Delhi : शिक्षा निदेशालय का आदेश- निजी स्कूल वर्दी और किताबों के लिए नहीं बनाएंगे दबाव, यहां कर सकते हैं शिकायत
Delhi : शिक्षा निदेशालय का आदेश- निजी स्कूल वर्दी और किताबों के लिए नहीं बनाएंगे दबाव, यहां कर सकते हैं शिकायत

अभिभावक शैक्षिक सामग्री की खरीद के लिए स्वतंत्र
निदेशालय को अभिभावकों और अन्य संगठनों से शिकायत मिली है कि स्कूल किताब, वर्दी, बैग जैसी दूसरी शैक्षिक सामग्री के लिए निजी विक्रेताओं से खरीद के लिए दबाव बना रहे हैं। इससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। आदेश के अनुसार अभिभावक शैक्षणिक सामग्री की खरीद के लिए स्वतंत्र है। स्कूल किसी विशेष विक्रेता से शैक्षणिक सामग्री की खरीद के लिए बाध्य नहीं कर सकते है। निजी स्कूलों को स्कूल परिसर में निर्धारित पुस्तकों, शिक्षण सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुओं की सूची पारदर्शी तरीके से प्रदर्शित करनी होगी। इनकी उपलब्धता के बारे में छात्रों और अभिभावकों को जानकारी देनी होगी। जिसकी सूचना स्कूल नोटिस बोर्ड, स्कूल वेबसाइट और सार्वजनिक स्थान पर प्रदर्शित करनी होगी।
किसी विशिष्ट विक्रेता से ही खरीदना आवश्यक नहीं
स्कूल छात्रों और अभिभावकों को किसी विशिष्ट विक्रेता, दुकान या संगठन से किताबें, स्कूल वर्दी या कोई अन्य शैक्षणिक सामग्री खरीदने के लिए बाध्य नहीं करेंगे। पुस्तकों की खरीद में शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई/आईसीएसई/राज्य बोर्ड/प्राथमिक शिक्षा प्राधिकरण) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। स्कूल निर्धारित पाठ्यक्रम से अतिरिक्त अध्ययन सामग्री की खरीद के लिए दबाव नहीं डालेंगे। स्कूल को आगामी सत्र में शुरू की जाने वाली पुस्तकों/लेखन सामग्री (कक्षावार) की सूची नियमानुसार स्कूल की वेबसाइट और प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित करनी होगी। स्कूल वर्दी के बारे में भी बताना होगा।
यहां कर सकेंगे अभिभावक शिकायत
अभिभावकों की परेशानियों को दूर करने के लिए निदेशालय ने निजी स्कूल शाखा के उप शिक्षा निदेशक मनीष जैन को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। अभिभावक ddeact1@gmail.com ईमल पर और हेल्पलाइन नंबर 9818154069 पर शिकायत दर्ज करवा सकेंगे। वहीं, आदेश न मानने वाले स्कूलों के खिलाफ डीएसईएएंडआर 1973 की धारा 24 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त ऐसे कदाचार के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के अंतर्गत भी उचित कार्रवाई की जाएगी।
स्कूल पर वर्दी बदलने का आरोप
सिविल लाइंस इलाके में रहने वाले अभिभावक गौरव गुप्ता ने बताया कि निदेशालय ने अभिभावकों की परेशानी को लेकर जो आदेश जारी किया है वह सराहनीय है। लेकिन निदेशालय ने देर कर दी है। स्कूल वर्दी का डिजाइन भी बदल चुका है। अब फीस संबंधी समस्या को दूर करने की जरूरत है। जिसका असर अभिभावकों की जेब पर बहुत अधिक पड़ता है।
हर साल निदेशालय करता है आदेश जारी
दिल्ली अभिभावक संघ की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने कहा कि स्कूल निदेशालय के आदेश को नहीं मानते है। निदेशालय हर साल दिशा-निर्देश जारी करता है। शिकायतों का कोई समाधान नहीं होता है। निदेशालय के अधिकारी अभिभावकों की सुनते है। अधिकारी खुद को असहाय बताते है। कोर्ट जाने का परामर्श दिया जाता है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से अनुरोध है कि कोई स्कूल अगर आदेश का उल्लंघन करता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई करके उदाहरण दिया जाए।