NDA ने चुनाव से पहले दुरुस्त किए गठबंधन के कील-कांटे ?

राजनीति: बिहार में अब सब ठीक; मंत्रिमंडल विस्तार के जरिये NDA ने चुनाव से पहले दुरुस्त किए गठबंधन के कील-कांटे

चुनाव में एनडीए नेताओं के बीच अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग रणनीति के तहत जातिगत समीकरण साधने पर रणनीति बनी है। मसलन सीमांचल में भाजपा जोर-शोर से हिंदुत्व को मुद्दा बनाएगी। मिथिलांचल और कोसी क्षेत्र में गठबंधन की रणनीति के केंद्र में पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियां होंगी।
Politics: NDA rectified cracks in alliance before Assembly elections Through cabinet expansion in Bihar

बिहार में कैबिनेट विस्तार…

बजट सत्र से दो दिन और विधानसभा चुनाव से आठ महीने पूर्व भाजपा और जदयू ने मंत्रिमंडल विस्तार के जरिये गठबंधन के कील-कांटे दुरुस्त कर लिए हैं। चुनाव में सीएम नीतीश कुमार ही राज्य में एनडीए का चेहरा होंगे। गठबंधन हिंदुत्व के साथ ही विकास को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाएगा। हालांकि, विस्तार में सभी सात सीटें हासिल कर भाजपा ने सरकार में अपनी धमक कायम रखने का संदेश दिया है। गौरतलब है कि मंत्रिमंडल विस्तार का करीब एक साल से इंतजार किया जा रहा था।

जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने मुताबिक, मंत्रिमंडल विस्तार, विधानसभा चुनाव की रणनीति, चेहरा जैसे अहम सवालों पर मंगलवार को नीतीश कुमार और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच बैठक में गहन मंथन हुआ। इसी बैठक में नीतीश ने विस्तार में संख्या बल के आधार पर सभी सात खाली सीटें भाजपा को देने पर सहमति जताई, जबकि, नड्डा ने नीतीश को गठबंधन का चेहरा बनाने का पुराना वादा दोहराया। उन्होंने कहा, चेहरे के सवाल पर एनडीए में शामिल सभी दलों में सहमति है।

क्षेत्र के अनुसार बदल जाएंगे चुनावी मुद्दे
चुनाव में एनडीए नेताओं के बीच अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग रणनीति के तहत जातिगत समीकरण साधने पर रणनीति बनी है। मसलन सीमांचल में भाजपा जोर-शोर से हिंदुत्व को मुद्दा बनाएगी। मिथिलांचल और कोसी क्षेत्र में गठबंधन की रणनीति के केंद्र में पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियां होंगी। इस क्षेत्र में पार्टी जातिगत समीकरण साधने के साथ विकास को अहम मुद्दा बनाएगी। भोजपुरी भाषी क्षेत्र में गठबंधन विधानसभा चुनाव को यादव बनाम गैर यादव ओबीसी का रंग देगी, जबकि पटना, बाढ़ जैसे इलाके में हिंदुत्व और विकास दोनों गठबंधन की रणनीति का हिस्सा होंगे।

तय फार्मूले के तहत हुआ विस्तार
मंत्रिमंडल में बर्थ को ले कर 3.5 विधायक पर एक मंत्री का फार्मूला तय किया गया। इस फार्मूले के हिसाब से जदयू का कोटा पहले ही पूरा हो चुका था। भाजपा के कोटे में सात मंत्री कम थे। विस्तार में भाजपा ने जातिगत समीकरण साधने पर विशेष जोर दिया है। शामिल किए गए मंत्रियों में कोइरी बिरादरी से सुनील कुमार, तेली बिरादरी से मोतीलाल प्रसाद, वैश्य से संजय सरावगी, कुर्मी से कृष्णकुमार मंटू, भूमिहार से जीवेश मिश्रा, राजपूत बिरादरी से राजू सिंह और मल्लाह बिरादरी से विजय मंडल हैं।

निशांत को लॉन्च करने की तैयारी
हाल ही में अपने राजनीतिक बयानों के कारण चर्चा में आए सीएम नीतीश कुमार के पुत्र निशांत को आगामी विधानसभा चुनाव में लॉन्च करने की तैयारी जोरशोर से चल रही है। जदयू सूत्र ने बताया कि पार्टी में सभी इस पर सहमत हैं। अंतिम फैसला नीतीश को करना है। संभवत: अगले महीने निशांत को राजनीति में उतारने की घोषणा कर दी जाएगी।

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