ये है दतिया पुलिस…:जो न्यायालय का आदेश नहीं मानती, झूठी जानकारी देती है
- कॉल डिटेल सुरक्षित न रखने पर तत्कालीन एसपी व थाना प्रभारी तलब
मर्डर केस में 4 अप्रैल को उपस्थित रहने के आदेश
मर्डर केस की जांच से जुड़े मामले में दतिया पुलिस का बेहद गैर जिम्मेदार रवैया सामने आया है। गुरुवार को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान खुलासा हुआ कि दतिया पुलिस ने कोर्ट को मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल रिकॉर्ड को सुरक्षित कर अपने पास रखने की जानकारी दी थी। वह अब उसके पास नहीं है और दो साल से ज्यादा समय बीतने के बाद अब टेलीकॉम कंपनी भी जानकारी नहीं दे सकती। पुलिस के इस रवैये पर हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई और सितंबर 2018 में दतिया के एसपी रहे मयंक अवस्थी व तत्कालीन थाना प्रभारी डीपार को वउपस्थित रहने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी।
आरोपी मानवेंद्र सिंह ने दतिया कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका लगाई। उनके वकील अतुल गुप्ता ने कोर्ट को बताया- 24 सितंबर 2017 को कैलाश की हत्या हुई। इस मामले में याची सहित अन्य को आरोपी बनाया। आरोपीगण ने हत्या के केस में झूठा फंसाने का आरोप लगाते हुए घटना दिनांक को दोपहर 3-4 बजे के पहले और बाद के तीन-तीन घंटे की मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल की जानकारी सुरक्षित रखने की गुहार लगाई।
हाई कोर्ट इन बिंदुओं पर करेगी सुनवाई
1.तत्कालीन एसपी और थाना प्रभारी डीपार के खिलाफ क्यों ना विभागीय जांच कराई जाए?
2.दतिया कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ, कोर्ट अवमानना की कार्रवाई करने स्वतंत्र?
3.आरोपियों के स्वच्छ ट्रायल के अधिकार का हनन हुआ, ऐसे में क्या उन्हें क्षतिपूर्ति दिला सकते हैं?