15 घंटे पढ़ाई, ट्यूशन का सहारा नहीं… रिया और अनुराग ने यूं किया यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं परीक्षा में टॉप

यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम शनिवार को जारी किया गया। इस बार 52 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने बोर्ड की परीक्षा दी थी। हाईस्कूल में 83.31 फीसद और इंटरमीडिएट में 74.63 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए हैं। यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के नतीजों में बागपत जिले का बोलबाला रहा है। दोनों ही कक्षाओं के टॉपर बागपत के बाड़ौत के एक ही स्कूल के हैं। हाईस्कूल में बाड़ौत की रिया जैन ने 96.67 फीसदी अंक हासिल करके टॉप किया है तो इंटरमीडिएट के नतीजों में अनुराग मलिक को सबसे ज्यादा 97 फीसदी अंक मिले।

श्री राम एसएम इंटर कॉलेज बड़ौत के दोनों ही स्टूडेंट ने अपनी मेहनत और लगन से पूरे राज्य में 52 लाख से अधिक स्टूडेंट्स को पीछे छोड़कर अपने अपना, परिवार और स्कूल का नाम रोशन किया है। ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में रिया और अनुराग ने बताया कि किस तरह उन्होंने बिना ट्यूशन पढ़ाई की और स्टेट टॉपर बने।

अनुराग ने इस सफलता के लिए भगवान को धन्यवाद दिया तो परिजनों और अध्यापकों को भी श्रेय दिया। अनुराग मलिक ने उन्होंने कहा, ‘मेरे टीचरों के साथ-साथ परिजनों का बहुत योगदान रहा। मैंने बहुत मन लगाकर पढ़ाई की थी। परिजनों ने पढ़ाई के दौरान मेरा ध्यान रखा। कब क्या पढ़ाना है, उन्होंने इसका पूरा टाइम टेबल बनाया।’

उन्होंने बताया कि वो आमतौर पर 15 से 16 घंटे पढाई करते थे। परीक्षा के दौरान 18 घंटे तक पढ़ाई की। अनुराग मलिक के पिता की बड़ौत में इलेक्ट्रॉनिक की दुकान है। अनुराग बताते हैं कि बिना ट्यूशन के उन्होंने टॉप किया है। वह आईएएस अफसर बनना चाहते हैं। अनुराग ने बताया कि सभी विषयों को एक तरह पढ़ा। अनुराग ने बताया कि मम्मी कोई काम नहीं करने देती थी। वह सिर्फ पढ़ाई करने को कहती थीं।

श्री राम एसएम इंटर कॉलेज बड़ौत की स्टूडेंट रिया जैन ने हाई स्कूल में स्टेट टॉप किया है। भारत भूषण जैन की बेटी ने अपनी मेहनत से वह कर दिखाया जिसका सपना सभी मेधावी स्टूडेंट देखते हैं। वह हिलवाड़ी गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता चुनरी बनाने का काम करते हैं।

रिया ने बताया कि वह परीक्षा की तैयारी के दौरान 14-15 घंटे तक पढ़ाई करती थीं। रिया ने बताया कि वह सुबह चार बजे उठकर पढ़ाई शुरू कर देती थीं। उन्होंने कहा कि मेरी इस सफलता में माता-पिता के साथ साथ अध्यापकों ने भी पूरा सहयोग दिया। रिया ने बताया कि घर में मेरे से कोई काम नहीं कहता था। रिया बताती हैं कि प्री बोर्ड परीक्षा से उन्हें बहुत फायदा हुआ। रिया बताती है स्कूल में सभी चीजें स्पष्ट करके पढ़ाई जाती थी। इसका भी परीक्षा में फायदा मिला।

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