क्या आप भी फंस गए हैं कर्जों के जाल में, कैसे पाएं छुटकारा?
क्या आप भी फंस गए हैं कर्जों के जाल में, कैसे पाएं छुटकारा?
कर्ज के जाल में फंसने के बाद ऐसा लगने लगता है कि अब निकलना मुश्किल है. ऐसे हालात में गहन विश्लेषण की जरूरत होती है. परेशान होने के बजाए रास्ता निकलना चाहिए.
कर्ज ऐसा लगता है जैसे कोई भारी बोझ आपके कंधों पर रख दिया हो. पहले तो ये छोटा-सा लगता है—शायद गाड़ी ठीक कराने के लिए लिया या डॉक्टर का बिल चुकाने के लिए. लेकिन धीरे-धीरे ये बढ़ता जाता है, और एक दिन ऐसा आता है जब आप कर्ज के जाल में पूरी तरह फंस चुके होते हैं. हर महीने ब्याज और फीस बढ़ती जाती है, और आप सोचते हैं कि अब क्या करें. लेकिन कर्ज से बाहर निकलना मुमकिन है. इसके लिए आपको सही तरीका और थोड़ी हिम्मत चाहिए.
कर्ज का चक्कर क्या है?
कर्ज का चक्कर वो हालत है जब आप पुराने कर्ज को चुकाने के लिए नया कर्ज लेते हैं. मान लीजिए, आपके पास क्रेडिट कार्ड का बिल बढ़ गया. उसे चुकाने के लिए आप बैंक से लोन लेते हैं. लेकिन उस लोन का ब्याज इतना ज्यादा होता है कि आपका महीने का बजट गड़बड़ा जाता है. फिर आप दोबारा क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं. बस, यहीं से चक्कर शुरू हो जाता है. ब्याज की दरें ऊंची होती हैं, देर से पेमेंट करने की फीस लगती है, और अगर गलती हुई तो पेनल्टी भी. इस वजह से थोड़ा-सा कर्ज बड़ी मुसीबत बन जाता है. आपका दिमाग परेशान रहता है, नींद नहीं आती, और क्रेडिट स्कोर भी खराब हो जाता है. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है.
पहला कदम: अपनी हालत समझें
कर्ज से लड़ने के लिए सबसे पहले सच का सामना करना पड़ेगा. एक कागज और पेन लें, या अपने फोन में नोट्स खोलें. अब हर कर्ज को लिखें—किससे लिया, कितना बाकी है, ब्याज कितना है, हर महीने कम-से-कम कितना देना है, और कब तक देना है. ये सब लिखने में टाइम लगेगा, लेकिन ये जरूरी है. इसके बाद अपनी महीने की कमाई जोड़ें नौकरी से, छोटे-मोटे काम से, या कहीं और से जो भी आता हो. फिर अपने खर्चे लिखें,किराया, बिजली, पानी, खाना, फोन का बिल, सब कुछ. अब कमाई से खर्चा घटाएं. अगर कुछ बचता नहीं, या खर्चा कमाई से ज्यादा है, तो समझ लीजिए कि आप कर्ज के जाल में हैं. ये पहला कदम आपको रास्ता दिखाएगा.
दूसरा कदम: नया कर्ज बंद करें
जब तक आप नया कर्ज लेना बंद नहीं करेंगे, पुराना कर्ज खत्म नहीं होगा. सोचिए, अगर आपकी नाव में छेद हो और पानी आ रहा हो, तो आप पहले छेद बंद करेंगे ना? वैसे ही यहां करना है. क्रेडिट कार्ड को काट दें, या किसी अलमारी में बंद कर दें. रोज का खर्चा नकद या डेबिट कार्ड से करें. बाजार में “अभी खरीदो, बाद में चुकाओ” जैसे ऑफर दिखें, तो दूर रहें,ये भी कर्ज ही है. साथ में, थोड़े-थोड़े पैसे बचाना शुरू करें. हर महीने 50 या 100 रुपये भी बचा लें, तो इमरजेंसी में आपको कर्ज नहीं लेना पड़ेगा. ये छोटा कदम बड़ी राहत देगा.
तीसरा कदम: कर्ज को क्रम में लगाएं
सारे कर्ज एक जैसे नहीं होते. कोई ब्याज ज्यादा लेता है, कोई कम. यहाँ दो तरीके हैं कर्ज चुकाने के:
– एवलांच तरीका: पहले उस कर्ज को चुकाएं जिसमें ब्याज सबसे ज्यादा है. बाकी कर्जों पर कम-से-कम पेमेंट करें, और जो पैसे बचें, उसे बड़े ब्याज वाले कर्ज में डाल दें. जब वो खत्म हो जाए, तो अगले बड़े ब्याज वाले कर्ज पर ध्यान दें. इससे आपका पैसा बचता है.
स्नोबॉल तरीका: पहले सबसे छोटा कर्ज चुकाएं, ब्याज की परवाह न करें. छोटा कर्ज जल्दी खत्म होगा, और आपको हिम्मत मिलेगी. फिर अगले छोटे कर्ज पर जाएं.
चौथा कदम: कर्ज देने वालों से बात करें
जिनसे आपने कर्ज लिया, उनसे कहें, “मेरे पास पैसे कम हैं, लेकिन मैं चुकाना चाहता हूँ. क्या ब्याज कम कर सकते हैं?” या “कुछ महीने पेमेंट रोक सकते हैं?” अगर आपके पास थोड़े पैसे हैं, तो कहें कि सारा कर्ज कम रकम में खत्म कर दें. सच बोलें और विनम्र रहें. अगर वो न मानें, तो उनके मैनेजर से बात करने को कहें. अगर आपको बात करने में दिक्कत हो, तो क्रेडिट काउंसलर की मदद लें, वो मुफ्त में या कम पैसे में आपकी बात आगे बढ़ा सकते हैं.
पांचवां कदम: कमाई बढ़ाएं, खर्चा घटाएं
कर्ज से जल्दी निकलने के लिए दो चीजें करें—पैसे बढ़ाएं और खर्चा कम करें. घर में जो सामान पड़ा है,पुराने कपड़े, फोन, या फर्नीचर, उसे बेच दें. थोड़ा एक्स्ट्रा काम करें, जैसे बच्चों को पढ़ाना, ऑनलाइन सर्वे करना, या वीकेंड पर कुछ डिलीवरी का काम. 200-300 रुपये भी एक्स्ट्रा आएं, तो कर्ज चुकाने में मदद मिलेगी. खर्चे में कटौती करें—बाहर खाना बंद करें, सस्ता फोन प्लान लें, जो सब्सक्रिप्शन काम न आए, उसे हटा दें. हर बचाया हुआ पैसा कर्ज में डालें.
छठा कदम: कर्ज को एक करें
अगर आपके पास 4-5 कर्ज हैं, और सबके ब्याज ज्यादा हैं, तो डेट कंसॉलिडेशन करें. यानी एक नया कर्ज लें, जिसका ब्याज कम हो, और उससे सारे पुराने कर्ज चुकाएं. अब आपको सिर्फ एक पेमेंट करना होगा. बैंक से पर्सनल लोन लें, या क्रेडिट कार्ड का बैलेंस ट्रांसफर करें. लेकिन ध्यान रखें,इसके बाद नया कर्ज न लें, वरना मुश्किल बढ़ेगी. ये तरीका तभी काम करता है जब आप अनुशासन में रहें.
सातवां कदम: बचत शुरू करें
जब एक-दो कर्ज खत्म हों, तो थोड़े पैसे बचाना शुरू करें. ये इमरजेंसी फंड आपकी ढाल बनेगा. मान लीजिए, गाड़ी खराब हो जाए या कोई बीमार पड़ जाए—अगर पैसे नहीं होंगे, तो आप फिर कर्ज लेंगे. शुरू में 500-1000 रुपये बचाएं, फिर धीरे-धीरे 3-6 महीने के खर्च के बराबर जमा करें. ये आपको कर्ज के चक्कर से बचाएगा.
आठवां कदम: सोच बदलें
कर्ज सिर्फ पैसे की बात नहीं, आदत की भी बात है. इसे हमेशा के लिए खत्म करने के लिए अपनी सोच बदलें. ज्यादा कमाई होने पर खर्चा न बढ़ाएं. छोटी-छोटी खुशियों के लिए इंतजार करें. एक बजट बनाएं—हर रुपये का हिसाब रखें. ये मुश्किल लगेगा, लेकिन ये आपकी ताकत बनेगा.
आगे का रास्ता
कर्ज से निकलना आसान नहीं. आपको कई चीजें छोड़नी पड़ेंगी, शायद दोस्तों के साथ घूमना, या नई चीजें खरीदना. लेकिन हर कर्ज जो खत्म होगा, आपको हल्का महसूस होगा. छोटी जीत को मनाएं, और हिम्मत बनाए रखें. दोस्तों से बात करें, या किसी सलाहकार से मदद लें. कर्ज से आजादी दूर नहीं, बस अभी शुरू करें.