साहब के खर्चे उठाने पड़ते हैं, इसलिए रिश्वत लेना जरूरी ?
- जमानत के लिए 500 रुपये रिश्वत मांगने पर विवाद।
- वकीलों और बाबू के बीच झड़प में एक युवक घायल।
- एडवोकेट ने बाबू पर रिश्वतखोरी का लगाया आरोप ।
शिवपुरी। शिवपुरी एसडीएम कोर्ट में पदस्थ बाबू द्वारा जमानत के लिए कथित रूप से रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। इसको लेकर शुक्रवार को कोर्ट परिसर में विवाद हो गया, जिसमें एक युवक घायल हो गया। आरोप है कि बाबू ने एक युवक से जमानत के एवज में 500 रुपये की मांग की थी।
जब अब्दुल्ला ने पैसे न होने की बात कही, तो जुबेर को जेल भेज दिया गया। शुक्रवार को अब्दुल्ला ने यह बात एडवोकेट विजय तिवारी को बताई, जिसके बाद वकीलों ने बार काउंसिल से इसकी शिकायत की। इसी दौरान वकीलों और बाबू के बीच झड़प हो गई, जिससे एक व्यक्ति घायल हो गया।
राजस्व कार्यालयों में रिश्वतखोरी का आरोपएडवोकेट तिवारी ने आरोप लगाया कि जिले के राजस्व कार्यालयों में बाबू बेलगाम हो गए हैं और जमानत दिलाने के नाम पर 1,000 से 5,000 रुपये तक वसूली की जा रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बाबू ने खुद कहा कि “उन्हें साहब के खर्चे उठाने पड़ते हैं, इसलिए रिश्वत लेना जरूरी है।”