UP पशुधन घोटाला: आरोपियों का मददगार हेड कॉन्स्टेबल दिलबहार सिंह सस्पेंड, STF तलाश में

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पशुधन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर जो करोड़ों का फर्जीवाड़ा हुआ है, उस मामले पर अब कार्रवाई का सिलसिला जारी है. पुलिस महकमे में पैठ बनाकर बैठा आरोपियों का मददगार हेड कांस्टेबल दिलबहार सिंह आखिरकार सस्पेंड कर दिया गया है. एसीपी गोमतीनगर की जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी बाराबंकी अरविंद चतुर्वेदी ने हेड कांस्टेबल दिलबहार सिंह यादव का सस्पेंशन लेटर जारी किया.

बाराबंकी में थी तैनाती, लखनऊ में था संबद्ध 

हेड कॉन्स्टेबल दिलबहार सिंह यादव कोई सामान्य कॉन्स्टेबल नहीं था. वर्ष 2018 से उसे बाराबंकी में तैनात किया गया था, लेकिन उसने खुद को लखनऊ पुलिस में संबद्ध करा रखा था. दिलबहार सिंह यादव की पोस्टिंग कुछ भी हो, वो हमेशा लखनऊ पुलिस से ही अपना वास्ता रखता था. पशुधन घोटाले में उसका नाम आने के बाद उसे 15 जून को ही बाराबंकी के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया था. उसका निलंबन अब जाकर हुआ है. फिलहाल दिलबहार सिंह यादव फरार चल रहा है और पुलिस उसकी तलाश में है.

फर्जी टेंडर के जरिये ठगी गई थी 9 करोड़ की रकम 
पशुधन विभाग में फ़र्ज़ी टेंडर के जरिये मध्य प्रदेश निवासी मंजीत भाटिया से 9 करोड़ 27 लाख की रकम की ठगी गई थी. हेड कॉन्स्टेबल दिलबहार ने ही 31 मार्च, 2019 को पीड़ित मंजीत भाटिया को अन्य सिपाहियों के साथ उठाकर नाका कोतवाली में उसे खूब धमकाया था. उस पर कारोबारी को कार में पीटने का भी आरोप है.

STF को इस पूरे मामले की जांच सौंपी गई है. इस सिलसिले में STF की धरपकड़ में हेड कांस्टेबल दिलबहार सिंह यादव फिलहाल वांटेड है. अब तक इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार कर STF जेल के अंदर डाल चुकी है. पशुधन विभाग में हुए फर्जीवाड़े की FIR हजरतगंज कोतवाली में दर्ज कराई गई है.

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