क्या हाई ऑक्सीजन ने ही वार्ड में आग को और भड़काया…झांसी अग्निकांड ?
क्या हाई ऑक्सीजन ने ही वार्ड में आग को और भड़काया… झांसी अग्निकांड की असली वजह क्या?
झांसी में लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज है. यहां अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भीषण आग लग गई. इस हादसे में 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई. हादसे की मुख्य वजह शार्ट सर्किट को बताया जा रहा है. वहीं, अस्पताल में मौजूद लोगों का कहना है कि आग लगने के दौरान सेफ्टी अलार्म ही नहीं बजा था
एसएनसीयू वार्ड में लगी आगअचानक से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अंदर आग लग गई. कंसंट्रेटर में लगी आग को बुझाने की कोशिश की गई, लेकिन एसएनसीयू वार्ड में अत्यधिक ऑक्सीजन था. इसलिए आग तेजी से फैल गई और देखते ही देखते ही यह पूरे हादसा हो गया. बताया जा रहा है कि अस्पताल में आग लगने के बाद भी सेफ्टी अलार्म भी नहीं बजा था. इसी वजह से आग ने विकराल रूप ले लिया था. सेफ्टी अलार्म बजा होता, तो शायद एसएनसीयू वार्ड में इतना बड़ा हादसा नहीं होता.
सीएम ने की मुआवजे की घोषणाघटना के बाद से ही पीड़ित परिवारों को रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं, सीएम योगी ने जिला प्रशासन से इस हादसे की रिपोर्ट 12 घंटे के अंदर मांगी है. सीएम योगी ने मृतक बच्चों के परिजनों को 05-05 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल बच्चों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये तत्काल मुआवजा देने की घोषणा की है. पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पूरे हादसे पर दुख जताते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की है.
अखिलेश यादव ने लगाया लापरवाही का आरोपसपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, आग का कारण ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर में आग लगना बताया जा रहा है. ये सीधे-सीधे चिकित्सीय प्रबंधन और प्रशासन की लापरवाही का या फिर खराब क्वालिटी के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का मामला है. इस मामले में सभी जिम्मेदार लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई हो. मुख्यमंत्री जी को (सीएम योगी) चुनावी प्रचार छोड़कर, सब ठीक होने के झूठे दावे छोड़कर, स्वास्थ्य और चिकित्सा की बदहाली पर ध्यान देना चाहिए. जिन्होंनें अपने बच्चे गंवाएं हैं, वो परिवार वाले ही इसका दुख-दर्द समझ सकते हैं.
‘स्वास्थ्य मंत्री के कारण हुई बदहाली’अखिलेश यादव कहते है कि आशा है चुनावी राजनीति करने वाले पारिवारिक विपदा की इस घड़ी में इसकी सच्ची जांच करवाएंगे और अपने तथाकथित स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्रालय में ऊपर-से-नीचे तक आमूलचूल परिवर्तन करेंगे. रही बात उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री की तो उनसे कुछ नहीं कहना है क्योंकि उन्हीं के कारण आज प्रदेश में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा व्यवस्था की इतनी बदहाली हुई है.
संकीर्ण-साम्प्रदायिक राजनीति की निम्न स्तरीय टिप्पणियां करने में उलझे मंत्री जी को, तो शायद ये भी याद नहीं होगा कि वो स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री हैं. न तो उनके पास कोई शक्ति है न ही इच्छा शक्ति, बस उनके नाम की तख्ती है. सबसे पहले उप्र भाजपा सरकार समस्त झुलसे बच्चों के लिए विश्वस्तरीय चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराए और जिन्होंने अपने बच्चों को खोया है, उन समस्त शोक संतप्त परिवारों को 1-1 करोड़ संवेदना राशि दे.