ब्रिटिश काल के IPC और CrPC में बदलाव करेगी सरकार, बनाई गई समिति- गृह राज्य मंत्री
गृह राज्य मंत्री ने कहा, “अब हम आईपीसी और सीआरपीसी में भी बदलाव करेंगे जो ब्रिटिश काल के हैं. समय-समय पर हम इन दोनों के सेक्शन में संशोधन करते रहे हैं, लेकिन देश के वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए, सरकार ने IPC और CrPC को पूरी तरह से बदलने का फैसला किया है.”
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार ने भारतीय दंड संहिता (IPC) और दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) को पूरी तरह से बदलने का फैसला किया है. आनंदी फाउंडेशन की तरफ से महिला सुरक्षा के विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र ने इसके लिए मुख्य न्यायाधीशों, वरिष्ठ वकीलों, पुलिस अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों और राज्य सरकारों को लिखा है.
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि हम सभी को आगे आना चाहिए और यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना चाहिए कि कोई लैंगिक अन्याय न हो. हमने भारत सरकार की ओर से कई काम किए हैं. उन्होंने कहा, “अब हम आईपीसी और सीआरपीसी में भी बदलाव करेंगे जो ब्रिटिश काल के हैं. समय-समय पर हम इन दोनों के सेक्शन में संशोधन करते रहे हैं, लेकिन देश के वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए, सरकार ने IPC और CrPC को पूरी तरह से बदलने का फैसला किया है और इसके लिए हमने मुख्य न्यायाधीशों, वरिष्ठ अधिवक्ताओं, पुलिस अधिकारियों और एनजीओ, राज्य सरकारों को लिखा है.”
जी किशन रेड्डी ने आगे कहा, “इसके लिए एक समिति का गठन भी किया गया है. मैं आप सभी से अपील करता हूं कि आईपीसी और सीआरपीसी में क्या बदलाव किए जाएं, इस बारे में सुझाव दें.”
“केंद्र सरकार ने रद्द किए 1,458 पुराने कानून”
इससे पहले पिछले साल केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार पहले ही 1,458 पुराने कानूनों को रद्द कर चुकी है. कम कानून और ज्यादा शासन सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है, प्रसाद ने कहा, “पुराने कानूनों को निरस्त करना एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है.”
मालूम हो कि ‘रेपेलिंग और संशोधन बिल, 2019’ को राज्यसभा ने 2 अगस्त को वॉयस वोट के जरिए पारित किया था. इसे लोकसभा ने 29 जुलाई को पारित किया था. उच्च सदन में विधेयक पेश करते हुए, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद, उन्होंने निरर्थक और निरपेक्ष कानूनों से छुटकारा पाने का फैसला किया. एक समिति ने ऐसे ही 1824 पुराने कानूनों की पहचान की है.