राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के बाद बोले राहुल-संसद का संयुक्त सत्र बुलाकर कृषि कानूनों को वापस ले सरकार

नई दिल्ली: राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से एक बार फिर अपील की है कि वह संसद का संयुक्त सत्र बुलाकर तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। राहुल ने राष्ट्रपति को किसानों आंदोलन को लेकर ज्ञापन सौंपने के बाद ये बातें कही। कांग्रेस की तरफ से विजय चौक से लेकर राष्ट्रपति भवन तक मार्च का आयोजन किया गया था। लेकिन कांग्रेस के सिर्फ तीन नेताओं को राष्ट्रपति भवन जाने की इजाजत दी गई जहां इन नेताओं ने राष्ट्रपति को 2 करोड़ किसानों के हस्ताक्षर वाला ज्ञापन सौंपा।

राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के बाद उन्होंने कहा-अभी मैं कुछ दिन पहले विपक्षी दलों के नेताओं के साथ गया था और अब हम कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ गए हैं। राष्ट्रपति से हमने कहा कि ये जो कानू्न बनाए गए हैं, ये किसान विरोधी कानून हैं और इससे किसानों का जबरदस्त नुकसान होने वाला है, सरकार ने कहा था कि कानून किसान के फायदे के हैं और देश को दिख रहा है कि किसान कानून के खिलाफ खड़ा हुआ है।

राहुल ने कहा-‘मैं प्रधानमंत्री जी से कहना चाहता हूं कि किसान हटेगा नही्ं। प्रधानमंत्री जी को यह नहीं सोचना चाहिए कि किसान और मजदूर घर वापस चले जाएंगे, नहीं जाएंगे जबतक कानू्न वापस नहीं लिया जाएगा। ज्वाइंट सेशन कीजिए और कानून को वापस लीजिए। क्योंकि किसान वापस नहीं जाने वाला है। हम सब विपक्ष की सब पार्टियां किसानों और मजदूरों के साथ खड़े हैं और खड़े रहेंगे।’

राहुल ने कहा-‘ जिस तरह से बिना डिबेट और किसानों के चर्चा के यह कानू्न पास किया गया वह गलत था, सरकार को यह कानून वापस करना पड़ेगा। हम 3 लोग राष्ट्रपति के पास गए हैं लेकिन करोड़ों हस्ताक्षर  लेकर गए हैं, हम किसानों की आवाज राष्ट्रपति तक लेकर गए हैं, सर्दी का मौसम है और पूरा देश देख रहा है कि किसान दुख में है दर्द में है और मर भी रहे हैं। प्रधानमंत्री जी को सुनना ही पड़ेगा।’

राहुल गांधी ने कोरोना का जिक्र करते हुए कहा- ‘मैंने कोरोना के बारे में बोला था, उस समय किसी ने बात नहीं सुनी, आज मैं फिर से बोल रहा हूं, किसान के सामने मजदूर के सामने कोई भी शक्ति खड़ी नहीं हो सकती। अगर प्रधानमंत्री जी ने कानून वापस नहीं लिए, सिर्फ भाजपा और आरएसएस को नहीं बल्कि देश को नुकसान होने जा रहा है।’

उन्होंने कहा-‘ भाजपा, नरेंद्र मोदी जी का एक ही लक्ष्य है और उसे किसान और मजदूर समझ गया है, लक्ष्य है कि उनके आसपास 2-4 बड़े उद्योगपति है उनके लिए नरेंद्र मोदी जी पैसे बनाने का काम करते हैं। जो भी नरेंद्र मोदी जी के खिलाफ खड़े होते हैं वो उनके बारे में कुछ न कुछ गलत बोलते रहते हैं, किसान खड़े हो जाएंगे तो उन्हें आतंकवादी बोलेंगे, मजदूर खड़े हो जाएं तो उन्हें आतंकवादी बोलते हैं।’

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