कृतार्थ का कत्ल ?

कृतार्थ का कत्ल: कर्ज में डूबा स्कूल, दीवार पर टंगी घोड़े की नाल…गेट पर लटक रही गुड़िया; चौंकाने वाले खुलासे
अगर किसी स्कूल में जाएंगे तो वहां प्रवेश द्वार पर शिक्षार्थ आओ, सेवार्थ जाओ जैसे स्लोगन लिखे मिलते हैं या फिर बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करने वाले शब्द लिखे नजर आएंगे, लेकिन रसगवां गांव के जिस डीएल पब्लिक स्कूल में तंत्र-मंत्र के लिए कक्षा दो के छात्र की हत्या हुई है, उसकी दीवार पर घोड़े की नाल टंगी है। लाल मिर्च और नीबू जगह-जगह रखे नजर आ रहे हैं। 
गेट पर गुड़िया लटक रही है। गांव वालों ने बताया कि स्कूल प्रबंधक के पिता जसोदन हर सप्ताह यहां लाल मिर्च और नीबू रखते थे। काफी देर तक वह स्कूल के गेट पर खड़े रहते थे। माना जा रहा है कि यह सब तंत्र क्रिया का ही हिस्सा था।
 
Hathras Murder Case school is in debt horseshoe hangs on wall a doll hangs on gate
चार साल पहले यह स्कूल शुरू किया गया था। इस स्कूल को इस तरह तैयार किया गया कि आसपास के गांवों के लोग आकर्षित हुए और अपने बच्चों का दाखिला यहां कराना शुरू कर दिया। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को घर तक छोड़ने के लिए बसों की व्यवस्था है। चार बस हैं, जबकि कुछ छोटे वाहन भी लगाए हुए हैं। स्कूल में कुछ और कमरे बनाए जाने थे, लेकिन पैसे की कमी के कारण काम शुरू नहीं हो पा रहा था। स्कूल के प्रबंधक दिनेश बघेल ने स्कूल के लिए काफी समय पहले बैंकों से ऋण भी लिया था।
 
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आरती गांव में स्थित केनरा बैंक की शाखा से ही 18 लाख का ऋण लिया गया था। दिनेश बघेल को करीब से जानने वाले लोगों का कहना है कि कुछ दूसरे लोगों का भी उधार दिनेश पर था। इसे लेकर वह परेशान रहता था। दिनेश का पिता जसोदन, जो तांत्रिक है, वह स्कूल के लिए आए-दिन तंत्र मंत्र करता रहता था।

स्कूल के मुख्य द्वार पर एक रबर की गुड़िया भी लटक रही है। वह काफी समय से यहां है। जिन लोगों के बच्चे इस स्कूल में पढ़ रहे हैं, उनका मानना है कि यह तंत्र-मंत्र की ही कुछ क्रिया है। एएसपी अशोक कुमार का कहना है कि कई अभिभावकों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी थी।

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बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लिया कृतार्थ की हत्या का संज्ञान
सहपऊ के गांव रसगवां स्थित डीएल पब्लिक स्कूल के छात्रावास में कक्षा दो के छात्र कृतार्थ की हत्या के मामले का राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने संज्ञान लिया है। जल्द ही आयोग की टीम इस घटना की जांच करने यहां आ सकती है।शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए आयोग के अध्यक्ष अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने हाथरस की घटना को लेकर स्कूली बच्चों की सुरक्षा पर चिंता जताई और इसे भयानक और अक्षम्य कृत्य बताया। 

कानूनगो ने कहा है कि एनसीपीसीआर ने हाथरस मामले का संज्ञान लिया है। उन्होंने राज्य बाल आयोग के अध्यक्ष से बात की है। आयोग यहां से एक टीम भेज रहा है, जो इस पूरे मामले की जांच करेगी।
 

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टीम की रिपोर्ट के अनुसार आयोग सरकार को बच्चों की सुरक्षा के संबंध में सिफारिशें भी देगा। उन्होंने कहा है कि भारत सरकार ने स्कूलों की जवाबदेही तय करने के लिए 2021 में एक गाइडलाइन बनाई है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूलों में कोई लापरवाही न हो। 

इस मामले से पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को इस गाइडलाइन का पालन करने का निर्देश दिया था। हालांकि कुछ राज्य इसका पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने राज्यों को फिर से याद दिलाया है कि इन दिशा-निर्देशों का ईमानदारी से पालन करें।

उन्होंने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि हाथरस के स्कूल को खोलने का आदेश किसने दिया है। जिन अधिकारियों ने ऐसे लोगों को स्कूल खोलने की अनुमति दी, वे भी दोषी हैं।

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