बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों पर हाईकोर्ट सख्त ?

बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों पर हाईकोर्ट सख्त, प्रशासन को 3 महीने के भीतर एक्शन लेने का दिया आदेश

पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में वकील निखिल थम्मन ने याचिका लगाकर बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों को बंद करने की मांग की थी। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए यूटी प्रशासन को तीन महीने के भीतर एक्शन लेने का आदेश दिया है। अगर तीन महीने के भीतर कार्रवाई नहीं हुई तो याची को फिर से हाईकोर्ट आने की छूट है।

बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों पर तीन माह में एक्शन ले प्रशासन- हाईकोर्ट
  1. हाईकोर्ट ने दाखिल की जनहित याचिका का किया निपटारा
  2. तीन माह में कार्रवाई न होने पर याची को हाईकोर्ट आने की छूट
 चंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab & Haryana High Court) ने चंडीगढ़ में बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों को बंद करने की मांग को लेकर दायर याचिका का निपटारा करते हुए तीन माह में एक्शन लेने का यूटी प्रशासन को आदेश दिया है। कोर्ट ने याची को छूट दी है कि यदि इस अवधि में कार्रवाई नहीं होती है तो वह फिर से हाईकोर्ट आ सकता है।
ऐसे कोचिंगों को तत्काल बंद करने की मांग
इस मामले में याचिकाकर्ता हाईकोर्ट के वकील निखिल थम्मन ने अपनी याचिका में दिल्ली हादसे से सबक लेते हुए उन कोचिंग संस्थानों को तत्काल प्रभाव से बंद करने की मांग की गई है जो बेसमेंट में कोचिंग संस्थान चला रहे हैं और बिना अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र के कोचिंग संस्थान चला रहे हैं।
जनहित याचिका में उन कोचिंग संस्थानों को तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश देने की मांग की गई है जो चंडीगढ़ बिल्डिंग रूल्स 2017 का उल्लंघन कर रहे हैं, जैसे कि बेसमेंट में कोचिंग संस्थान चला रहे हैं और चंडीगढ़ अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा नियम 1991 का उल्लंघन कर रहे हैं।
बहस के दौरान निखिल थम्मन ने दलील दी कि कोचिंग संस्थान तेजी से बढ़ रहे हैं और निजी कोचिंग संस्थानों की बढ़ती संख्या पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं है, जिसके कारण चंडीगढ़ में सेक्टर 34 मार्केट, सेक्टर 17 मार्केट आदि जैसे कुछ भीड़भाड़ वाले स्थानों में स्थिति खराब हो गई है।
नियमों के मुताबिक पूरे होने चाहिए ये मानदंड
याची ने बताया कि नियमों के अनुसार 15 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली सभी ऊंची इमारतों के पास अग्निशमन विभाग से सुरक्षा प्रमाण पत्र होना चाहिए, जो कि तभी जारी किया जा सकता है जब उक्त इमारत कुछ अग्नि सुरक्षा मानदंडों को पूरा करती हो।
सभी मंजिलों पर अग्निशामक यंत्र, स्वचालित स्प्रिंकलर प्रणाली, बिना किसी बाधा के भागने के रास्ते, प्राकृतिक वेंटिलेशन और प्रकाश व्यवस्था, अग्निरोधी सामग्री से उपचारित फर्नीचर आदि इसके लिए अनिवार्य है।
कोर्ट को बताया गया कि यह मामला अत्यंत चिंता का विषय है क्योंकि संबंधित अधिकारी निर्दोष छात्रों की सुरक्षा के मुद्दे पर आंखें मूंदे हुए हैं और चंडीगढ़ में कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले उन निर्दोष छात्रों के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं।
याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया कि वो इस मामले को गंभीर मानते हुए उचित कदम उठाए व प्रशासन को निर्देश जारी करें ताकि कोई अप्रिय घटना न हो सके। हाईकोर्ट में प्रशासन ने बताया कि 7 संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। एसडीएम आगे एक्शन लेंगे। इस जानकारी पर हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *