43 देशों पर ट्रंप का निशाना !

43 देशों पर ट्रंप का निशाना: किन देश के नागरिकों के US आने पर लग सकती है पाबंदी, PAK का नाम किस लिस्ट में?

डोनाल्ड ट्रंप अब किन देशों को निशाना बनाने वाले हैं? अमेरिका में जिन तीन वर्ग में देशों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी की जा रही है, उनमें कहां-कौन से देश को रखे जाने की अटकलें हैं? पाकिस्तान को लिस्ट में कहां रखा जा रहा है? इसके अलावा ट्रंप के पिछले कार्यकाल के मुकाबले इस बार प्रतिबंध की तैयारी कितनी अलग है? आइये जानते हैं…
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप …
डोनाल्ड ट्रंप 2017 की तरह ही एक बार फिर दुनियाभर के कई देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, इस बार अमेरिका की लिस्ट में छह-सात देश नहीं, बल्कि करीब 43 देशों को शामिल किया गया है। अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स की 14 मार्च की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार ट्रंप प्रशासन ने अलग-अलग स्तर पर कई देश के नागरिकों के अमेरिका आने पर पाबंदी लगाने की तैयारी कर ली है। प्रतिबंधों का असर भी अलग अलग स्तर पर होगा।

ऐसे में यह जानना अहम है कि डोनाल्ड ट्रंप अब किन देशों को निशाना बनाने वाले हैं? अमेरिका में जिन तीन वर्ग में प्रतिबंध लगाने की तैयारी की जा रही है, उनमें किस वर्ग में कौन से देश को रखे जाने की अटकलें हैं? पाकिस्तान को लिस्ट में कहां रखा जा रहा है? इसके अलावा ट्रंप के पिछले कार्यकाल के मुकाबले इस बार प्रतिबंध की तैयारी कितनी अलग है? 
आइये जानते हैं…

पहले जानें- ट्रंप क्यों लगाना चाहते हैं कुछ देश के नागरिकों पर ट्रैवल बैन?
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को जब राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी, तब उन्होंने एक कार्यकारी आदेश जारी किया था। इसमें ट्रंप ने विदेश मंत्री के साथ कैबिनेट सदस्यों से ऐसे देशों की लिस्ट तैयार करने के लिए कहा था, जो कि अपने नागरिकों को लेकर कम जानकारी देते हैं और इसके चलते अमेरिका के पास उन्हें वीजा देने या इसे नकारने के लिए पूरा ब्योरा नहीं होता। ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका में ऐसे देशों के नागरिकों पर आंशिक या पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की तैयारी की जा सकती है।
अपने इस कदम के पीछे ट्रंप ने कहा था कि वह उन बाहरी लोगों से अमेरिकी नागरिकों की रक्षा करना चाहते हैं, जिनका इरादा अमेरिका में आतंकी हमले करना, राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करना, नफरती विचारधारा को बढ़ावा देना या गलत कारणों से आव्रजन कानूनों का फायदा उठाना हो। इस आदेश के तहत व्हाइट हाउस को 60 दिन के अंदर उन सभी देशों के नाम मिलने थे, जो कि अपने नागिरकों की जांच से जुड़ी पूरी जानकारी नहीं देते। यह अवधि अगले हफ्ते खत्म होने वाली है।

एनवाईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, इन देशों को अमेरिका जाने वाले यात्रियों की पूरी जानकारी देना जरूरी होगा। पासपोर्ट जारी करने से पहले सुरक्षा मानक मजबूत करने होंगे। प्रतिबंधित देशों के लोगों को नागरिकता बेचने वाले देशों को अपनी कमियां दूर करनी होंगी। इसके बाद ही वे यलो लिस्ट से बाहर आ सकते हैं।

बताया गया है कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने यह लिस्ट कुछ हफ्तों पहले ही तैयार कर ली थी। इन्हें फिलहाल अलग-अलग देशों के दूतावासों को समीक्षा के लिए भेज दिया गया है और सुरक्षा अधिकारी और खुफिया एजेंसियां इस लिस्ट पर अपने इनपुट भेज सकती हैं। व्हाइट हाउस जरूरत के हिसाब से इस लिस्ट में शामिल देशों में बदलाव भी कर सकता है।

ट्रंप के पहले कार्यकाल से कितना अलग होगा यह यात्रा प्रतिबंध?

  • डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में लाए जा रहे यात्रा प्रतिबंधों का दायरा काफी बड़ा है। जहां पहले कार्यकाल में ट्रंप ने सिर्फ सात मुस्लिम देशों पर प्रतिबंधों का एलान किया था, वहीं इस बार लिस्ट में अलग-अलग वर्ग में 43 देशों को शामिल किया गया है।
  • ट्रंप ने 2017 के प्रतिबंधों से पहले ही साफ कर दिया था कि उनका निशाना इस्लामिक देश होंगे। तब इनमें अधिकतर देश अफ्रीका के थे।
  • हालांकि, अमेरिकी अदालतों ने इस प्रतिबंध के कई हिस्सों को अवैध करार दे दिया था। आखिरकार 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने यात्रा प्रतिबंधों के नए प्रारूप को मंजूरी दे दी थी।
  • 2021 में राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडन ने इन प्रतिबंधों को खत्म कर दिया था। साथ ही सख्त निगरानी प्रणाली को भी समाप्त करने का आदेश दिया गया था।

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