भोपाल : पीएचई के दावों की ग्राउंड रिपोर्ट ?

पीएचई के दावों की ग्राउंड रिपोर्ट‎:दावा- 3794 पंचायतों में नल से घर-घर पहुंच रहा है पानी; हकीकत – 1722 पंचायतों में ही पहुंचा पानी; बोर सूखे
भोपाल

गर्मी शुरू होते ही गांवों में पानी का संकट शुरू हाे गया है। जल जीवन मिशन के तहत हर गांव में घर-घर नल से पानी पहुंचाने का काम एक साल पहले पूरा हाे जाना था, लेकिन जब यह काम हकीकत में पूरा नहीं हाे हुआ ताे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग के अफसरों ने इसे कागजों में पूरा बताकर सांसद, विधायक और अफसरों काे गुमराह करना शुरू कर दिया।

हाल ही में भिंड-दतिया सांसद संध्या राय को पीएचई के ईई ने गलत आंकड़े पेश कर दिए तो उन्होंने नाराजगी जताई। पीएचई ने भोपाल, ग्वालियर, सागर और नर्मदापुरम संभाग के 13 जिलों के जिन 3794 गांवों में नल जल योजना को पूर्ण बताया था, वहां भास्कर ने ग्राउंड रिपोर्ट की तो खुलासा हुआ कि 1722 गांवों में योजना पूर्ण ही नहीं हुई।

जिन गांवों में पीएचई ने घर-घर नल से पानी पहुंचाने का दावा किया था, वहां जलसंकट के हालात हैं। कहीं बोर फेल हो गया है। कहीं घर-घर कनेक्शन ही नहीं दिए। गांवों में लोग कुओं पर पाइप डालकर तो कहीं हैंडपंपों पर लाइन लगाकर पानी भरने को मजबूर हैं।

मालूम हो कि प्रदेश सरकार की पीएचई मंत्री संपतिया उइके कहती हैं कि प्रदेश के एक करोड़ घरों में से 76 लाख घरों में नल से पानी पहुंच गया है। जबकि भास्कर की पड़ताल में हकीकत एकदम अलग निकली।

भिंड सांसद संध्या राय को पीएचई ने गलत आंकड़े दिए तो भड़कीं, बोलीं- झूठी तस्वीर न दिखाएं

दतिया: कागजों में योजना पूरी, लेकिन ग्रामीण हैंडपंप से पानी भरने को मजबूर

भांडेर ब्लॉक की बराना पंचायत के दलीपुरा गांव में नल-जल योजना कागजों में पूरी है, लेकिन हकीकत इसके उलट है। पूर्व सरपंच वीरेंद्र दांगी ने बताया कि आधा गांव उनके बोर से पानी भरता है। गांव के लोग हैंडपंप से भी पानी भरते हैं। बराना गांव में नाली के अंदर पाइप पड़ा मिला। गांव के सरकारी कुएं में 100 से अधिक पाइप पड़े हैं। इन्हीं पाइपों में ग्रामीणों ने अपनी मोटर डाल रखी है।

नर्मदापुरम: बोरिंग में मोटर और बिजली कनेक्शन भी नहीं, फिर भी योजना पूरी

रोहना में योजना पीएचई के रिकॉर्ड में पूरी हो चुकी है। गांव के लिखिराम ने बताया कि दो साल पहले बोरिंग हुई, लेकिन मोटर नहीं डाली। बिजली कनेक्शन भी नहीं हुआ। सचिव विजय चौरे ने कहा कि मोटर के लिए नई डीपी लगाने के लिए पंचायत के पास बजट नहीं है। बुधबाड़ा गांव में भी हैंडपंप ही सहारा है । पीएचई के कार्यपालन यंत्री एमके वर्मा ने बताया डीपीआर बनने के समय सर्वे सही नहीं हुआ था।

राजगढ़: टंकी बनी, लेकिन पानी नहीं आया, ट्रांसफॉर्मर भी नहीं लगाया

नरसिंहगढ़ ब्लॉक के दो हजार की आबादी वाले झाड़पीपल्या गांव में पीएचई ने योजना पूरी बताकर पंचायत को हैंडओवर कर दी। लेकिन पानी नहीं मिल पा रहा है। सरपंच शिवसिंह परमार ने बताया कि ओवरहेड टैंक बना है, लेकिन स्पॉट सोर्स में पानी नहीं है। ठेकेदार ने ट्रांसफार्मर भी नहीं लगाया और योजना को अधूरा छोड़ दिया। पीएचई के कार्यपालन यंत्री आरएल शैकवार के अनुसार ट्रांसफॉर्मर दो दिन में बदल देंगे।

अगली बैठक में गलत आंकड़े न दिखाएं

पीएचई के इंजीनियर ने मुझे 213 योजनाएं कंपलीट बताई थीं। हकीकत में एक भी योजना कंपलीट नहीं है। इसलिए मैंने कहा है कि पीएचई गलत आंकड़े दिखाना बंद करे और अगली बैठक में असली तस्वीर दिखाए। -संध्या राय, भाजपा सांसद, भिंड-दतिया

ऐसे अफसरों पर कार्रवाई करेंगे

यह सही है। कुछ जगह दिक्कत आ रही है। वहां मॉनीटरिंग मजबूत कर रहे हैं। ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगे, जो गलत रिपोर्ट दे रहे हैं। पंचायतों से कहा है कि योजना को ठीक से चेक करके ही हैंडओवर लें। -संपतिया उइके, पीएचई मंत्री, मप्र शासन

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