10वें दौर की बैठक से पहले किसानों को कृषि मंत्री की नसीहत, कहा- ‘‘अड़ियल’’ रुख छोड़ें

नये कृषि कानूनों को लेकर 19 जनवरी को होने वाली दसवें दौर की वार्ता से पहले कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने रविवार को किसान नेताओं से फिर आग्रह किया कि वे नए कृषि कानूनों पर अपना ‘‘अड़ियल’’ रुख छोड़ दें और कानूनों की हर धारा पर चर्चा के लिए आएं।

नई दिल्ली: नये कृषि कानूनों को लेकर 19 जनवरी को होने वाली दसवें दौर की वार्ता से पहले कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने रविवार को किसान नेताओं से फिर आग्रह किया कि वे नए कृषि कानूनों पर अपना ‘‘अड़ियल’’ रुख छोड़ दें और कानूनों की हर धारा पर चर्चा के लिए आएं। तोमर ने मध्य प्रदेश में अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र मुरैना रवाना होने से पहले पत्रकारों से कहा, ‘‘अब जबकि उच्चतम न्यायालय ने इन कानूनों के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है तो ऐसे में अड़ियल रुख अपनाने का कोई सवाल हीं नहीं उठता है।’’

उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि किसान नेता 19 जनवरी को होने वाली अगली बैठक में कानून की हर धारा पर चर्चा के लिए आएं। उन्होंने कहा कि कानूनों को निरस्त करने की मांग को छोड़कर, सरकार ‘‘गंभीरता से और खुले मन के साथ’’ अन्य विकल्पों पर विचार करने के लिए तैयार है। तोमर हजूर साहिब नांदेड़-अमृतसर सुपरफास्ट एक्सप्रेस द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए रवाना हुए। उन्हें सिख समुदाय के सह-यात्रियों से लंगर साझा करते हुए देखा गया।

गौरतलब है कि केन्द्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसान विशेषकर हरियाणा और पंजाब के किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर 11 जनवरी को अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी। साथ ही, न्यायालय ने गतिरोध का हल निकालने के लिए चार सदस्यीय एक समिति भी नियुक्त की थी।

तोमर ने कहा कि सरकार ने कुछ रियायतों की पेशकश की थी, लेकिन किसान नेताओं ने लचीला रूख नहीं दिखाया और वे लगातार कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि सरकार पूरे देश के लिए कानून बनाती है। कई किसानों, विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों ने कानूनों का समर्थन किया है। केन्द्र और 41 किसान यूनियनों के बीच अब तक नौ दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है।

वहीं, अब किसानों के प्रदर्शन में राजनीतिक दलों की भूमिका भी देखने को मिल सकती है। दरअसल, रविवार को बीकेयू (चढ़ूनी गुट) के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष गुरनानसिंह चढूनी की अध्यक्षता में कई राजनीतिक दलों के साथ बैठक हुई। बैठक में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस, अकाली दल,राष्ट्रीय लोक दल, वाम दलों समेत कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, सांसद व विधायक मौजूद रहे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, पूर्व सांसद उदितराज, अशोक तंवर भी बैठक में थे।

बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से धीरज शर्मा थे। धीरज शर्मा ने कहा कि ने किसान संगठनों की सराहते हुए इस अभियान को घर घर तक ले जाने का वादा किया। उन्होंने खासतौर पर देश के युवाओं तक पहुंचने और उन्हें सरकार की किसान-मज़दूर विरोधी नीतियों के बारे में अवगत कराने का आवाह्न किया।

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