आरोपी प्यारे मियां कोर्ट में पेश 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा
भोपाल। नाबालिग लड़कियों से यौन शोषण के मुख्य आरोपी प्यारे मियां को पुलिस ने शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। इससे पहले जमानत के लिए आरोपी के वकील ने उसकी अधिक उम्र और गंभीर बीमारियों की बात कोर्ट के सामने रखी, जिसे कोर्ट ने नहीं माना। इस मामले में 5 आरोपियों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है। दरअसल बच्चियों के यौन शोषण का मुख्य आरोपी प्यारे मियां भोपाल से फरार हो गया था। उसे श्रीनगर से गिरतार कर भोपाल लाया गया। शुक्रवार को मेडिकल कराने के बाद दोपहर करीब 2 बजे पुलिस टीम उसे लेकर कोर्ट पहुंची, जहां विशेष अपर सत्र न्यायाधीश एट्रोसिटी मुंशी सिंह चंद्रावत की अदालत में पेश किया गया। विवेचना अधिकारी ने अपराध में प्रयुक्त वाहन, चाइल्ड पोर्नोग्राफी की सीडी तथा अन्य दस्तावेज जब्त करने के लिए उसे 14 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने की न्यायालय से मांग की, पर कोर्ट ने 5 दिन ही रिमांड दी।
मीडिया के सवालों के नहीं दिए जवाब
पेशी के दौरान उसे कोर्ट के गेट पर उतारा गया और तत्काल ही गेट के अंदर करके स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद उसे कोर्टरूम भेजा गया। करीब बीस मिनट बाद पुलिस उसे लेकर बाहर आई। इस दौरान मीडिया ने उससे कई सवाल किए, लेकिन उसने किसी का उत्तर नहीं दिया। पुलिस टीम ने मीडिया से बचाते हुए उसे तुरंत ही गाड़ी में बिठाया और वहां से लेकर रवाना हो गई।
आष्टा के खुर्शीद आलम ने की थी फरार होने में मदद
फरारी के दौरान प्यारे मियां जब आष्टा पहुंचा तो उसे खुर्शीद आलम ने 20 हजार रुपये और इनोवा गाड़ी उपलब्ध कराई थी, जिससे प्यारे मियां मुंबई और उसके बाद श्रीनगर तक पहुंच गया था। पुलिस ने मदद करने वाले खुर्शीद को शाहपुरा थाने में दर्ज केस में आरोपी बनाया है।
प्यारे का कश्मीर कनेक्शन जा सकता था नेपाल-दुबई
पुलिस की शुरुआती जांच में यह साफ हो गया है कि प्यारे मियां सरेंडर करने के लिए श्रीनगर नहीं भागा था, बल्कि अपने खास साथी की मदद से श्रीनगर पहुंचा था। यह साथी बोट और होटल मालिक है। इसका लोकल पॉलिटिक्स में खासा असर भी है। इसी के चलते महीने- 2 महीने तक इसी के होटल में छिपे रहने के बाद जैसे ही इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू हो जातीं, वह दुबई या नेपाल निकल जाता। मोबाइल की ट्रैकिंग और श्रीनगर पुलिस से मिले इनपुट के बाद अब पुलिस प्यारे मियां के इस दोस्त पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।