आपके मतलब की बात: कोरोना से बचने के लिए कौन सा हैंड सैनिटाइजर लेना फायदेमंद

नई दिल्ली: कोराना वायरस (Coronavirus) भारत में प्रवेश कर चुका है. इसके साथ ही पिछले हफ्ते भर में जितने हैंड सैनिटाइजर (Hand sanitizer) की बिक्री हुई उतने भारत के इतिहास में नहीं बिके होंगे. हर व्यक्ति अपने आपको और परिवार को संक्रमण से बचाने के लिए सैनिटाइजर खरीदने में लगा है. आम धारणा ये भी बन रही है कि सैनिटाइजर ही आपको कोरोना से बचा सकता है. लेकिन क्या आपने कभी खरीदने से पहले ध्यान दिया है कि खरीदा गया हैंड सैनिटाइजर एल्कोहल बेस्ड है या नॉन एल्कोहल बेस्ड? क्या आपको ये पता है कि वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने के लिए सैनिटाइजर में कितना प्रतिशत एल्कोहल होना जरूरी है? आइए हम करते हैं आपकी मदद…

बाजार में बिकते हैं दो तरह के सैनिटाइजर
जब आप किसी दुकानदार से सैनिटाइजर मांगते हैं तो वो किसी भी ब्रांड का उत्पाद आपको थमा देता है. लेकिन हैंड सैनिटाइजर खरीदते वक्त ये जानना जरूरी है कि आप इसे किस वजह से ले रहे हैं. इस वक्त बाजार में दो तरह के हैंड सैनिटाइजर उपलब्ध हैं. एक है एल्कोहल बेस्ड है और दूसरा नॉन एल्कोहल बेस्ड है. अगर आप सिर्फ घर में या दफ्तर में ही रहते हैं और कहीं आना जाना कम होता है तो नॉन एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर (0.01 प्रतिशत एल्कोहल) आपके लिए उपयुक्त है. लेकिन अगर आप ट्रांसपोर्ट, डिलीवरी, फैक्टरी इंडस्ट्री या अस्पताल में काम करते हैं जहां लोगों का आना जाना बहुत ज्यादा होता है तो आपके लिए एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर (60-65% एल्कोहल) ही सही होगा.

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कौन सा सैनिटाइजर सही
कोरोना वायरस एक हाई लेवल का वायरस है. डॉक्टरों का कहना है कि इससे लड़ने के लिए एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर ही मददगार है. 60-65 प्रतिशत एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर 99.9% किटाणुओं को मार सकता है. इस लिए सलाह दी जाती है कि कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण के इस माहौल में सिर्फ एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर ही इस्तेमाल किया जाए.

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