16 केस में जज साहब का ड्राइवर बना गवाह, एक ने 100 मामलों में दी गवाही !
16 केस में जज साहब का ड्राइवर बना गवाह, एक ने 100 मामलों में दी गवाही… पुलिस का ये खेल जान चकरा जाएगा माथा
ग्वालियर पुलिस में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जहां पिछले तीन सालों में 507 मामलों में फर्जी गवाहों का इस्तेमाल किया गया है. एक ही व्यक्ति को 100 से ज्यादा मामलों में गवाह बनाया गया है, जिसमें एसपी कुशवाह का नाम प्रमुख है. यह खुलासा पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाता है.

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बीते 3 साल में 507 केस और उनमें गवाही देने वालों से जुड़ा एक मामला उजागर हुआ है. सीधे कहें तो पुलिस के एक बड़े फर्जीवाडे का खुलासा हुआ है. हैरान कर देने वाली वजह यह है कि 100 मामलों में ग्वालियर पुलिस ने कोर्ट में सिर्फ एक ही फर्जी गवाह पेश किया है. यहां तक कि पुलिस ने जज साहब के निजी ड्राइवर को 16 केसों में गवाह बना डाला. एक गवाह से तो 29 मिनट के अंतराल में हुए दो केसों में गवाही दिला दी गई.
पुलिस थानों में अलग-अलग घटनाओं की एफआईआर में सिर्फ एक ही व्यक्ति का नाम गवाह के तौर पर दर्ज होना चौंका रहा है. यह कारनामा ग्वालियर पुलिस ने कर दिखाया है, जिनमें करीब 100 अलग-अलग केसों में सिर्फ एक ही गवाह का नाम दर्ज है. सभी घटनाएं उसी गवाह के सामने होना बताया गया है. इस खुलासे के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने लगे हैं.
ये गवाह जो कई बार केस में दी गवाहीपुलिस के इस खुलासे में तीन ऐसे नाम सामने आए हैं, जिनमें एक शख्स 100 वारदातों का गवाह है. इनमें एक गवाह तो डिस्ट्रिक कोर्ट के जज का निजी ड्राइवर है. इनमें एसपी कुशवाह को पुलिस ने करीब 100 घटनाओं में गवाह बनाया है. उसे पुलिस के जरिए रक्षा समिति का कार्ड भी बनाया गया है. मोनू जाटव जिला न्यायालय के जज का निजी ड्राइवर है. मोनू 16 केसों में गवाही दे चुका है. इतना ही नहीं यह 23 मिनट के अंतराल में आबकारी एक्ट के तीन मामलों में गवाह के रूप में दर्ज हुआ है. पूरन राणा शहर के थाटीपुर के शिवाजी नगर का रहने वाला है. यह 4 केस में पुलिस का गवाह है. 2022 को महज 29 मिनट के अंदर 2 घटनाओं में गवाह के तौर पर मौजूद था.
100 केस एक गवाहग्वालियर पुलिस के द्वारा जिन लोगों को बार बार एफआईआर में गवाह बनाया गया है, उनमें से एक नाम मुरार थाना क्षेत्र के त्यागी नगर का रहने वाले एसपी कुशवाह का है. यह 100 केसों में पुलिस का फर्जी गवाह है. मुरार पुलिस ने एसपी कुशवाह को पुलिस रक्षा समिति का कार्ड भी बनाकर दे दिया है. हैरत की बात यह है कि पुलिस रिकॉर्ड में एसपी कुशवाह 100 घटनाओं के दौरान घटना स्थल पर मौजूद गवाह है. एसपी कुशवाह ने बताया कि वह बेरोजगार है और पुलिस अपनी मर्जी से उसे गवाह बना देती है.
ग्वालियर रेंज IG ने कही ये बातइस गंभीर मामले को लेकर ग्वालियर रेंज आईजी अरविंद सक्सेना का कहना है कि घटना के दौरान मौके पर मौजूद ज्यादातर लोग पुलिस के सामने गवाही देने से कतराते हैं. लोग कानूनी उलझनों से बचने के लिए गवाही नहीं देते है. इन हालातो में पुलिस अपने परिचित गवाहों को केस में स्वतंत्र साक्षी के रूप में दर्ज करती है. लेकिन अब हमने सभी थाना प्रभारी को बताया है कि नए बीनएस एक्ट में घटना के दौरान वीडियोग्राफी कराई जाए, इससे पीड़ित पक्ष और वीडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर केस मजबूत होगा.
कई मामलो में जब स्वतंत्र साक्षी पर भी कोर्ट में पुलिस के पॉकेट गवाह होने का आरोप लगता है तो उन हालातो में बीएनएस के नए रूल्स से जांच के साथ आरोपी को सजा दिलाने में मदद मिलेगी. आईजी सक्सेना का यह भी कहना है कि सभी थाना स्तर पर निर्देश दिए गए हैं कि वह BNS के साथ लोगो को जागरूक करें, ताकि घटनास्थल से या आसपास के इलाके का ही गवाह बनाया जा सके.
मुकर जाते हैं गवाहकई बार देखा गया है कि पुलिस के द्वारा केसों में फर्जी गवाह बना तो दिए जाते हैं लेकिन ऐसा कहा जाता है कि आरोपी और फरियादी पक्ष में डील होने पर ये गवाह भी 20 फीसदी रकम लेकर गवाही से मुकर जाते है. कई बार आरोपी पक्ष से डील होने पर भी गवाह मुकर जाता है, ऐसे में पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि पुलिस डमी गवाह ना बनाते हुए लोगों को जागरूक करे, ताकि घटनाक्रम होने पर पुलिस की मदद करने खुद चश्मदीद गवाही देने आगे आए.