देश में पहली बार साइबर कमांडो !
देश में पहली बार साइबर कमांडो:1000 कमांडो की ट्रेनिंग शुरू; डिजिटल अरेस्ट जैसे मामलों में मौके पर पहुंच अपराधी दबोचे जाएंगे
साइबर अपराधियों से निपटने के लिए पहली बार 1000 कमांडो की टुकड़ी की ट्रेनिंग शुरू हो गई है। ये कमांडो 6 महीने प्रतिष्ठित संस्थानों में साइबर अपराध की दुनिया की बारीकियों को समझकर उनसे निपटने के उपाय में पारंगत होंगे। साइबर अपराध से निपटने की इस उन्नत ट्रेनिंग के लिए देश भर से 2000 से अधिक पुलिस अधिकारियों ने आवेदन दिए थे। इन्हें लिखित परीक्षा के आधार पर चुना गया।
साइबर अपराध के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्थानों में उनका प्रशिक्षण हो रहा है। इनमें गांधीनगर की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी, दिल्ली की नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी और आईआईटी मद्रास भी शामिल हैं। 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद इनका अलग से कैडर होगा।
आगे की योजना यह है कि केंद्रीय स्तर पर केंद्रीय साइबर सिक्योरिटी फोर्स गठित की जाए, जो दूसरे पैरामिलिट्री बलों जैसी होगी। साइबर कमांडो को प्रिवेंटिव मॉडल बनाने की दिशा में भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। डिजिटल अरेस्ट जैसे मामलों में मौके पर पहुंचकर अपराधियों को दबोचने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
हर तरह के साइबर अपराधों की ट्रेनिंग दी जा रही
साइबर ट्रेनिंग से जुड़े विशेषज्ञ ने भास्कर को बताया कि पूरे प्रशिक्षण के दौरान सैद्धांतिक जानकारी के अलावा प्रैक्टिकल ट्रेनिंग पर जोर है। साइबर कमांडो के सामने अतीत की साइबर फ्रॉड और साइबर क्राइम की घटनाओं के मॉडल रखे जाएंगे। उन्हें सॉल्व करने की चुनौती दी जाएगी। ऐसी मामलों में साइबर नेटवर्क को क्रैक करने का कौशल भी उन्हें दिया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचलित साइबर ट्रेनिंग के मॉडलों से भी कमांडो को परिचित कराया जाएगा।
सुझाव था.. बाहरी पेशेवर के बजाय अपनी फोर्स हो
पिछले साल पुलिस महानिदेशकों के सम्मेलन में शीर्ष अधिकारियों ने कहा था कि साइबर ठगी से निपटने के लिए कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर प्रोफेशनल रखने के बजाय इनहाउस ट्रेनिंग देकर अपनी साइबर फोर्स खड़ी की जाए। यह नक्सली समस्या से निपटने के लिए तैयार ग्रे हाउंड की तर्ज पर है। उस समय भी दूसरी पैरामिलिट्री फोर्स लगाई जाती थी, जिसे उस इलाके की जानकारी नहीं होती थी। बाद में उन्हीं इलाकों से लिए पुलिस कर्मियों की फोर्स बनाई गई।
मप्र से सात जवान ट्रेनिंग लेंगे, जिले स्तर तक के काम देखेंगे
मप्र से 7 पुलिस जवानों का चयन हुआ है। इनमें अनिल कुमार शर्मा, अनुज समाधिया, अरुण सिंह, गोपाल राम, मोहित पांडे, संदीप वर्मा और शैलेंद्र राठौर शामिल हैं। साइबर कमांडो बनते ही ये दो भूमिकाओं में काम करेंगे। पहला- देश को बड़े साइबर हमलों से बचाने में इनका रोल होगा। दूसरा- जिले में साइबर क्राइम के मामलों में इनकी मदद ली जा सकेगी। राज्य साइबर पुलिस के एडीजी योगेश देशमुख बोले- जल्द विशेष ट्रेनिंग होगी।