गेट पर गुड़िया लटक रही है। गांव वालों ने बताया कि स्कूल प्रबंधक के पिता जसोदन हर सप्ताह यहां लाल मिर्च और नीबू रखते थे। काफी देर तक वह स्कूल के गेट पर खड़े रहते थे। माना जा रहा है कि यह सब तंत्र क्रिया का ही हिस्सा था।
चार साल पहले यह स्कूल शुरू किया गया था। इस स्कूल को इस तरह तैयार किया गया कि आसपास के गांवों के लोग आकर्षित हुए और अपने बच्चों का दाखिला यहां कराना शुरू कर दिया। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को घर तक छोड़ने के लिए बसों की व्यवस्था है। चार बस हैं, जबकि कुछ छोटे वाहन भी लगाए हुए हैं। स्कूल में कुछ और कमरे बनाए जाने थे, लेकिन पैसे की कमी के कारण काम शुरू नहीं हो पा रहा था। स्कूल के प्रबंधक दिनेश बघेल ने स्कूल के लिए काफी समय पहले बैंकों से ऋण भी लिया था।
आरती गांव में स्थित केनरा बैंक की शाखा से ही 18 लाख का ऋण लिया गया था। दिनेश बघेल को करीब से जानने वाले लोगों का कहना है कि कुछ दूसरे लोगों का भी उधार दिनेश पर था। इसे लेकर वह परेशान रहता था। दिनेश का पिता जसोदन, जो तांत्रिक है, वह स्कूल के लिए आए-दिन तंत्र मंत्र करता रहता था।
स्कूल के मुख्य द्वार पर एक रबर की गुड़िया भी लटक रही है। वह काफी समय से यहां है। जिन लोगों के बच्चे इस स्कूल में पढ़ रहे हैं, उनका मानना है कि यह तंत्र-मंत्र की ही कुछ क्रिया है। एएसपी अशोक कुमार का कहना है कि कई अभिभावकों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी थी।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लिया कृतार्थ की हत्या का संज्ञान
सहपऊ के गांव रसगवां स्थित डीएल पब्लिक स्कूल के छात्रावास में कक्षा दो के छात्र कृतार्थ की हत्या के मामले का राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने संज्ञान लिया है। जल्द ही आयोग की टीम इस घटना की जांच करने यहां आ सकती है।शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए आयोग के अध्यक्ष अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने हाथरस की घटना को लेकर स्कूली बच्चों की सुरक्षा पर चिंता जताई और इसे भयानक और अक्षम्य कृत्य बताया।
कानूनगो ने कहा है कि एनसीपीसीआर ने हाथरस मामले का संज्ञान लिया है। उन्होंने राज्य बाल आयोग के अध्यक्ष से बात की है। आयोग यहां से एक टीम भेज रहा है, जो इस पूरे मामले की जांच करेगी।
टीम की रिपोर्ट के अनुसार आयोग सरकार को बच्चों की सुरक्षा के संबंध में सिफारिशें भी देगा। उन्होंने कहा है कि भारत सरकार ने स्कूलों की जवाबदेही तय करने के लिए 2021 में एक गाइडलाइन बनाई है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूलों में कोई लापरवाही न हो।
इस मामले से पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को इस गाइडलाइन का पालन करने का निर्देश दिया था। हालांकि कुछ राज्य इसका पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने राज्यों को फिर से याद दिलाया है कि इन दिशा-निर्देशों का ईमानदारी से पालन करें।
उन्होंने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि हाथरस के स्कूल को खोलने का आदेश किसने दिया है। जिन अधिकारियों ने ऐसे लोगों को स्कूल खोलने की अनुमति दी, वे भी दोषी हैं।
कृतार्थ की हत्या में जेल गए स्कूल प्रबंधक पर बिना मान्यता स्कूल चलाने का भी मुकदमा दर्ज
छात्र कृतार्थ की हत्या में जेल गए प्रबंधक दिनेश बघेल पर बेसिक शिक्षा विभाग ने भी शिकंजा कस दिया है। खंड शिक्षा अधिकारी ने शुक्रवार को उस पर बिना मान्यता कक्षा छह से आठ तक की कक्षाएं और आवासीय विद्यालय चलाने, धोखाधड़ी व आरटीई के उल्लघंन सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। रसगवां स्थित डीएल पब्लिक स्कूल के बिना मान्यता आवासीय विद्यालय चलने का मामला अमर उजाला ने प्रमुखता से उठाया था।
खंड शिक्षा अधिकारी पूनम चौधरी ने रिपोर्ट में बताया है कि विद्यालय के पास केवल कक्षा एक से पांचवीं तक की मान्यता थी, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग की अनुमति के बिना धोखाधड़ी से यहां एक से आठवीं तक की कक्षाओं और आवासीय विद्यालय का संचालन किया जा रहा था। उन्होंने शुक्रवार को विद्यालय का निरीक्षण किया तो वह बंद मिला। ग्राम प्रधान मुनेश देवी ने लिखित बयान में कहा है कि इस विद्यालय में कक्षा एक से आठवीं तक की कक्षाएं संचालित हो रही थीं और विद्यालय आवासीय था।
रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद बंद हुआ अगसौली का स्कूल
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी स्वाति भारती के आदेश पर बीईओ सिकंदराराऊ ने अमान्य विद्यालय सुरेशचंद्र शर्मा पब्लिक स्कूल अगसौली के संचालक, प्रबंधक और प्रधानाध्यापक के खिलाफ बृहस्पतिवार को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद यह स्कूल बंद कर दिया गया है। बीएसए के आदेश पर शुक्रवार को बीईओ ने अमान्य विद्यालय सुरेशचंद्र शर्मा पब्लिक स्कूल अगसौली सिकंदराराऊ का निरीक्षण किया।
इस दौरान विद्यालय में शिक्षण कार्य पूरी तरह बंद मिला। कोई भी छात्र-छात्रा उपस्थित नहीं मिला। जो स्टाफ विद्यालय परिसर में निवास करता है, केवल वही मौके पर उपस्थित था। विद्यालय संचालक द्वारा लिखित रूप में बताया गया कि विद्यालय का संचालन पूर्णतः बंद कर दिया गया है और भविष्य में नवीन मान्यता स्वीकृत होने पर ही विद्यालय का संचालन शुरू किया जाएगा। विद्यालय स्टाफ और संचालक ने यह भी लिखित में दिया कि बिना मान्यता यदि विद्यालय संचालित पाया गया तो समस्त उत्तरदायित्व विद्यालय स्टाफ और संचालक का स्वयं का होगा।