भारत- चीन की एलएसी पर कम होता दिख रहा विवाद, भारत की कूटनीति पर नरम पड़ा ड्रैगन

भारत-चीन की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर विवाद के बीच बुधवार को चीन का रुख नरम पड़ गया। मंगलवार को किसी देश का नाम लिए बिना राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सेना को तैयारी का निर्देश दिया था। बुधवार को पहले चीनी विदेश मंत्रालय ने सीमा पर भारत के साथ स्थिति को स्थिर और नियंत्रण में बताया। उसके बाद भारत में चीन के राजदूत ने मतभेदों को बातचीत से निपटाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चाइनीज ड्रैगन और भारतीय हाथी साथ नृत्य कर सकते हैं।

एक-दूसरे के लिए अवसर: भारत में चीन के राजदूत सन विडोंग ने कन्फेडरेशन ऑफ यंग लीडर्स मीट को संबोधित करते हुए कहा कि मतभेद की छाया द्विपक्षीय रिश्तों में बाधा नहीं बनने देना चाहिए। भारत और चीन एक-दूसरे के लिए अवसर हैं, खतरा नहीं।

स्थिति नियंत्रण योग्य: इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, भारत के साथ सीमा पर हालात ”पूरी तरह स्थिर और नियंत्रण योग्य हैं और दोनों देशों के पास बातचीत और विचार-विमर्श करके मुद्दों को हल करने को उचित तंत्र और संचार माध्यम हैं। ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि वह भारत और चीन के सीमा विवाद में मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं। ट्रंप इससे पहले भारत और पाक के बीच भी मध्यस्थता की पेशकश की थी, लेकिन भारत सरकार खारिज कर चुकी है।

दरअसल, उम्मीद की जा रही थी कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास कई क्षेत्रों में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनाव 2017 के डोकलाम गतिरोध के बाद यह सबसे बड़ी सैन्य तनातनी का रूप ले सकती है। चीन चोरी-चुपके धीरे-धीरे अस्थायी निर्माण को मजबूत कर रहा है। डोकलाम विवाद 18 जून 2017 में हुआ था, जब करीब 270 से 300 भारतीय सैनिकों डटकर मुकाबला कर चीन के सड़क निर्माण को रोक लिया। चीनी सेना के साथ 73 दिनों तक यह गतिरोध जारी रहा था और भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों के मंसूबों पर पानी फेरा था।

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