वाहनों के इस्तेमाल से बढ़ रही अवैध कटाई
मप्र में पिछले एक साल में वन अपराधों में 14% की गिरावट दर्ज हुई है। 2023 में जहां प्रदेश में 50,180 वन अपराध दर्ज हुए थे, वहीं 2024 में यह संख्या घटकर 43,277 रह गई। लेकिन इंदौर, शहडोल और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (पचमढ़ी) में अपराधों की संख्या बढ़ी है।
वन विभाग की 2024-25 की रिपोर्ट के अनुसार, इंदौर रेंज में 2023 में 1,285 अपराध दर्ज हुए थे, जो 2024 में बढ़कर 1,402 हो गए। शहडोल में 3,284 से बढ़कर 3,518 और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 25 से बढ़कर 29 अपराध दर्ज किए गए।
वाहनों से हो रहा अवैध कटाई और शिकार का कारोबार: शहडोल रेंज में 2023 में वाहनों के इस्तेमाल से 103 अपराध दर्ज हुए थे, जो 2024 में बढ़कर 174 हो गए। अवैध कटाई में इंदौर रेंज सबसे आगे है, जहां 1,097 से बढ़कर 1,184 प्रकरण दर्ज हुए। दूसरे नंबर पर शिवपुरी और तीसरे नंबर पर उज्जैन है।
5 रेंज में आगजनी बढ़ीं: वहीं प्रदेश की 26 में से 5 रेंज में आगजनी की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। ग्वालियर रेंज में 2024 में 436 आगजनी की घटनाएं हुईं, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 188 था। पन्ना टाइगर रिजर्व में 328 आगजनी हुईं, जो पिछले आंकड़े 54 से 605% अधिक हैं। पेंच टाइगर रिजर्व (पचमढ़ी) में 12 से बढ़कर 23 और छतरपुर में 123 से बढ़कर 126 घटनाएं दर्ज हुईं।
फॉरेस्ट फायर अलर्ट सिस्टम के बावजूद बढ़ी घटनाएं
प्रदेश में फॉरेस्ट फायर अलर्ट सिस्टम के 90 हजार यूजर्स लगातार निगरानी रखते हैं और नासा सैटेलाइट से रियल टाइम आगजनी की तस्वीरें मिलती हैं। इसके बावजूद ग्वालियर और छतरपुर में आगजनी की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। पिछले 5 साल में प्रदेश में आगजनी के मामले 5,961 से घटकर 2,967 रह गए हैं, लेकिन इन रेंजों में स्थिति अब भी चिंताजनक है।