AI: पढ़ाई में एआई की मदद अवश्य लें, लेकिन अपनी क्षमताओं को न करें कमजोर ?
AI: पढ़ाई में एआई की मदद अवश्य लें, लेकिन अपनी क्षमताओं को न करें कमजोर; ज्यादा खुद पर करें भरोसा
AI: जेनरेटिव एआई पढ़ाई की प्रक्रिया का अहम हिस्सा बनाते जा रहे हैं। छात्रों को पढ़ाई में इनकी मदद अवश्य लेनी चाहिए, लेकिन खुद को इनपर आश्रित करके अपनी क्षमताओं को कमजोर नहीं करना चाहिए।
AI: जैसे-जैसे जेनरेटिव एआई का विकास हो रहा है, छात्र इसे पढ़ाई की प्रक्रिया का अहम हिस्सा बनाते जा रहे हैं। बेशक चैटजीपीटी जैसे टूल छात्रों की पढ़ाई संबंधित समस्या को सुलझाने में काफी हद तक मदद कर रहे हैं, लेकिन यह सोचने की क्षमता को भी प्रभावित करते हैं। यही कारण है कि कभी-कभी छात्रों के विचारों और बातों में आत्मविश्वास की कमी दिखाई देती है। ऐसे में यह प्रश्न लाजमी है कि क्या एआई छात्रों की रचनात्मकता को बढ़ा रहा है या फिर उसे दिन-ब-दिन कम करता जा रहा है…? इसलिए आपको एआई के प्रभाव और इसके सही इस्तेमाल के तरीके को जानना बेहद जरूरी है। पढ़ाई के दौरान एआई की मदद अवश्य लें, लेकिन जब बात प्रदर्शन की हो, तो अपनी क्षमताओं को ही तवज्जो दें।
एआई का विचारों पर प्रभाव
निश्चित रूप से एआई छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है। यह छात्रों को ऐसे विचारों से अवगत कराता है, जो उनकी रचनात्मकता और उत्पादकता को बढ़ा सकते हैं। इसकी सहायता से जहां कई महत्वपूर्ण जानकारियां छात्र चुटकी बजाते ही पा सकते हैं, वहीं इसके अत्यधिक उपयोग से छात्रों के विचार कमजोर और उनकी रचनात्मक क्षमताएं क्षीण होती जा रही हैं।
एआई के विचारों को देखकर अपने विचारों को अपनाने और दोनों में तालमेल बिठाने में काफी कठिनाई होती है। ऐसे में छात्रों को एआई की तुलना में खुद के विचार ज्यादा प्रांसगिक नहीं लगते। धीरे-धीरे उनकी सोचने की क्षमता कम होने लगती है।
जवाब में मौलिकता
एआई का उपयोग करने से प्रश्नों को हल करने की बेहतर तकनीक और रचनात्मक आउटपुट प्राप्त करने में सहायता तो मिलती है, लेकिन इसके जवाब दोहराए हुए होते हैं। ऐसे में उत्तरों में मौलिकता नहीं रह जाती। इसका एक मुख्य कारण जेनरेटिव एआई है। यह नए व मूल विचार प्रस्तुत करने के बजाय दोहराए हुए विचारों को पेश करता है।
इसलिए छात्रों को पहले स्वतंत्र रूप से खुद को रचनात्मक बनाने का प्रयास करना चाहिए और जब आपको अपनी क्षमताओं पर पूरा विश्वास हो जाए, तब आप बेशक एआई की सहायता ले सकते हैं।
आलोचनात्मक मूल्यांकन
इसमें कोई दो राय नहीं है कि एआई से छात्रों के कौशल निखर रहे हैं। ऐसे कई प्लेटफॉर्म हैं, जिन पर मौजूद ऑनलाइन कोर्स के जरिये छात्र अपने कौशल को बढ़ा रहे हैं।
हालांकि, चैटजीपीटी जैसी एआई तकनीक विचारों के निर्माण में तो सहायक है, लेकिन छात्रों की समस्याओं को बेहतर ढंग से हल करने और उनका मूल्यांकन करने के लिए अभी भी इन्सानों पर ही निर्भर है। इसलिए आपको मानवीय मूल्यों को महत्व देने पर ज्यादा जोर देना चाहिए।
यह भी ध्यान रखें
एआई के जवाबों में कई बार गलत और भ्रामक जानकारी भी शामिल होती है। इसलिए इसके तथ्यों को जांच-परख कर ही इस्तेमाल करें। शिक्षा में एआई का महत्व केवल नए विचारों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि भविष्य में लोगों की रचनात्मकता और तकनीक एक साथ प्रगति करे, इसके बारे में भी है।