौत पर पिता का दर्द:बोले-2 दिन तक थाने में बैठाए रखा, फिर जंगल ले गए; मुठभेड़ का रचा नाटक
UP पुलिस एक बार फिर एनकाउंटर को लेकर चर्चा में है। शाहजहांपुर में प्रोफेसर के हत्या आरोपी का एनकाउंटर हो या अंबेडकरनगर में छात्रा का दुपट्टा खींचने वालों के पैर में मारी गई गोली। सभी मामलों में पुलिस की स्क्रिप्ट एक जैसी ही है।
यूपी में हो रहे एनकाउंटर में खास बात यह भी है कि पुलिस का निशाना बिल्कुल सटीक है। माने गोली सीधा पैर में लगती है। लेकिन कौशांबी में हुए ऐसे ही एक एनकाउंटर में पुलिस का निशाना चूका, तो लूट के एक आरोपी की मौत हो गई। अब आरोपी के पिता ने एनकाउंटर को फेक बताते हुए पुलिस पर आरोप लगाए हैं।
पिता ने कहा, ”पूरा एनकाउंटर नाटक है। पुलिस वालों ने मेरे बेटे को 2 दिन तक थाने में बैठाकर रखा। इसके बाद उसे जंगल में ले गए। वहां गोली मार दी। इसके बाद इसे मुठभेड़ बताया। पूरी घटना झूठी है।”
- अब सबसे पहले घटना बताते हैं…इसके बाद एनकाउंटर की कहानी और परिजनों का आरोप बताएंगे…
सबसे पहले एक नजर पूरे मामले पर 12 सितंबर, दिन मंगलवार…सुबह के करीब 3 बजे थाना चरवा में पड़ने वाला गुंगवा बाग गोली की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। पौन घंटे बाद पुलिस और SOG की टीम दो घायल युवकों को सहारा देते हुए बाग से बाहर लेकर निकली। एएसपी समर बहादुर ने लूट कांड के बदमाशों के साथ मुठभेड़ की पुष्टि की।
एएसपी ने कहा, ”8 सितंबर को धमसेड़ा मार्ग पर समसपुर के रहने वाले सुनार अनूप सोनी के साथ तीन अज्ञात बदमाशों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया था। अनूप से सोने-चांदी की ज्वेलरी से भरे बैग और मोबाइल फोन की लूट की गई थी। सफेद रंग की अपाचे बाइक पर आए अपराधियों ने इस वारदात को अंजाम दिया था। इनकी धर-पकड़ के लिए तीन टीमों का गठन किया गया था।”
चरवा थाने की टीम को सटीक सूचना प्राप्त हुई थी कि लूट में शामिल बदमाश लूटे गए माल के बंटवारे को लेकर इकट्ठा हो रहे हैं। इस सूचना के बाद चरवा पुलिस और SOG ने बदमाशों को गुंगवा बाग में घेर लिया। अपने आप को घिरा देख बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। सेल्फ डिफेंस और जवाबी कार्रवाई में टीम ने भी फायरिंग की। इसमें दो बदमाशों को गोली लगी है। बदमाशों की पहचान विजय कुमार सोनी और आशीष निषाद के रूप में हुई है।
एनकाउंटर के 8 दिन बाद विजय ने तोड़ा दम पुलिस ने तब प्रेस नोट जारी करते हुए बताया था कि विजय कुमार सोनी के दाएं हाथ में और आशीष निषाद के बाएं पैर में गोली लगी है। दोनों को इलाज के लिए जिला अस्पताल मंझनपुर ले जाया गया है। यहां दोनों की हालत स्थिर बनी हुई है।
लेकिन इस एनकाउंटर के 8 दिन बाद गुरुवार (21 सितंबर) को आरोपी विजय कुमार सोनी की मौत हो गई। एनकाउंटर के बाद जिला अस्पताल में भर्ती लूट कांड के आरोपी विजय की हालत बिगड़ गई थी, जिसे इलाज के लिए प्रयागराज के स्वरूपरानी अस्पताल रेफर किया गया था। गुरुवार को कागजी कार्रवाई के बाद विजय के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।
- अब नजर डालते हैं पुलिस की लिखी गई स्क्रिप्ट पर…
ऑपरेशन त्रिनेत्र से हुई अपराधियों की पहचान कौशांबी पुलिस ने इस एनकाउंटर के बाबत प्रेस नोट जारी करते हुए अपने ऑपरेशन त्रिनेत्र की सरहना की और बताया, ”थाना चरवा और SOG टीम ने अपराधियों की शिनाख्त और तलाश के लिए CCTV फुटेज खंगाले। हाल ही में ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत आस्था हॉस्पिटल पर, बबुरा तिराहे पर जनसेवा केंद्र, बेरुवा चौराहे पर स्थित पेट्रोल पंप पर, महेवाघाट पुल पर लगावाए गए CCTV में अपराधियों की शिनाख्त हुई। लूट में इस्तेमाल की गई बाइक का नंबर भी पता चला।”
”अपराधियों की दो गोलियां टीम को छूते हुए निकलीं” एनकाउंटर के बाद दिए गए बयान में कहा गया कि मध्य प्रदेश के रीवा के रहने वाले विजय कुमार सोनी और प्रयागराज के तेलियरगंज के रहने वाले अजय निषाद ने जो गोलियां चलाईं, उनमें से दो गोलियां पुलिस टीम को टारगेट कर चुकी थी। एक गोली चरवा थाना प्रबारी की बुलेट प्रूफ जैकेट और दूसरी गोली SOG टीम के प्रभारी की बुलेट प्रूफ जैकेट को छूते हुए निकली। पुलिसकर्मी पूरी तरह से सुरक्षित थे।