किसान नेता ने केंद्र सरकार पर लगाया ‘बांटने’ का आरोप, बोले – सभी 507 संगठनों को बुलाया जाए

कृषि कानूनों के विरोध (Kisan Andolan 2020) में बैठे किसानों के प्रदर्शन का आज 8वां दिन है. आज कृषि मंत्री और किसानों के 35 अलग-अलग संगठनों के मुखियाओं के बीच फिर से बातचीत होगी. यह बैठक दोपहर 12 बजे विज्ञान भवन में होगी.

    • पंजाब के सीएम दिल्ली के लिए निकले

      पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब से दिल्ली के लिए निकले. यहां वह गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे. कृषि कानूनों से जुड़े मुद्दे को समझने और गतिरोध खत्म करने खातिर ‘बीच का रास्ता’ अपनाने के लिए अमारिंदर सिंह और अमित शाह के बीच बैठक बुलाई गई है. पता चला है कि केंद्र इस गतिरोध को जल्द से जल्द खत्म करने का इच्छुक है, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी की नाकेबंदी ने अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है.

 

     बॉर्डर पर भारी सुरक्षा व्यवस्था

    सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के चलते भारी पुलिसबल तैनात है. आज किसान संगठनों और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की मीटिंग होनी है.

    किसान मजदूर संघर्ष कमेटी, पंजाब के जाइंट सेक्रेटरी सुखविंदर सिंह सिबरा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसानों को बांटने का काम कर रही है. वह बोले कि जबतक पीएम मोदी 507 किसान यूनियन के नेताओं को नहीं बुलाएंगे वह मीटिंग में नहीं जाएंगे.

  • ‘राजस्थान से आ रहे और किसान’

    सिंघु बॉर्डर पर बैठे एक किसान ने कहा कि राजस्थान से 500 और किसान जल्द वहां पहुंचने वाले हैं. वह बोले कि पीएम कई बार कह चुके हैं कि MSP जस की तस बनी रहेगी. तो फिर लिखकर देने में क्या बुराई है.

     

  • गुजरात के किसानों से मिला समर्थन

    किसान आंदोलन के समर्थन में गुजारत के किसान भी पहुंचे हैं. गुजरात किसान मोर्चा के प्रेजिडेंट रवि पटेल ने कहा कि किसान अलग नहीं हैं, सारे देश के किसान साथ हैं.

  • ‘कानून वापस नहीं हुए तो जारी रहेगा प्रदर्शन’

    किसान मजदूर संघर्ष कमेटी, पंजाब के जाइंट सेक्रेटरी सुखविंदर सिंह सिबरा ने कहा कि अगर कानून वापस नहीं हुए तो प्रदर्शन जारी रहेगा. सभी 500 जत्थेदारों को बुलाना चाहिए, अगर आज मीटिंग में किसानों के हित की बात नहीं होगी तो आंदोलन जारी रहेगा.

    गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को बांटी चाय

  • दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को सुबह वॉलन्टियर्स ने चाय पिलाई. चाय पिलाने आए ये लोग पास के किसी गुरुद्वारे से जुड़े थे. आज किसानों और सरकार के बीच फिर से बातचीत होनी है.

    • निरंकारी ग्राउंड में भी मौजूद हैं किसान

    ज्यादातर किसान फिलहाल दिल्ली की सीमाओं पर मौजूद हैं. लेकिन कुछ किसान संगठन प्रदर्शन को दी गई जगह निरंकारी ग्राउंड में भी आ गए थे. देखिए वहां की तस्वीरें

    नरेंद्र सिंह तोमर को किसानों ने कल लिखा था पत्र

    प्रदर्शन कर रहे किसानों के नेताओं ने बुधवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर सरकार से नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने और किसानों की एकता को भंग करने के लिए ‘विभाजनकारी एजेंडे में नहीं शामिल होने’ की मांग की. आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चो को-ऑर्डिनेशन कमिटी ने पत्र में कहा, ‘हम सरकार से किसान आंदोलन के संबंध में किसी भी विभाजनकारी एजेंडे में शामिल नहीं होने की मांग करते हैं क्योंकि यह आंदोलन इस वक्त अपनी मांगों पर एकजुट है. यह कल की बैठक प्रक्रिया से स्पष्ट है.’

    फिलहाल बंद हैं ये दिल्ली बॉर्डर

    सिंघु बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर फिलहाल ट्रैफिक के लिए बंद हैं. लामपुर, औचंदी जैसे छोटे बॉर्डर भी बंद हैं. इसी तरह झारोदा बॉर्डर, झटिकरा बॉर्डर भी फिलहाल बंद हैं. बदुसराय बॉर्डर से सिर्फ दो-पहिया वाहनों को जाने की छूट है. दिल्ली से नोएडा आना चाहते हैं तो चिल्ला बॉर्डर का इस्तेमाल ना करें, क्योंकि उस तरफ भी किसानों ने रोड बंद किया है.

  • अमित शाह से मिलेंगे पंजाब के सीएम

    राजधानी की सीमाओं पर पिछले सात दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के मुद्दों पर चर्चा के लिए गुरुवार को 30 से अधिक कृषि निकायों और केंद्रीय नेतृत्व से संबंधित किसान नेताओं के बीच निर्धारित बैठक से ठीक पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. कृषि कानूनों से जुड़े मुद्दे को समझने और गतिरोध खत्म करने खातिर ‘बीच का रास्ता’ अपनाने के लिए अमारिंदर सिंह और अमित शाह के बीच बैठक बुलाई गई है. पता चला है कि केंद्र इस गतिरोध को जल्द से जल्द खत्म करने का इच्छुक है, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी की नाकेबंदी ने अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है.

    किसान-सरकार के बीच दूसरे राउंड की बैठक

    विरोध प्रदर्शनों के बीच किसान संगठन और सरकार के बीच आज दूसरे दौर की मीटिंग होगी. इस मीटिंग में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर भी बात होगी जो सीधे तौर पर कृषि कानूनों से जुड़े हुए नहीं हैं. पराली जलाने पर लगने वाला फाइन, बिजली सब्सिडी पर भी बात होगी.

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