संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से होगा शुरू, 1 फरवरी को पेश किया जाएगा आम बजट

आम बजट एक फरवरी 2021 को पेश किए जाएगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने ब्रिटिश जमाने से चली आ रही फरवरी के अंत में बजट पेश करने की प्रथा को समाप्त कर दिया था.

कोरोना वायरस के फैले प्रकोप के बीच संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू होने जा रहा है. इस बीच कोविड-19 के सभी प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया जाएगा. सूत्रों ने सीसीपीए की सिफारिशों का हवाला देते हुए कहा, राज्यसभा और लोकसभा यानि दोनों सदन 4-4 घंटे चलेंगे. बताया जा रहा है कि एक फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा.

उन्होंने बताया है कि संसद का बजट सत्र दो भागों में आयोजित किया जाएगा. सत्र का पहला चरण 29 जनवरी को राष्ट्रपति कोविंद के अभिभाषण के साथ शुरू होगा और 15 फरवरी को समाप्त होगा. दूसरा चरण 8 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा.

केंद्र ने पिछले महीने संसद के शीतकालीन सत्र को कोरोना वायरस महामारी के कारण रद्द कर दिया था. संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कांग्रेस के लोकसभा नेता को लिखे पत्र में कहा था कि सभी राजनीतिक दल कोविड के प्रसार से बचने के लिए सत्र को रोकने के पक्ष में है.

इस वजह से महत्वपूर्ण है यह बजट

वित्त मंत्रालय ने पिछले साल अक्टूबर में ही 2021-22 के लिए बजट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. यह प्रक्रिया ऐसे समय शुरू हुई थी जब कोविड-19 संकट से प्रभावित आर्थिक वृद्धि को गति देने की जरूरत है. आगामी वित्त वर्ष का बजट काफी महत्वपूर्ण है. इसमें महामारी से प्रभावित राजस्व संग्रह, विनिवेश, व्यय, निर्यात और खाद्य वस्तुओं की कीमतों समेत अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों पर गौर करने की जरूरत होगी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का तीसरा बजट

यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का तीसरा बजट होगा. बजट एक फरवरी 2021 को पेश किए जाएगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने ब्रिटिश जमाने से चली आ रही फरवरी के अंत में बजट पेश करने की प्रथा को समाप्त कर दिया. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उस समय के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पहली बार एक फरवरी 2017 को बजट पेश कर इस परिपाटी को समाप्त किया था.

पहले बजट पेश करने से विभागों के लिए हुई आसानी

आम बजट को फरवरी के अंत में पेश करने के बजाय अब फरवरी की शुरुआत में पेश करने और नया वित्त वर्ष शुरू होने से पहले ही पारित किए जाने से मंत्रालय-विभागों को नए वित्त वर्ष की शुरुआत से ही बजट आवंटन हो जाता है और वह अपना काम आगे बढ़ा सकते हैं. इससे पहले जब फरवरी अंत में बजट पेश होता था तब मई तक ही बजट को पूरी तरह से मंजूरी मिल पाती थी. ऐसे में पहली तिमाही और उसके बाद मानसून आने से मंत्रालयों और विभागों का वास्तविक कामकाज अगस्त अंत अथवा सितंबर से ही शुरू हो पाता था.

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