भाजपा की चुनौतियां भी कम नहीं. … 70 में से 31 विधायक दागी, भाजपा के सबसे अधिक !
Delhi Election Result: 70 में से 31 विधायक दागी, भाजपा के सबसे अधिक; 64 फीसदी नए विधायकों के पास स्नातक डिग्री
एडीआर और दिल्ली इलेक्शन वॉच ने विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सभी 699 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया और पाया कि गंभीर आपराधिक मामलों वाले विजयी उम्मीदवारों की संख्या अभी भी चिंता का विषय है।
रिपोर्ट में पाया गया कि 17 नवनिर्वाचित उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिनमें हत्या के प्रयास और महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले भी शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 70 नवनिर्वाचित विधायकों के पास कुल 1,542 करोड़ रुपये की संपत्ति है। प्रति उम्मीदवार औसत संपत्ति 2020 में 14.29 करोड़ रुपये से बढ़कर 22.04 करोड़ रुपये हो गई है। भाजपा के विधायकों का संपत्ति चार्ट पर दबदबा है, जिनकी औसत संपत्ति मूल्य 28.59 करोड़ रुपये है, जबकि आप की 7.74 करोड़ रुपये है।
23 विजयी उम्मीदवारों ने 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक की देनदारियां घोषित कीं। इनमें भाजपा के परवेश वर्मा 74 करोड़ रुपये की देनदारी के साथ शीर्ष पर रहे। तीन सबसे धनी विधायक भी भाजपा से हैं, जिसमें करनैल सिंह 259.67 करोड़ रुपये, मनजिंदर सिंह सिरसा 248.85 करोड़ रुपये और परवेश वर्मा 115.63 करोड़ रुपये शामिल हैं।
64 प्रतिशत नए विधायकों के पास स्नातक या उससे ऊपर की डिग्री है, जबकि 33 प्रतिशत ने अपनी शैक्षणिक योग्यता कक्षा 5 से कक्षा 12 के बीच बताई। उम्र के मामले में, 67 प्रतिशत विजयी उम्मीदवार 41 और 60 के बीच हैं, जबकि 20 प्रतिशत 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं।
महिलाओं की प्रतिनिधित्व घटा
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भाजपा की चुनौतियां भी कम नहीं… जनता की उम्मीदों पर उतरना होगा खरा; आप के लिए मुसीबत बनेगा ये!
70 विधानसभा में 48 विधायक चुने गए है। अब एक तो मंत्री, मुख्यमंत्री बनाने को लेकर आपसी खींचतान शुरू हो सकती है वहीं दूसरी ओर 26 साल से सत्ता से दूरी रही पार्टी को शासन-प्रशासन भी चलाने में शुरुआती परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
आम आदमी पार्टी के खिलाफ जिस तरह से भाजपा का मूड दिख रहा है उससे साफ जाहिर है कि भ्रष्टाचार के आरोप से बेदाग होना उसके लिए मुश्किल भरा सफर हो सकता है। शनिवार को पीएम मोदी ने भी कहा कि जिसने लूटा है उसे लौटाना पड़ेगा।
जांच हुई तो विधानसभा चुनाव जीतकर आए आप के विधायकों पर भी इससे गाज गिर सकती है। आने वाले समय में जेल से बेल पर आए पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन समेत कई नेताओं की फाइलें खुलेंगी।
पिछले विधानसभाओं में भाजपा के सदस्य काफी कम थे। 2015 के चुनाव में भाजपा के तीन विधायक सदन में थे वहीं 2020 के चुनाव में 70 में से आठ विधायक ही चुनकर आए थे। सत्र के दौरान भाजपा विधायकों को बराबर मार्शल आउट किया जाता था। बोलते वक्त उनका माइक तक बंद करने आरोप भाजपा विधायक लगाते थे।
आम आदमी पार्टी सरकार की कई फाइलें एलजी के पास हैं। दिल्ली सरकार की कई योजनाओं की जांच चल रही है। अनियमितताओं की वजह से कई योजनाएं ठप भी है। अब राजनिवास से भी आप की सरकार पर प्रहार शुरू होगा।