बिक रही है अमेरिका की नागरिकता!
बिक रही है अमेरिका की नागरिकता! डंकी रूट का जोखिम उठाने वाले क्या आम भारतीयों के लिए अब आसान हो गया रास्ता?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक गोल्ड कार्ड वीजा प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की है. यह ईबी-5 वीजा कार्यक्रम का विकल्प है और अमीर विदेशियों को अमेरिका में बसने का एक आसान रास्ता देता है. इससे अमेरिकी सरकार को राजस्व में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.

अमेरिका में स्थाई नागरिकता के लिए ग्रीन कार्ड हासिल करना होता है. इसे पाने के लिए कई साल और कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है, लेकिन गोल्ड कार्ड से अमेरिका की नागरिकता पाना आसान हो जाएगा.
ट्रंप का ये प्लान ऐसे समय सामने आया है, जब अमेरिका से अवैध अप्रवासियों को बाहर निकाला जा रहा है. 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ट्रंप ने ये एक्शन शुरू किया है. अमेरिका की लगभग 15 प्रतिशत आबादी अप्रवासी है. इस लिस्ट में भारत, मैक्सिको और चीन शीर्ष पर हैं. ऐसा माना जाता है कि अमेरिका में 3 फीसदी आबादी तो अवैध अप्रवासियों की है.
अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवाओं के अनुसार, EB-5 वीजा की शुरुआत 1990 में हुई थी. ये वीजा उन लोगों को मिलता है जो अमेरिका में निवेश करते हैं और अमेरिकी लोगों को रोजगार देते हैं. 2025 में करीब 19 हजार ऐसा वीजा दिया जाना है.
गोल्ड कार्ड का मकसद क्या?रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि गोल्ड कार्ड से अच्छा खासा रेवेन्यू मिलेगा. दुनिया भर के धनी व्यक्तियों की गहरी दिलचस्पी को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने दस लाख गोल्ड कार्ड बेचने का प्रस्ताव रखा है. एक डाटा के अनुसार, 24 फरवरी 2025 तक अमेरिका का नेशनल डेब्ट 36.22 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर था. इसे डेब्ट को गोल्ड कार्ड से कम करने की उम्मीद जताई जा रही है.
डंकी रूट अपनाने वालों के लिए क्या आसान हुआ रास्ता?भारत से बड़ी संख्या में लोग डंकी रूट या अवैध तरीके से अमेरिका में दाखिल होते हैं. इन्हें अवैध अप्रवासी कहा जाता है, जिन्हें अमेरिका वापस भी भेज रहा है. 7 से 8 लाख भारतीय अवैध अप्रवासी अमेरिका में रहते हैं.
पैसे कमाने के लिए बड़ी संख्या में भारतीय एजेंट के जरिए अवैध तरीके से अमेरिका में घुसते हैं. इसके लिए वे 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक खर्च करते हैं. लेकिन गोल्ड कार्ड आता है तो भी उनका अमेरिका जाने का रास्ता आसान नहीं होगा, क्योंकि गोल्ड कार्ड हासिल करने के लिए अमेरिका में 5 मिलियन डॉलर यानी करीब 44 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा.
भारत के अमीर लोगों के लिए ट्रंप का गोल्ड कार्ड गेमचेंजर होगा. इससे उन्हें अमेरिका की नागरिकता जल्दी और आसानी से मिल जाएगी. गोल्ड कार्ड के आने से EB-5 वीजा प्रोग्राम खत्म हो जाएगा.
रोजगार के आधार पर अमेरिका कौन-कौन सा वीजा देता है?
- ईबी-1: यह प्राथमिकता वाले लोगों के लिए है, जिसमें विज्ञान, कला, शिक्षा, अनुसंधान, व्यवसाय या खेल जैसे क्षेत्रों में असाधारण क्षमता या उत्कृष्ट प्रदर्शन वाले विदेशी नागरिक शामिल हैं.
- ईबी-2: डॉक्टरेट या कम से कम पांच साल के ग्रेजुएशन के बाद आगे की पढ़ाई के लिए.
- ईबी-3: कुशल श्रमिकों, पेशेवरों और अन्य श्रमिकों के लिए है.
- ईबी-4: कुछ विशेष आप्रवासियों के लिए जिसमें मंत्री, धार्मिक कार्यकर्ता, वर्तमान या पूर्व अमेरिकी सरकारी कर्मचारी शामिल हैं