चालबाज चंपू की सभी अनुमतियां कानूनी, टाउनशिप गैरकानूनी; फीनिक्स, सैटेलाइट हिल्स मामले में भी अब होगी गिरफ्तारी
इंदौर. जमीन धोखाधड़ी में करोड़ों का हेरफेर करने वाला भूमाफिया चंपू अजमेरा बेहद चालू किस्म का शख्स है। सूत्रों से मुताबिक चंपू ने फरारी के दौरान पूरा समय अय्याशी में गुजारा। वह उत्तरप्रदेश में एक राजनेता के संपर्क में रहा और उनके फॉर्म हाउस पर फरारी काटी। फरारी के दौरान कसिनो में जुआ खेलने और पब-बार में मौज-मस्ती में उसने काफी समय व्यतीत किया।
क्राइम ब्रांच एएसपी राजेश दंडोतिया ने बताया चंपू को बाणगंगा में कालिंदी गोल्ड सिटी टाउनशिप के दर्ज प्रकरण में कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने सात दिन का पुलिस रिमांड दिया है। उसने कालिंदी गोल्ड सिटी में कई लोगों को प्लॉट खरीदने और निवेश के लिए उकसाया था और उनसे पैसा लेकर प्लॉट नहीं दिए। आरोपी 27 जून तक रिमांड पर है। उस पर बाणगंगा में तीन अन्य मामले भी दर्ज हैं। उसमें भी उसकी गिरफ्तारी होगी। अन्य थानों में दर्ज केस में भी पुलिस रिमांड लेकर पूछताछ करेगी। लसूड़िया में फीनिक्स टाउनशिप और तेजाजी नगर में सैटेलाइट हिल्स टाउनशिप, नायता मुंडला के प्रकरणों में भी गिरफ्तारी ली जाना शेष है। चंपू ने कानूनी अनुमतियां लेकर गैरकानूनी काम किए।
क्राइम ब्रांच थाने में दर्ज वर्ष 2016 के प्रकरण में चार्जशीट दाखिल
चंपू और उसके साथ आरोपी निलेश, पवन, योगिता, सोनाली अजमेरा, चिराग शाह, निकुल, मनीष, जितेंद्र पंवार, विकास सोनी, अमरीश चौरसिया, रजत वोहरा, शब्बीर एवं खलील के खिलाफ 2016 में धोखाधड़ी का केस क्राइम ब्रांच थाने में दर्ज है। इसमें आरोपी चंपू व उसके अन्य साथियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल करवाई जा चुकी है। इस पर सुनवाई होना शेष है। इस केस में आरोपी चंपू व साथियों ने 75 एकड़ कृषि भूमि किसानों से कॉलोनी डेवलप करने के नाम पर ली थी। चंपू ने 75 की जगह 100 एकड़ के हिसाब से 25 लाख वर्गफीट का नक्शा तैयार कर 2303 प्लॉट काट दिए और उक्त जमीन के तीन नक्शे नियम विरुद्ध पास कर जो जमीन नहीं थी, उसे भी अपनी बताकर बेच दिया था।
ग्रीन बेल्ट व नाले की जमीनें भी बेचीं
आरोपी ने तीनों प्रोजेक्ट में लोगों को निवेश करवाकर हाईटेक टाउनशिप विकसित करने का बोलकर गार्डन (ग्रीन बेल्ट)और नाले की जमीन को भी भराव कर उस पर प्लॉट काटकर बेच दिए थे। कई प्रोजेक्ट में शासन से टाउनशिप विकसित करने की जो भी अनुमतियां ली, उसके विपरीत ही काम किया था।