‘नेहरू खानदान ने देश हित में कुछ नहीं किया, जबरदस्ती प्रधानमंत्री बन गए थे’
उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा के कारण जनसंघ का अभ्युदय हुआ। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में शनिवार (8 फरवरी) को आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, “आज कांग्रेसी नेता कहते हैं कि लोकतंत्र की हत्या हो गई प्रजातंत्र की हत्या हो गई। जनसंघ की जरूरत ही नहीं पड़ती अगर सरदार पटेल उसी समय प्रधानमंत्री बन गए होते। पंडित नेहरू को एक भी मत नहीं मिला था, लेकिन फिर भी जबरदस्ती प्रधानमंत्री बन गए और प्रधानमंत्री बनने के बाद कहा मुझे कुछ भी कह लो, लेकिन हिंदू मत कहो।”
उन्होंने कहा कि नेहरू खानदान ने देश हित में कुछ नहीं किया। करपात्री महाराज के नेतृत्व में गौ आंदोलन हुआ। गौ आंदोलन में गौ भक्त और संत महात्माओं के ऊपर गोली चलाने का आदेश पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया, जबकि सिखों का कत्लेआम उनके पुत्र एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के इशारे पर किया गया।
सपा, बसपा और कांग्रेस पर झूठ पर झूठ बोल कर दंगा फैलाने का आरोप लगते हुए कहा कि यूपी के लोकप्रिय एवं ईमानदार मुख्यमंत्री के परिवार का एक सदस्य सरकारी गाड़ी पर नहीं बैठ सकता। उसके राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के राज्य में मोहर्रम का जुलूस हो या कावड़ यात्रा हो सभी लोग सम्मान से अपना अपना त्यौहार मनाते हैं। तीन साल शांति के मार्ग पर प्रदेश चला, लेकिन सीएए कानून बना और इन लोगो ने हिंसा फैलाना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा यह लोग उत्तर प्रदेश को बर्बाद करना चाहते थे। दंगे के रास्ते ले जाना चाहते थे। उत्तर प्रदेश को जलाना चाहते थे, लेकिन यहां के मुख्यमंत्री ने अपने अधिकारियों की बदौलत तीन दिन के अंदर दंगाइयों पर नियंत्रण कर लिया। हिंसा को नियंत्रित करने में मुस्लिम धर्मगुरुओं और नौजवानों का भी योगदान रहा।
भाजपा नेता ने कहा, “सीएए कानून उपलब्धि का क्षण है ऐतिहासिक सफलता का क्षण है एक गौरवशाली क्षण है यह भूतो ना भविष्यति का क्षण है ऐसा क्षण कभी नहीं आता है ऐसा क्षण तब आता है जब मोदी और अमित शाह जैसा गृहमंत्री होता है और शांतिदूत मोदी जी जैसा प्रधानमंत्री होता है और लौह पुरुष जैसा गृहमंत्री होता है।”