Coronavirus से भी ज्यादा खतरनाक? 2019 में ले चुका है 1 लाख 16 हजार नवजात बच्चों की जान

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस का कहर जारी है। इस बीच एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने चेताया है कि स्वाइन फ्लू सर्दियों में तेजी से फैलता है। इसी तरह कोविड भी फैलेगा। इस बात के भी सबूत हैं कि वायु प्रदूषण भी कोविड-19 के प्रसार में काफी हद तक मदद करेगा। वहीं एक और ऐसी वजह है जिसने भारत में साल 2019 में 1 लाख 16 हजार नवजात बच्चों की जान ले चुका है। ये बात हालिया शोध में सामने आई है।

हम बात कर रहे हैं वायु प्रदूषण की जिसका असर बच्चों पर व्यापक तौर पर होता है। पहली बार नवजात शिशुओं पर वायु प्रदूषण के वैश्विक प्रभाव का व्यापक विश्लेषण करने से पता चला है कि बाहरी और घरेलू प्रदूषण के कारण 2019 में 1 महीने से कम के 1.16 लाख बच्चों की मौत हुई है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल प्रदूषण की वजह से पूरी दुनिया में 5 लाख बच्चों की मौत हुई थी। प्रदूषण से होने वाली मौतों के मामले में भारत के बाद सबसे बुरी स्थिति अफ्रीकी देशों की है जहां पिछले वर्ष प्रदूषण की वजह से 2 लाख 36 हज़ार नवजात बच्चों की मौत हुई थी।

वायु प्रदूषण से जान गंवाने वाले बच्चों में ये पाया गया कि या तो वो जन्म के बाद से ही कम वजन के थे या फिर उनका जन्म तय वक्त से पहले हुआ था। जो महिलाएं अपनी प्रेगनेंसी के दौरान वायु प्रदूषण से सीधे तौर पर प्रभावित होती है।

जन्म के बाद उनके बच्चों का ज़ीवन खतरों से भरा होती है। इन मांओं के बच्चे  सांस की बीमारी, डायरिया, मस्तिष्क को नुकसान, मस्तिष्क में सूजन, ख़ून की समस्या, जॉन्डिस जैसी बीमारियों से परेशान होते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *