गर्मा गरम चाय, बस एक कप चाहिए…
गर्मा गरम चाय, बस एक कप चाहिए…
सर्दी से गर्मी तक हर मौसम में ‘आल टाइम फेवरेट’ सिर्फ चाय है। शहर में भी इन दिनों चाय की दीवानगी लोगों के सर चढ़ कर बोल रही है। युवाओं के लिए चाय गपशप का बहाना है तो बड़े बुजुर्गों की गंभीर चर्चा का जायका ।शहर में खुले टी स्टाल और कैफे अब अलग-अलग फ्लेवर में चाय सर्व कर रहे हैं।
- कुल्हड़ वाली चाय के दीवाने हैं ग्वालियर के युवा
- अदरक-इलायची वाली कुल्हड चाय पहली पसंद
- अधिकतर लोगों को पंसद अदरक इलायची वाली चाय
ग्वालियर. चाय का जिक्र जहां भी आता है लोगों के पास चाय पीने के अपने अलग-अलग बहाने होते हैं। चाय किसी की थकान मिटाती है तो किसी की नींद भगाती है, किसी का दिमाग चाय पीकर ही दौड़ता है तो किसी के लिए चाय रामबाण का काम करती है।
चाय के दीवानों की अपनी-अपनी पसंद अपनी-अपनी दीवानगी होती है। शहर में यूं तो ब्लैकटी, चाकलेट टी ,रोज टी जैसे कई विकल्प आ रहे हैं लेकिन जब बात ऐसी चाय की हो जिसकी एक चुस्की से ताजगी का अहसास होने लगे और दिल-दिमाग एकदम रिफ्रेंश हो जाए तो सिर्फ तेज अदरक इलायची वाली कुल्हड़ चाय ही लुभाती है।
शहर के युवाओं का कहना है
रंग भर देती है चाय
पेशे से चित्रकार मेघा नोडिया ने चाय को अपनी डेली लाइफ में एक रुटीन की तरह शामिल कर लिया है। मेघा कहती हैं कि जब भी कोई प्रेम को प्रदर्शित करती हुई पेंटिंग बनाती है ताे कैनवास और कलर के साथ चाय का प्याला भी साथ रखती हैं। चाय की चुस्की से कैनवास पर भी रंग बिखेरती है।
दिन की शुरुआत चाय से
शहर के राघवेंद्र गोयल की चाय को लेकर एक अलग ही पसंद है । राघवेंद्र कहते हैं कि चाय के बिना उनके दिन की शुरुआत नहीं होती है। एक प्याला चाय और अखबार में ताजा खबरें पढ़ कर ही उनका दिन शुरू होता है। इसके बाद आफिस में भी दो से तीन चाय पी ही लेते हैं।
स्ट्रैस का नामो निशान मिटा देती है चाय
शहर की अक्षिता चतुर्वेदी और चाय का चोली दामन का साथ है। चाय को अक्षिता अपने जीवन में टानिक बताती हैं। उनका कहना है कि कामकाज के चलते दिन भर में बहुत तनाव हो जाता है । जब स्ट्रैस का लेवल बढ़ जाता है तो एक कड़क चाय का प्याला ही स्ट्रैस का नामो निशान मिटाता है